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मंडी के छात्र का हाईकोर्ट को पत्र, शनिवार को होगी सुनवाई - Vijay Senior Secondary School Mandi

प्रदेश हाईकोर्ट में सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के स्कूल भवन, खेल के मैदान इत्यादि को बर्बाद करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई  4 दिसंबर के लिए(High Court hearing on Saturday) टल गई. गौरतलब है कि हाईकोर्ट विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के छात्र (Mandi student's letter to High Court)द्वारा मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ही स्कूल भवन, खेल के मैदान और मंच आदि को भौतिक रूप से नष्ट कर दिया और खाली जगह को भी ढक दिया गया.

Vijay Senior Secondary School Mandi
विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी
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Published : Dec 2, 2021, 8:52 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के स्कूल भवन, खेल के मैदान इत्यादि को बर्बाद करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई 4 दिसंबर के लिए(High Court hearing on Saturday) टल गई. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के छात्र (Mandi student's letter to High Court)द्वारा मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ही स्कूल भवन, खेल के मैदान और मंच आदि को भौतिक रूप से नष्ट कर दिया और खाली जगह को भी ढक दिया गया है, जिससे स्कूल में अफरा तफरी का माहौल है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां बड़े शॉपिंग मॉल बनाने का प्रस्ताव है, जिससे कुछ अमीर लोगों और राजनीतिक नेताओं को फायदा होगा.

उन्होंने आरोप लगाया है कि एक निजी स्कूल खोलने के लिए खेल का मैदान होना अनिवार्य बनाया गया, जबकि उक्त स्कूल में सरकार ने खुद ही खेल के मैदान को बर्बाद कर दिया .सरकार के डर से स्थानीय निवासी, मीडिया और सामाजिक संगठन सामने नहीं आ रहे . भवन में पहले एक प्राथमिक सरकारी स्कूल था, जिसे कुछ साल पहले बंद कर दिया गया था और अब सरकार अवैध रूप से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी बंद करने की साजिश रच रही है, ताकि अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों को समायोजित किया जा सके.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि गरीब, अनाथ और प्रवासी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं और अधिकारियों द्वारा छात्रों का परिणाम खराब करने की धमकी देकर मानसिक रूप से दबाव डाला जा रहा और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं. इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्कूल मैनेजमेंट कमिटी यू ब्लॉक (कन्या विद्यालय) ने भी कोर्ट से गुहार लगाई कि उपरोक्त शैक्षणिक संस्थान को तोड़ने से बचाया जाए एवं बच्चों के हितों की रक्षा की जाए. अभी तक इस जनहित याचिका में प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक कोई संतोषजनक जवाब दायर नहीं किया गया.कोर्ट ने प्रतिवादियों को अगली तारीख से पहले अपने जवाब दायर करने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें :विस अध्यक्ष विपिन परमार ने तपोवन में शीतकालीन सत्र की तैयारियों का लिया जायजा

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के स्कूल भवन, खेल के मैदान इत्यादि को बर्बाद करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई 4 दिसंबर के लिए(High Court hearing on Saturday) टल गई. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी के छात्र (Mandi student's letter to High Court)द्वारा मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ही स्कूल भवन, खेल के मैदान और मंच आदि को भौतिक रूप से नष्ट कर दिया और खाली जगह को भी ढक दिया गया है, जिससे स्कूल में अफरा तफरी का माहौल है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां बड़े शॉपिंग मॉल बनाने का प्रस्ताव है, जिससे कुछ अमीर लोगों और राजनीतिक नेताओं को फायदा होगा.

उन्होंने आरोप लगाया है कि एक निजी स्कूल खोलने के लिए खेल का मैदान होना अनिवार्य बनाया गया, जबकि उक्त स्कूल में सरकार ने खुद ही खेल के मैदान को बर्बाद कर दिया .सरकार के डर से स्थानीय निवासी, मीडिया और सामाजिक संगठन सामने नहीं आ रहे . भवन में पहले एक प्राथमिक सरकारी स्कूल था, जिसे कुछ साल पहले बंद कर दिया गया था और अब सरकार अवैध रूप से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी बंद करने की साजिश रच रही है, ताकि अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों को समायोजित किया जा सके.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि गरीब, अनाथ और प्रवासी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं और अधिकारियों द्वारा छात्रों का परिणाम खराब करने की धमकी देकर मानसिक रूप से दबाव डाला जा रहा और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं. इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्कूल मैनेजमेंट कमिटी यू ब्लॉक (कन्या विद्यालय) ने भी कोर्ट से गुहार लगाई कि उपरोक्त शैक्षणिक संस्थान को तोड़ने से बचाया जाए एवं बच्चों के हितों की रक्षा की जाए. अभी तक इस जनहित याचिका में प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक कोई संतोषजनक जवाब दायर नहीं किया गया.कोर्ट ने प्रतिवादियों को अगली तारीख से पहले अपने जवाब दायर करने का निर्देश दिया.

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