शिमला: हिमाचल में स्थापित सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड बिजली उत्पादन में निरंतर नए रिकार्ड बना रहा है. इसी कड़ी में एसजेवीएन ने एक दिन में बिजली उत्पादन का नया रिकार्ड बनाया है. एसजेवीएन ने पिछले (SJVNL new record) हफ्ते एक दिन में 39. 526 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की. हिमाचल में रामपुर में नाथपा-झाकड़ी पावर प्रोजेक्ट में इससे पहले जुलाई महीने में कंपनी ने 39.524 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करने का रिकार्ड बनाया था.
कंपनी के चेयरमैन व एमडी नंदलाल शर्मा का कहना है कि 412 मैगावाट के रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन ने भी मौजूदा वित्तीय वर्ष में एक दिन में विद्युत उत्पादन में रिकार्ड स्थापित किया है. रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन ने एक ही दिन में 10.908 मिलियन विद्युत उत्पादन किया है. एसजेवीएन एक मिनी रत्न कंपनी है. एसजेवीएन भारत के अलावा विदेश में भी कई पावर प्रोजेक्ट्स संचालित कर रही है. कंपनी की तरफ से हिमाचल सरकार को समय-समय पर करोड़ों रुपए के लाभांश का चैक दिया जाता है.
इस कंपनी की स्थापना मई 1988 में हुई थी. तीन दशक से अधिक (SJVN Limited Himachal) समय में इस कंपनी ने उर्जा क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. इस समय कंपनी की नेटवर्थ 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट संचालित करती है. डेढ़ हजार मैगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन से शुरूआत करके इसने हिमाचल प्रदेश में 412 मैगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन व महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना को कमीशन किया है.
एसजेवीएन वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान तथा अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है. एक दिन में 39 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली पैदा करके एसजेवीएन कई बार नेशनल रिकार्ड बना चुका है. देश के सबसे बड़े पावर स्टेशन नाथपा-झाकड़ी ने विगत पांच साल में कई बार एक ही दिन में 39 मिलीयन यूनिट बिजली पैदा की है.
सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) का नाथपा झाकड़ी पॉवर स्टेशन देश का सबसे बड़ा भूमिगत पॉवर स्टेशन है. इस परियोजना (Nathpa Jhakri Power Station) का बांध किन्नौर जिला में है और पॉवर स्टेशन शिमला जिले के नाथपा-झाकड़ी में स्थित है. सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड का नाथपा-झाकड़ी पॉवर स्टेशन कई मायनों में अनूठा है. इस भूमिगत पॉवर स्टेशन में मशीनों के संचालन में आधुनिक तकनीकों का समावेश किया गया है.
हिमाचल सरकार के खजाने को भी कंपनी की तरफ से राहत मिलती आई है. एसजेवीएनएल में हिमाचल सरकार की 25.51 फीसदी हिस्सेदारी है. वर्ष 2016-17 में एसजेवीएनएल ने 2468.66 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था. तब कंपनी ने सभी तरह के टैक्स आदि चुकाने के बाद 1544. 14 करोड़ रुपए का लाभ कमाया. इसी लाभ में से प्रदेश सरकार को अपने 25.51 फीसदी हिस्से के तौर पर 290 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश दिया था.
फिर 2018-19 में कंपनी ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश सौंपा. उसके बाद से हर साल 200 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश हिमाचल सरकार को मिलता आया है. कंपनी करीबन हर साल सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए का अंशदान भी करती है. सीएमडी नंदलाल शर्मा का कहना है कि एसजेवीएन का लक्ष्य आने वाले समय में 5000 मैगावाट विद्युत उत्पादन का है.
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