शिमला: जिले में आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जिला शिमला के थाना बालूगंज के तहत सामने आया है. थाना बालूगंज क्षेत्र के समरहिल में 19 वर्षीय छात्र ने गले में फंदा लगाकार खुदकुश कर ली.
मृतक की पहचान संतोष कुमार, पुत्र धनीराम, गांव भारदल, तहसील आनी, जिला कुल्लू के तौर पर हुई है. संतोष कुमार लोअर सांगटी समरहिल कंवर निवास में रहता था और कोटशेरा कॉलेज में फर्स्ट ईयर में पढ़ता था. मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची. शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी भेज दिया है.
बता दें कि हिमाचल में आत्महत्या के काफी मामले सामने आए हैं. प्राय: इसे नौकरी का खोना या पारिवारिक कलह माना जा रहा है, लेकिन आत्महत्या को लेकर आईजीएमसी में मनोचिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने खुलासा किया है कि खुदकुशी के पीछे कई कारण छुपे होते हैं. देवेश शर्मा कहते हैं कि एक ही कारण से व्यक्ति आत्महत्या करे ऐसा कहना सही नहीं है. आत्महत्या करने वालों में 80 से 90 फीसदी मानसिक रोग से पीड़ित होते हैं. जैसे- डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया, मूड डिसऑर्डर, नशे का दुरुपयोग इत्यादि शामिल है.
मनोचिकित्सक डॉ. देवेश शर्मा का कहना है कि आत्महत्या करने वाला पहले से ही महत्वपूर्ण संकेत दे देता है. जैसे- जिंदगी भारी लगना, जीने की इच्छा न रहना, अपने आप को नुकसान पहुंचाना, भूख न लगना, नींद न आना इत्यादि. उन्होंने कहा कि कई बार व्यक्ति गलती से भी आत्महत्या कर लेता है. ऐसा जो बच गए हैं वो अनुभव साझा करते हैं. उन्होंने कहा कि समय पर संकेतों को समझ कर किसी को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता है.
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