ETV Bharat / city

छात्र अभिभावक मंच का शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन, निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग

राजधानी शिमला में निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावकों ने बुधवार को शिक्षा निदेशालय के बार धरना प्रदर्शन किया. छात्र अभिभावक मंच का आरोप है कि प्रदेश सरकार की नाकामी और उनकी निजी स्कूलों से मिलीभगत की वजह से अभिभावकों को परेशानी उठानी पड़ रही है. यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो अभिभावक उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

student-parent-forum-submitted-memorandum-to-the-director-of-education-in-shimla
फोटो.
author img

By

Published : Sep 22, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 4:26 PM IST

शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मोर्चा खोल दिया है. मंच ने बुधवार शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि, किताबों के नाम पर की जा रही लूट को रोकने के मांग की गई. साथ ही, मंच ने शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंप कर निजी स्कूलों पर लगाम लगाने और अभिभावकों से अतिरिक्त फीस की डिमांड को वापस लेने की मांग की है. मंच का कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता तो अभिभावक उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.


मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसके निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल दोबारा से मनमानी पर उतर आए हैं. स्कूलों में फीस बढ़ाई गई है और सरकार शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. परीक्षा के नाम पर निजी स्कूलों में फीस बढ़ाई गई है. किताबों के नाम पर भी अभिभवकों को लूटा जा रहा है. जो किताबें सरकार 50 रुपए में सरकारी स्कूलों के लिए खरीदती है. वहीं, किताब निजी स्कूलों के लिए 150 रुपए तक मिल रही है. ये सब निजी स्कूलों की मिलीभगत से हो रहा है.

वीडियो.
सरकार से निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की जा रही है. सरकार ने सुझाव भी मांगे थे, लेकिन अभी तक उसमें कुछ नहीं हो पाया है. विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निजी स्कूलों की फीस के संचालन के संदर्भ में दिए गए. मार्च 2020 के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं. इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं. स्कूलों में पीटीए का गठन नही किया जा रहा है और यदि सरकार शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती तो उग्र आंदोलन शूरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: ये कैसा विकास! बिलासपुर में पानी के तेज बहाव में खड्ड पार करने पर मजबूर ग्रामीण

शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मोर्चा खोल दिया है. मंच ने बुधवार शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि, किताबों के नाम पर की जा रही लूट को रोकने के मांग की गई. साथ ही, मंच ने शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंप कर निजी स्कूलों पर लगाम लगाने और अभिभावकों से अतिरिक्त फीस की डिमांड को वापस लेने की मांग की है. मंच का कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता तो अभिभावक उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.


मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसके निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल दोबारा से मनमानी पर उतर आए हैं. स्कूलों में फीस बढ़ाई गई है और सरकार शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. परीक्षा के नाम पर निजी स्कूलों में फीस बढ़ाई गई है. किताबों के नाम पर भी अभिभवकों को लूटा जा रहा है. जो किताबें सरकार 50 रुपए में सरकारी स्कूलों के लिए खरीदती है. वहीं, किताब निजी स्कूलों के लिए 150 रुपए तक मिल रही है. ये सब निजी स्कूलों की मिलीभगत से हो रहा है.

वीडियो.
सरकार से निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की जा रही है. सरकार ने सुझाव भी मांगे थे, लेकिन अभी तक उसमें कुछ नहीं हो पाया है. विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निजी स्कूलों की फीस के संचालन के संदर्भ में दिए गए. मार्च 2020 के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं. इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं. स्कूलों में पीटीए का गठन नही किया जा रहा है और यदि सरकार शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती तो उग्र आंदोलन शूरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: ये कैसा विकास! बिलासपुर में पानी के तेज बहाव में खड्ड पार करने पर मजबूर ग्रामीण

Last Updated : Sep 22, 2021, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.