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शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी, 'स्टीम इंजन' से होगी बाबा भलखू रेल संग्रहालय में एंट्री

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Published : Sep 18, 2019, 3:28 PM IST

राजधानी के ओल्ड बस स्टैंड के पास बाबा भलखू रेल संग्रहालय के गेट पर ही पर्यटकों को स्टीम इंजन से एंट्री मिलेगी. पर्यटक स्टीम इंजन के अंदर प्रवेश कर इसके एक दरवाजे से अंदर जाकर दूसरे दरवाजे से बाहर आ सकेंगे.

बाबा भलखू रेल संग्रहालय एंट्री

शिमला: राजधानी के ओल्ड बस स्टैंड के पास बाबा भलखू रेल संग्रहालय के गेट पर ही पर्यटकों को स्टीम इंजन से एंट्री मिलेगी. म्यूजियम का एंट्री गेट अब स्टीम इंजन की तरह ना केवल दिखाई देगा, बल्कि पर्यटकों को स्टीम इंजन का फील भी कराएगा.

खास बात ये है कि अभी तक पर्यटकों या स्थानीय लोगों ने कालका-शिमला रेलवे के पास हैरिटेज यानी कि ब्रिटिश काल के स्टीम इंजन के बारे में सुना या उसे ट्रैक पर चलते देखा है. इंजन के बुकिंग पर ही भारी भरकम किराए की वजह से आम लोग इस में सफर नहीं कर पाते है, लेकिन उनकी चाह अब म्यूजियम गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन से पूरी होगी. इस इंजन का मॉडल तैयार कर शिमला पहुंचा दिया गया है और अब इसे लगाने का काम पूरा किया जा रहा है.

वीडियो

स्टीम इंजन का ये पूरा प्रारूप जो म्यूजियम गेट पर लगाया जाएगा. उसे म्यूजियम के ओल्ड बसस्टैंड के साथ लगाना है, जिसके लिए जो पहले टिकट काउंटर था उसे हटा दिया गया है. मेंबर रोलिंग स्टॉक रेलवे म्यूजियम बोर्ड राजेश अग्रवाल ने 23 दिसंबर 2018 को बाबा भलखू रेल संग्रहालय का निरीक्षण किया था. उन्होंने उस समय म्यूजियम के एंट्री गेट को स्टीम इंजन की लुक देने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद ये कार्य शुरू किया गया है. इसी स्टीम इंजन के मॉडल को हाल ही में हुए रेल मेले में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरुस्कार भी मिला है.

सहारनपुर में तैयार किया गया ये स्टीम इंजन का मॉडल यहां लगाने के साथ ही ओपन एयर म्यूजियम बनाने की योजना भी तैयार है. इसके तहत म्यूजियम की दीवारों पर विश्वधरोहर कालका-शिमला लाइन के इतिहास और इससे जुड़े रोचक किस्से कहानियों के बारे में पेंटिंग्स के माध्यम से अवगत करवाया जाएगा.

म्यूजियम के गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन की खासियत

स्टीम इंजन की खासियत ये है कि ये पर्यटकों को असली स्टीम इंजन का ही फील देगा. जहां मॉडल स्थापित किया जाएगा,वहां पैर रखते ही लाइट्स जल उठेगी. जब कदम ऊपर की ओर बढेंगे तो इंजन से छुकछुक की आवाज आएगी ओर जैसे ही इसका दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश करेंगे तो सीटी बजने के साथ ही इंजन से धुआं निकलेगा. इंजन के अंदर में कोयला जलता हुआ दिखाया गया है और मशीनरी भी वैसी ही होगी जैसी की वास्तविक स्टीम इंजन में होती है.

बाबा भलखू संग्रहालय के प्रबंधक कृष्ण कल्याण ने बताया कि स्टीम इंजन का मॉडल लगाने के साथ ही म्यूजियम के विस्तार और आकर्षण को बढ़ाने के लिए ओर भी योजनाएं है. जिसके तहत पार्क बनाने के साथ ही आधुनिक सार्वजनिक शौचालय और कैफेटेरिया भी बनाया जाएगा. इसके अलावा आने वाले समय में म्यूजियम के दूसरे छोर पंचायत भवन की ओर से भी प्रवेश गेट म्यूजियम के लिए बनाया जाएगा और वहां भी स्टीम इंजन का मॉडल वाला गेट लगाया जाएगा.

बता दें कि पर्यटक स्टीम इंजन के अंदर प्रवेश कर इसके एक दरवाजे से अंदर जाकर दूसरे दरवाजे से बाहर आ सकेंगे. 15 दिन के अंदर इसे म्यूजियम के प्रवेश गेट पर लगा दिया जाएगा. इसके लगने के बाद इस म्यूजियम का आकर्षण केन्द्र बन जाएगा.

शिमला: राजधानी के ओल्ड बस स्टैंड के पास बाबा भलखू रेल संग्रहालय के गेट पर ही पर्यटकों को स्टीम इंजन से एंट्री मिलेगी. म्यूजियम का एंट्री गेट अब स्टीम इंजन की तरह ना केवल दिखाई देगा, बल्कि पर्यटकों को स्टीम इंजन का फील भी कराएगा.

खास बात ये है कि अभी तक पर्यटकों या स्थानीय लोगों ने कालका-शिमला रेलवे के पास हैरिटेज यानी कि ब्रिटिश काल के स्टीम इंजन के बारे में सुना या उसे ट्रैक पर चलते देखा है. इंजन के बुकिंग पर ही भारी भरकम किराए की वजह से आम लोग इस में सफर नहीं कर पाते है, लेकिन उनकी चाह अब म्यूजियम गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन से पूरी होगी. इस इंजन का मॉडल तैयार कर शिमला पहुंचा दिया गया है और अब इसे लगाने का काम पूरा किया जा रहा है.

वीडियो

स्टीम इंजन का ये पूरा प्रारूप जो म्यूजियम गेट पर लगाया जाएगा. उसे म्यूजियम के ओल्ड बसस्टैंड के साथ लगाना है, जिसके लिए जो पहले टिकट काउंटर था उसे हटा दिया गया है. मेंबर रोलिंग स्टॉक रेलवे म्यूजियम बोर्ड राजेश अग्रवाल ने 23 दिसंबर 2018 को बाबा भलखू रेल संग्रहालय का निरीक्षण किया था. उन्होंने उस समय म्यूजियम के एंट्री गेट को स्टीम इंजन की लुक देने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद ये कार्य शुरू किया गया है. इसी स्टीम इंजन के मॉडल को हाल ही में हुए रेल मेले में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरुस्कार भी मिला है.

सहारनपुर में तैयार किया गया ये स्टीम इंजन का मॉडल यहां लगाने के साथ ही ओपन एयर म्यूजियम बनाने की योजना भी तैयार है. इसके तहत म्यूजियम की दीवारों पर विश्वधरोहर कालका-शिमला लाइन के इतिहास और इससे जुड़े रोचक किस्से कहानियों के बारे में पेंटिंग्स के माध्यम से अवगत करवाया जाएगा.

म्यूजियम के गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन की खासियत

स्टीम इंजन की खासियत ये है कि ये पर्यटकों को असली स्टीम इंजन का ही फील देगा. जहां मॉडल स्थापित किया जाएगा,वहां पैर रखते ही लाइट्स जल उठेगी. जब कदम ऊपर की ओर बढेंगे तो इंजन से छुकछुक की आवाज आएगी ओर जैसे ही इसका दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश करेंगे तो सीटी बजने के साथ ही इंजन से धुआं निकलेगा. इंजन के अंदर में कोयला जलता हुआ दिखाया गया है और मशीनरी भी वैसी ही होगी जैसी की वास्तविक स्टीम इंजन में होती है.

बाबा भलखू संग्रहालय के प्रबंधक कृष्ण कल्याण ने बताया कि स्टीम इंजन का मॉडल लगाने के साथ ही म्यूजियम के विस्तार और आकर्षण को बढ़ाने के लिए ओर भी योजनाएं है. जिसके तहत पार्क बनाने के साथ ही आधुनिक सार्वजनिक शौचालय और कैफेटेरिया भी बनाया जाएगा. इसके अलावा आने वाले समय में म्यूजियम के दूसरे छोर पंचायत भवन की ओर से भी प्रवेश गेट म्यूजियम के लिए बनाया जाएगा और वहां भी स्टीम इंजन का मॉडल वाला गेट लगाया जाएगा.

बता दें कि पर्यटक स्टीम इंजन के अंदर प्रवेश कर इसके एक दरवाजे से अंदर जाकर दूसरे दरवाजे से बाहर आ सकेंगे. 15 दिन के अंदर इसे म्यूजियम के प्रवेश गेट पर लगा दिया जाएगा. इसके लगने के बाद इस म्यूजियम का आकर्षण केन्द्र बन जाएगा.

Intro:राजधानी शिमला के ओल्ड बसस्टैंड के पास बाबा भलखू रेल संग्रहालय के गेट पर ही पर्यटकों को स्टीम इंजन से एंट्री मिलेगी। म्यूजियम का एंट्री गेट अब स्टीम इंजन की तरह ना केवल दिखाई देगा बल्कि पर्यटकों को स्टीम इंजन का फील भी पर्यटकों को मिलेगा।पर्यटक इस स्टीम इंजन के अंदर प्रवेश कर इसके एक दरवाज़े से अंदर जा कर दूसरे दरवाजे से बाहर आ सकेंगे।15 दिन के अंदर इसे म्यूजियम के प्रवेश गेट पर लगा दिया जाएगा। इसके लगने के बाद इस म्यूजियम का आकर्षण पर्यटकों में ओर अधिक बढ़ेगा।


Body:खास बात यह है कि अभी तक पर्यटकों या स्थानीय लोगों ने कालका-शिमला रेलवे के पास हैरिटेज यानी कि ब्रिटिश काल के स्टीम इंजन के बारे में सुना या उसे ट्रैक पर चलते देखा है। इस इंजन के बुकिंग पर ही भारी भरकम किराए की वजह से आम लोग इस में सफर नहीं कर पाते है उनकी यह चाह अब म्यूजियम गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन से होगी। इस इंजन का मॉडल तैयार कर शिमला पहुंचा दिया गया है और अब इसे लगाने का काम पूरा किया जा रहा है। स्टीम इंजन का यह पूरा प्रारूप जो म्यूजियम गेट पर लगाया जाएगा उसे म्यूजियम के ओल्ड बसस्टैंड के साथ जहां लगाया जाना है उसके लिए यहां पहले जो टिकट काउंटर चल रहा था उसे हटा दिया गया है। मेंबर रोलिंग स्टॉक रेलवे म्यूजियम बोर्ड राजेश अग्रवाल ने 23 दिसंबर 2018 को बाबा भलखू रेल संग्रहालय का निरीक्षण किया था । उन्होंने उस समय म्यूजियम के एंट्री गेट को स्टीम इंजन की लुक देने के निर्देश दिए थे जिसके बाद यह पूरा कार्य शुरू किया गया है। इसी स्टीम इंजन के मॉडल को हाल ही में हुए रेल मेले में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरुस्कार भी मिला है।


Conclusion:सहारनपुर में तैयार किया गया यह स्टीम इंजन का मॉडल यहां लगाने के साथ ही ओपन एयर म्यूजियम बनाने की योजना भी तैयार है। इसके तहत म्यूजियम की दीवारों पर विश्वधरोहर कालका-शिमला लाइन के इतिहास और इससे जुड़े रोचक किस्से कहानियों के बारे में पेंटिंग्स के माध्यम से अवगत करवाया जाएगा। बाबा भलखू संग्रहालय के प्रबंधक कृष्ण कल्याण ने कहा कि स्टीम इंजन का मॉडल लगाने के साथ ही म्यूजियम के विस्तार और आकर्षण को बढ़ाने के लिए ओर भी योजनाएं है जिसके तहत यहां पार्क बनाने के साथ ही आधुनिक सार्वजनिक शौचालय ओर कैफेटेरिया भी बनाया जाएगा। इसके अलावा आने वाले समय में म्यूजियम के दूसरे छोर पंचायत भवन की ओर से भी प्रवेश गेट म्यूजियम के लिए बनाया जाएगा। वहां भी स्टीम इंजन का मॉडल वाला गेट लगाया जाएगा।

यह होगी म्यूजियम के गेट पर लगने वाले स्टीम इंजन की खासियत

इस स्टीम इंजन की खासियत यह है कि यह पर्यटकों को असली स्टीम इंजन का ही फील देगा। जहां यह मॉडल स्थापित किया जाएगा वहां जिस प्लेटफॉर्म पर यह मॉडल रखा जाएगा उस पर पैर रखते ही लाइट्स जल उठेगी। जब क़दम ऊपर की ओर बढेंगे तो इंजन से छुकछुक की आवाज आएगी ओर जैसे ही इसका दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश करेंगे तो सीटी बजने के साथ ही इंजन से धुआं निकलेगा। इस इंजन में अंदर से भी हूबहू लुक दिया गया है जहां लाइट से जलता हुआ कोयला दिखाया जाएगा तो वहीं अंदर सारी मशीनरी भी वैसी ही होगी जैसी की वास्तविक स्टीम इंजन में मौजूद है।
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