शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) में बीते सत्र के रि-अपीयर परीक्षाओं के परिणाम (results of exams) अब तक घोषित नहीं हो सके हैं. परीक्षा परिणाम न आने से विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. परिणाम घोषित न होने की वजह से विद्यार्थियों के मन में असमंजस की स्थिति बरकरार है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad , ABVP) ने शुक्रवार को अतिरिक्त परीक्षा से नियंत्रक का घेराव किया. घेराव के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने परीक्षा सह नियंत्रक को मोबाइल पर मैसेज दिखाया. इस मैसेज में छात्रा ने रि-अपीयर का परिणाम न आने की वजह से मानसिक तनाव की बात लिखी है.
छात्रा ने मैसेज लिखा है कि यदि समय पर उनका रिजल्ट घोषित नहीं किया गया, तो वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे. ऐसे में परिषद के कार्यकर्ताओं ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने छात्रा की समस्या को रखा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) के इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि विद्यार्थियों के प्रति विश्वविद्यालय के ढीले और नकारात्मक रवैये की वजह से विद्यार्थी मानसिक तौर पर परेशान (student mentally disturbed) हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने अन्य मांगों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रोफेशनल कोर्स में हर साल हजारों विद्यार्थी दाखिला लेते हैं ताकि अपना भविष्य बना सके, लेकिन विश्वविद्यालय इन विद्यार्थियों की सुध तक नहीं ले रहा है.
विश्वविद्यालय ने बीबीए, बीसीए, बी. वॉक आदि की डेटशीट तक जारी नहीं की है. 10 अगस्त हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University, HPU) में नए शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में इन विद्यार्थियों के सामने असमंजस है कि यह पीजी कोर्स में किस तरह दाखिला लेंगे. इसके साथ ही विद्यार्थी परिषद ने परीक्षाओं के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन पर परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से लूट करने का भी आरोप लगाया.
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उन्होंने कहा कि यूजी के जिन विद्यार्थियों को डिग्री पूरी करने के गोल्डन चांस दिए गए हैं, उनसे 5 हजार से 20 हजार तक की फीस वसूली जा रही गई, लेकिन अब तक इन विद्यार्थियों की परीक्षाओं की तिथि भी जारी नहीं की गई है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन (university administration) की कार्यप्रणाली पर कई बड़े सवाल खड़े होते हैं. छात्रों ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन सभी गंभीर विषयों पर विचार कर जल्द से जल्द कोई फैसला लें, ताकि इन विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो. विद्यार्थी परिषद ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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