शिमला: राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाया गया अभियान भले ही प्रदेश के सभी जिलों में समाप्त हो गया है, लेकिन शिमला शहर में ये अभियान वीरवार को शुरु हुआ है.
अभियान को सफल बनाने के लिए घर-घर जाकर लोगों की सैंपलिंग की जाएगी. इसमे तपेदिक,कुष्ठ रोग,मधुमेह, और उच्च रक्तचाप के मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला डॉ. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि शिमला के सभी ब्लॉक में हिम सुरक्षा अभियान शुरू किया गया था, लेकिन शिमला शहर में यह अभियान शुरू नहीं हो पाया था.
शिमला में 19 लोगों में कोरोना के लक्षण
हिम सुरक्षा अभियान के तहत शिमला जिले में अब तक 19 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए. सभी को निगरानी में रखा गया है. जिनका उपचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब यह अभियान प्रदेश भर में शुरु हुआ था तब आंगनवाड़ी और आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर इस काम को करने से मना कर दिया था, लेकिन अब विवाद सुलझ गया है और अभियान की शुरुआत की जा रही है. जिसमें शिमला शहर के हर घरों में जाकर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तपेदिक,और कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी और उनके सैंपल भरे जाएंगे. इसके अलावा यदि इन लोगों में से किसी को भी कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे क्वारन्टीन किया जाएगा.
एक्टिव केस फाइंडिंग के तहत लोगों के सैंपल लिए गए
बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 24 नवंबर को अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन शिमला शहर को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में घर-घर जाकर एक्टिव केस फाइंडिंग के तहत लोगों के सैंपल लिए गए थे. जिसका डाटा स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा है. हालांकि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन फिर भी हिम सुरक्षा अभियान के तहत कोमॉर्बिटी वाले लोगों की जांच कर सैंपलिंग की जा रही है, ताकि वारयस के संक्रमण को रोका जा सके.