शिमला: ब्रिटिश काल की समर कैपिटल रही और मौदूदा समय में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए आज भी देश-विदेश से हर रोज हजारों सैलानी आते हैं. समर कैपिटल होने की वजह से उस समय अग्रेजों ने शिमला को विकसीत करने की दृष्टि से बहुत इमारतों का निर्माण किया. जिनमें से अधिकतर इमारतें आज भी अपने स्वरूप में उसी तरह से बरकरार हैं.
इन्हीं इमारतों में से एक है शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर. साल 1887 में यह थियेटर बना यह गेयटी थियेटर देश और प्रदेश से जुड़े तमाम किस्से और इतिहास को संजोए हुए हैं. शिमला की शान कही जाने वाले इस गेयटी थिएटर के बिना माल रोड शिमला की हैरिटेज वॉक ऐतिहासिक बिल्कुल अधूरी है.
दुनिया में मौजूद हैं सिर्फ 6 गेयटी थिएटर
दुनिया भर में केवल 6 गेयटी थिएटर मौजूद हैं और उनमें से दो का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया गया है. जिनमें से एक गेयटी थिएटर प्रदेश की राजधानी के मॉल रोड पर स्थित है. ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने इस गेयटी थियेटर का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया. जिस वजह से यह गेयटी थिएटर खुद को दुनिया भर के थिएटरों से अलग करता है.
थियेटर के खास डिजाइन के चलते नहीं पड़ती है माइक की जरूरत
इस थियेटर की खास बात यह है कि यहां कलाकार को माइक की जरूरत नहीं पड़ती. इस थिएटर का निर्माण यू शेप में किया गया है जब भी थिएटर में कोई प्ले होता है तो बालकनी में बैठा हर व्यक्ति डायलॉग आराम से सुन सकता है.
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ब्रिटिशकाल में शिमला को क्लचरल सेंटर बनाना चाहते थे अंग्रेज
समर कैपिटल होने की वजह से शिमला में विदेशों से कलाकार थिएटर करने या अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देने आया करते थे, लेकिन उस दौरान कोई मंच या थिएटर न होने के कारण कलाकार अन्नाडेल ग्राउंड या फिर अंग्रेजी अफसरों के घरों में जाकर कला का प्रदर्शन किया करते थे. ब्रिटिशकाल में शिमला को अंग्रेज क्लचरल सेंटर भी बनाना चाहते थे, इसी उद्देश्य से उन्होंने गेयटी थियेटर का निर्माण किया.
रूडयार्ड किपलिंग जैसे कलाकार गेयटी थियेटर के रहे हैं मुरीद
ब्रटिश काल में गेयटी थियेटर को चलाने के लिए एमेच्योर ड्रामाटिक क्लब को भी शुरू किया था. क्लब के साथ गेयटी थियेटर में रूडयार्ड किपलिंग, लार्ड किचनर, मेजर जनरल सर गोडफ्रे विलियम्स, बेंडेन पॉवेल जैसे मशहूर हस्तियों का भी इस थियेटर के साथ नाता रहा है.
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टोम आलटर से लेकर पृथ्वी राज कपूर थियेटर में दे चुके हैं प्रस्तुतियां
वहीं, आजादी के बाद से इस थियेटर में हिंदुस्तानी कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी. सिने जगत से जुड़े कलाकारों के साथ ही अन्य कलाकार भी इस थियेटर से मुरीद रहे हैं. कुदंन लाल सहगल, पृथ्वी राज कपूर, टोम आलटर जैसे दिग्गज अभिनेता इस थियेटर में प्रस्तुति देना खुद का सौभाग्य मानते रहे हैं. इसके साथ-साथ अनुपम खेर, नशीरूद्दीन शाह, संजय मिश्रा भी इस थियेटर में अपना जादू बिखेर चुके हैं.
शशि कपूर गेयटी थिएटर की एक-एक ईंट को ले जाना चाहते थे मुंबई (बॉम्बे)
भारतीय सिने जगत के मशहूर अभिनेता शशि कपूर गेयटी थिएटर को देख कर कहते थे कि में इस थिएटर की एक-एक ईंट मुंबई (बॉम्बे) ले जाना चाहता हूं. हालांकि उन्होंने इस थिएटर को खरीदने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन सरकारी इमारत होने के चलते वह इसे खरीद नहीं पाए. शशि कपूर ने अपनी पत्नी जेनिफर कपूर को यहीं प्रपोज किया था.
2008 में 7 करोड़ की लागत से किया गया गेयटी का पुनरुद्धार
हालांकि 2008 में हिमाचल सरकार ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों के अनुसार सात करोड़ की लागत से गेयटी थिएटर का पुनरुद्धार किया गया. पुनरुद्धार के बाद भी इस थियेटर की ऐतिहासिकत्ता को बरकार रखने के लिए आज कई पुराने तौर तरीके अपनाए जाते हैं. जैसे थियेटर के परदों को आज भी रस्सी से ही खोला जाता है. साथ ही इस थियेटर के ग्रीन रूम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
कई हिस्सों में बंटा हुआ है गेयटी थिएटर
मौजूदा समय में गेयटी थियेटर में एक हॉल विक्टोरियन गोथिक शैली ने बना हुआ है. एक मल्टीपर्पस हॉल भी है, जहां ज्यादातर सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इसके साथ ही गेयटी के बाहर ओपन थियेटर भी है. इसके साथ ही कला अकादमी की गैलरी और आर्मी क्लब के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम भी इसी गेयटी के भवन के अलग-अलग हिस्सों में चल रहा है.
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