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कोरोना महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रयास जारी

कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि सरकार की ओर से 104 हेल्थ हेल्पलाइन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य व नशामुक्ति से संबंधित परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है.

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Published : May 21, 2021, 2:16 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी के कारण अनेक लोग मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं. यह बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कही. उन्होंने कहा कि इस महामारी से पॉजिटिव मरीजों को बीमारी के दौरान, पोस्ट कोविड अवधि, पहले से मौजूद मानसिक विकारों वाले मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आम जनता के मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

मनोरोग परामर्श के लिए नई सुविधा

निपुण जिंदल ने कहा कि सरकार की ओर से 104 हेल्प हेल्पलाइन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य व नशामुक्ति से संबंधित परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है. राज्य सरकार की ओर से 1 अप्रैल, 2020 से मनोरोग परामर्श के लिए नई सुविधा ई-संजीवनी भी आरम्भ की गई है. लॉकडाउन और महामारी की स्थिति के कारण मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में वृद्धि की आशंका के दृष्टिगत स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकता को पूरा करने के लिए आईजीएमसी शिमला और एसएलबीएसजीएमसी नेरचौक मंडी में मनोचिकित्सकों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के रूप में तैनात किया गया है.

मानसिक स्वास्थ्य टीमों का गठन

इस सुविधा के माध्यम से अब तक 4854 परामर्श किए जा चुके हैं, जिसमें से 2337 रोगियों को जनवरी, 2021 से परामर्श प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर भी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं. जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य उपचारात्मक सेवाओं को मजबूत करने के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है. जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य निगरानी, जागरूकता लाने, मानसिक स्वास्थ्य रोग का जल्द पता लगाने और उपचार के लिए जिलों में विशेष सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है.

मनोचिकित्सक टीओटी के रूप में प्रशिक्षित

स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं में क्षमता निर्माण के लिए राज्य में परामर्शदाताओं के मॉड्यूल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं. जिलों में तैनात मनोचिकित्सकों को टीओटी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. जिंदल ने कहा कि लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विज्ञापन, होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, जिंगल्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नियमित रूप से प्रयास किए जा रहे हैं.

टोल फ्री हेल्पलाइन नबंर जारी

कोविड महामारी के दौरान बच्चों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा और भावनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ टोल फ्री परामर्श हेल्पलाइन संवेदना 1800-121-2830 के माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे हैं. यह हेल्पलाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे

ये भी पढ़ें: नगर निगम चुनाव में जनता ने बीजेपी को नकारा, 2022 में कांग्रेस बनाएगी सरकार: राठौर

शिमला: कोरोना महामारी के कारण अनेक लोग मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं. यह बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कही. उन्होंने कहा कि इस महामारी से पॉजिटिव मरीजों को बीमारी के दौरान, पोस्ट कोविड अवधि, पहले से मौजूद मानसिक विकारों वाले मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आम जनता के मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

मनोरोग परामर्श के लिए नई सुविधा

निपुण जिंदल ने कहा कि सरकार की ओर से 104 हेल्प हेल्पलाइन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य व नशामुक्ति से संबंधित परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है. राज्य सरकार की ओर से 1 अप्रैल, 2020 से मनोरोग परामर्श के लिए नई सुविधा ई-संजीवनी भी आरम्भ की गई है. लॉकडाउन और महामारी की स्थिति के कारण मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में वृद्धि की आशंका के दृष्टिगत स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकता को पूरा करने के लिए आईजीएमसी शिमला और एसएलबीएसजीएमसी नेरचौक मंडी में मनोचिकित्सकों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के रूप में तैनात किया गया है.

मानसिक स्वास्थ्य टीमों का गठन

इस सुविधा के माध्यम से अब तक 4854 परामर्श किए जा चुके हैं, जिसमें से 2337 रोगियों को जनवरी, 2021 से परामर्श प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर भी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं. जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य उपचारात्मक सेवाओं को मजबूत करने के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है. जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य निगरानी, जागरूकता लाने, मानसिक स्वास्थ्य रोग का जल्द पता लगाने और उपचार के लिए जिलों में विशेष सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है.

मनोचिकित्सक टीओटी के रूप में प्रशिक्षित

स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं में क्षमता निर्माण के लिए राज्य में परामर्शदाताओं के मॉड्यूल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं. जिलों में तैनात मनोचिकित्सकों को टीओटी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. जिंदल ने कहा कि लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विज्ञापन, होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, जिंगल्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नियमित रूप से प्रयास किए जा रहे हैं.

टोल फ्री हेल्पलाइन नबंर जारी

कोविड महामारी के दौरान बच्चों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा और भावनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ टोल फ्री परामर्श हेल्पलाइन संवेदना 1800-121-2830 के माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे हैं. यह हेल्पलाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे

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