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हिमाचल की धरोहर: इस इमारत की 1-1 ईंट मुंबई ले जाना चाहते थे शशि कपूर

प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए आज भी देश-विदेश से हर रोज हजारों सैलानी आते हैं. इन्हीं इमारतों में से एक है शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर. भारतीय सिने जगत के मशहूर अभिनेता शशि कपूर इस गेयटी थिएटर की एक-एक ईंट मुंबई (बॉम्बे) ले जाना चाहते थे. हालांकि उन्होंने इस थिएटर को खरीदने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन सरकारी इमारत होने के चलते वह इसे खरीद नहीं पाए. शशि कपूर ने अपनी पत्नी जेनिफर कपूर को यहीं प्रपोज किया था.

special story on gaiety theater the heritage building of shimla
शिमला गेयटी थिएटर gaiety theater shimla
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Published : Mar 10, 2020, 1:41 AM IST

Updated : Mar 11, 2020, 8:04 PM IST

शिमला: ब्रिटिश काल की समर कैपिटल रही और मौदूदा समय में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए आज भी देश-विदेश से हर रोज हजारों सैलानी आते हैं. समर कैपिटल होने की वजह से उस समय अग्रेजों ने शिमला को विकसीत करने की दृष्टि से बहुत इमारतों का निर्माण किया. जिनमें से अधिकतर इमारतें आज भी अपने स्वरूप में उसी तरह से बरकरार हैं.

इन्हीं इमारतों में से एक है शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर. साल 1887 में यह थियेटर बना यह गेयटी थियेटर देश और प्रदेश से जुड़े तमाम किस्से और इतिहास को संजोए हुए हैं. शिमला की शान कही जाने वाले इस गेयटी थिएटर के बिना माल रोड शिमला की हैरिटेज वॉक ऐतिहासिक बिल्कुल अधूरी है.

वीडियो.

दुनिया में मौजूद हैं सिर्फ 6 गेयटी थिएटर

दुनिया भर में केवल 6 गेयटी थिएटर मौजूद हैं और उनमें से दो का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया गया है. जिनमें से एक गेयटी थिएटर प्रदेश की राजधानी के मॉल रोड पर स्थित है. ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने इस गेयटी थियेटर का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया. जिस वजह से यह गेयटी थिएटर खुद को दुनिया भर के थिएटरों से अलग करता है.

gaiety theater shimla
विक्टोरियन गोथिक शैली में बना गेयटी थियेटर

थियेटर के खास डिजाइन के चलते नहीं पड़ती है माइक की जरूरत

इस थियेटर की खास बात यह है कि यहां कलाकार को माइक की जरूरत नहीं पड़ती. इस थिएटर का निर्माण यू शेप में किया गया है जब भी थिएटर में कोई प्ले होता है तो बालकनी में बैठा हर व्यक्ति डायलॉग आराम से सुन सकता है.

ये भी पढ़ें- 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी

ब्रिटिशकाल में शिमला को क्लचरल सेंटर बनाना चाहते थे अंग्रेज

समर कैपिटल होने की वजह से शिमला में विदेशों से कलाकार थिएटर करने या अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देने आया करते थे, लेकिन उस दौरान कोई मंच या थिएटर न होने के कारण कलाकार अन्नाडेल ग्राउंड या फिर अंग्रेजी अफसरों के घरों में जाकर कला का प्रदर्शन किया करते थे. ब्रिटिशकाल में शिमला को अंग्रेज क्लचरल सेंटर भी बनाना चाहते थे, इसी उद्देश्य से उन्होंने गेयटी थियेटर का निर्माण किया.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
गेयटी थियेटर के भीतर का नजारा

रूडयार्ड किपलिंग जैसे कलाकार गेयटी थियेटर के रहे हैं मुरीद

ब्रटिश काल में गेयटी थियेटर को चलाने के लिए एमेच्योर ड्रामाटिक क्लब को भी शुरू किया था. क्लब के साथ गेयटी थियेटर में रूडयार्ड किपलिंग, लार्ड किचनर, मेजर जनरल सर गोडफ्रे विलियम्स, बेंडेन पॉवेल जैसे मशहूर हस्तियों का भी इस थियेटर के साथ नाता रहा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल की धरोहर: चिट्ठियों से लेकर E-mail तक शिमला जनरल पोस्ट ऑफिस की कहानी

टोम आलटर से लेकर पृथ्वी राज कपूर थियेटर में दे चुके हैं प्रस्तुतियां

वहीं, आजादी के बाद से इस थियेटर में हिंदुस्तानी कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी. सिने जगत से जुड़े कलाकारों के साथ ही अन्य कलाकार भी इस थियेटर से मुरीद रहे हैं. कुदंन लाल सहगल, पृथ्वी राज कपूर, टोम आलटर जैसे दिग्गज अभिनेता इस थियेटर में प्रस्तुति देना खुद का सौभाग्य मानते रहे हैं. इसके साथ-साथ अनुपम खेर, नशीरूद्दीन शाह, संजय मिश्रा भी इस थियेटर में अपना जादू बिखेर चुके हैं.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
गेयटी थिएटर का बाहरी मनमोहक दृश्य

शशि कपूर गेयटी थिएटर की एक-एक ईंट को ले जाना चाहते थे मुंबई (बॉम्बे)

भारतीय सिने जगत के मशहूर अभिनेता शशि कपूर गेयटी थिएटर को देख कर कहते थे कि में इस थिएटर की एक-एक ईंट मुंबई (बॉम्बे) ले जाना चाहता हूं. हालांकि उन्होंने इस थिएटर को खरीदने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन सरकारी इमारत होने के चलते वह इसे खरीद नहीं पाए. शशि कपूर ने अपनी पत्नी जेनिफर कपूर को यहीं प्रपोज किया था.

2008 में 7 करोड़ की लागत से किया गया गेयटी का पुनरुद्धार

हालांकि 2008 में हिमाचल सरकार ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों के अनुसार सात करोड़ की लागत से गेयटी थिएटर का पुनरुद्धार किया गया. पुनरुद्धार के बाद भी इस थियेटर की ऐतिहासिकत्ता को बरकार रखने के लिए आज कई पुराने तौर तरीके अपनाए जाते हैं. जैसे थियेटर के परदों को आज भी रस्सी से ही खोला जाता है. साथ ही इस थियेटर के ग्रीन रूम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
थिएटर में कला गैलरी

कई हिस्सों में बंटा हुआ है गेयटी थिएटर

मौजूदा समय में गेयटी थियेटर में एक हॉल विक्टोरियन गोथिक शैली ने बना हुआ है. एक मल्टीपर्पस हॉल भी है, जहां ज्यादातर सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इसके साथ ही गेयटी के बाहर ओपन थियेटर भी है. इसके साथ ही कला अकादमी की गैलरी और आर्मी क्लब के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम भी इसी गेयटी के भवन के अलग-अलग हिस्सों में चल रहा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल की धरोहर : शिमला में बना था देश का पहला ऑटोमेटिक टेलीफोन एक्सचेंज

शिमला: ब्रिटिश काल की समर कैपिटल रही और मौदूदा समय में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए आज भी देश-विदेश से हर रोज हजारों सैलानी आते हैं. समर कैपिटल होने की वजह से उस समय अग्रेजों ने शिमला को विकसीत करने की दृष्टि से बहुत इमारतों का निर्माण किया. जिनमें से अधिकतर इमारतें आज भी अपने स्वरूप में उसी तरह से बरकरार हैं.

इन्हीं इमारतों में से एक है शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर. साल 1887 में यह थियेटर बना यह गेयटी थियेटर देश और प्रदेश से जुड़े तमाम किस्से और इतिहास को संजोए हुए हैं. शिमला की शान कही जाने वाले इस गेयटी थिएटर के बिना माल रोड शिमला की हैरिटेज वॉक ऐतिहासिक बिल्कुल अधूरी है.

वीडियो.

दुनिया में मौजूद हैं सिर्फ 6 गेयटी थिएटर

दुनिया भर में केवल 6 गेयटी थिएटर मौजूद हैं और उनमें से दो का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया गया है. जिनमें से एक गेयटी थिएटर प्रदेश की राजधानी के मॉल रोड पर स्थित है. ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने इस गेयटी थियेटर का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया. जिस वजह से यह गेयटी थिएटर खुद को दुनिया भर के थिएटरों से अलग करता है.

gaiety theater shimla
विक्टोरियन गोथिक शैली में बना गेयटी थियेटर

थियेटर के खास डिजाइन के चलते नहीं पड़ती है माइक की जरूरत

इस थियेटर की खास बात यह है कि यहां कलाकार को माइक की जरूरत नहीं पड़ती. इस थिएटर का निर्माण यू शेप में किया गया है जब भी थिएटर में कोई प्ले होता है तो बालकनी में बैठा हर व्यक्ति डायलॉग आराम से सुन सकता है.

ये भी पढ़ें- 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी

ब्रिटिशकाल में शिमला को क्लचरल सेंटर बनाना चाहते थे अंग्रेज

समर कैपिटल होने की वजह से शिमला में विदेशों से कलाकार थिएटर करने या अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देने आया करते थे, लेकिन उस दौरान कोई मंच या थिएटर न होने के कारण कलाकार अन्नाडेल ग्राउंड या फिर अंग्रेजी अफसरों के घरों में जाकर कला का प्रदर्शन किया करते थे. ब्रिटिशकाल में शिमला को अंग्रेज क्लचरल सेंटर भी बनाना चाहते थे, इसी उद्देश्य से उन्होंने गेयटी थियेटर का निर्माण किया.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
गेयटी थियेटर के भीतर का नजारा

रूडयार्ड किपलिंग जैसे कलाकार गेयटी थियेटर के रहे हैं मुरीद

ब्रटिश काल में गेयटी थियेटर को चलाने के लिए एमेच्योर ड्रामाटिक क्लब को भी शुरू किया था. क्लब के साथ गेयटी थियेटर में रूडयार्ड किपलिंग, लार्ड किचनर, मेजर जनरल सर गोडफ्रे विलियम्स, बेंडेन पॉवेल जैसे मशहूर हस्तियों का भी इस थियेटर के साथ नाता रहा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल की धरोहर: चिट्ठियों से लेकर E-mail तक शिमला जनरल पोस्ट ऑफिस की कहानी

टोम आलटर से लेकर पृथ्वी राज कपूर थियेटर में दे चुके हैं प्रस्तुतियां

वहीं, आजादी के बाद से इस थियेटर में हिंदुस्तानी कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी. सिने जगत से जुड़े कलाकारों के साथ ही अन्य कलाकार भी इस थियेटर से मुरीद रहे हैं. कुदंन लाल सहगल, पृथ्वी राज कपूर, टोम आलटर जैसे दिग्गज अभिनेता इस थियेटर में प्रस्तुति देना खुद का सौभाग्य मानते रहे हैं. इसके साथ-साथ अनुपम खेर, नशीरूद्दीन शाह, संजय मिश्रा भी इस थियेटर में अपना जादू बिखेर चुके हैं.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
गेयटी थिएटर का बाहरी मनमोहक दृश्य

शशि कपूर गेयटी थिएटर की एक-एक ईंट को ले जाना चाहते थे मुंबई (बॉम्बे)

भारतीय सिने जगत के मशहूर अभिनेता शशि कपूर गेयटी थिएटर को देख कर कहते थे कि में इस थिएटर की एक-एक ईंट मुंबई (बॉम्बे) ले जाना चाहता हूं. हालांकि उन्होंने इस थिएटर को खरीदने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन सरकारी इमारत होने के चलते वह इसे खरीद नहीं पाए. शशि कपूर ने अपनी पत्नी जेनिफर कपूर को यहीं प्रपोज किया था.

2008 में 7 करोड़ की लागत से किया गया गेयटी का पुनरुद्धार

हालांकि 2008 में हिमाचल सरकार ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों के अनुसार सात करोड़ की लागत से गेयटी थिएटर का पुनरुद्धार किया गया. पुनरुद्धार के बाद भी इस थियेटर की ऐतिहासिकत्ता को बरकार रखने के लिए आज कई पुराने तौर तरीके अपनाए जाते हैं. जैसे थियेटर के परदों को आज भी रस्सी से ही खोला जाता है. साथ ही इस थियेटर के ग्रीन रूम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

शिमला गेयटी थिएटर  gaiety theater shimla
थिएटर में कला गैलरी

कई हिस्सों में बंटा हुआ है गेयटी थिएटर

मौजूदा समय में गेयटी थियेटर में एक हॉल विक्टोरियन गोथिक शैली ने बना हुआ है. एक मल्टीपर्पस हॉल भी है, जहां ज्यादातर सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इसके साथ ही गेयटी के बाहर ओपन थियेटर भी है. इसके साथ ही कला अकादमी की गैलरी और आर्मी क्लब के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम भी इसी गेयटी के भवन के अलग-अलग हिस्सों में चल रहा है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल की धरोहर : शिमला में बना था देश का पहला ऑटोमेटिक टेलीफोन एक्सचेंज

Last Updated : Mar 11, 2020, 8:04 PM IST
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