शिमला: छात्र अभिभावक मंच (Student Parents Forum) ने निजी स्कूलों में वर्ष 2022 की वार्षिक फीसों के निर्धारण के लिए शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशनुसार तुरंत अभिभावकों की आम सभाएं आयोजित करने की मांग उठाई है. मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि फीसों के संदर्भ में 5 दिसंबर 2019 की अधिसूचना को लागू किया जाए. मंच ने चेताया है कि बगैर आम सभा की सहमति के अगर इस वर्ष फीस बढ़ोतरी की तो आंदोलन होगा. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की नाकामी के कारण निजी स्कूल वर्षों से लगातार मनमानी कर रहे हैं.
इसी का नतीजा है कि शीतकालीन सत्र (Winter closing schools Himachal) के कुछ निजी स्कूलों ने सत्र शुरू होते ही एनुअल चार्जेज व फीस बढ़ोतरी के रूप में अभिभावकों की मनमानी लूट शुरू कर दी है. उन्होंने उच्चतर शिक्षा निदेशालय से वर्ष 2019 की तर्ज पर ही फीसें वसूलने व आम सभा की इजाजत के बिना किसी भी तरह की फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के संदर्भ में शिक्षा विभाग की 5 दिसंबर 2019 की अधिसूचना को लागू करने की मांग की है.
उन्होंने मांग की है कि अभिभावकों की आम सभाएं आयोजित करने के संदर्भ में 5 दिसंबर 2019 की अधिसूचना को लागू करने के संदर्भ में उच्चतर शिक्षा निदेशक (Education department Himachal) को तुरंत आदेश जारी करने चाहिए, ताकि निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की लूट न कर पाएं. विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों से जारी कोरोना काल में भी निजी स्कूल टयूशन फीस के अलावा एनुअल चार्जेज,कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम, मिसलेनियस, स्पोर्ट्स, मेंटेनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग फंड, ट्रांसपोर्ट व अन्य सभी प्रकार के फंड व चार्जेज वसूलते रहे हैं.
निजी स्कूलों ने बड़ी चतुराई से वर्ष 2021 में कुल फीस के अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा हिस्से को टयूशन फीस व एनुअल चार्जेज में बदल कर लूट को जारी रखा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग व सरकार की नाकामी के कारण ही एक दिन भी स्कूल नहीं गए बच्चों की फीस में पिछले दो वर्षों में स्कूलों ने पंद्रह से पचास प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की. उन्होंने कहा कि अभिभावक वर्ष 2019 की तर्ज पर ही फीस जमा करेंगे व मनमानी लूट का कड़ा विरोध करेंगे.
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