शिमला: शिमला जिला परिषद के सदस्यों ने सरकार से राज्य निधि बहाल करने की मांग (Shimla Zila Parishad meeting) उठाई है. मंगलवार को बचत भवन शिमला में आयोजित मासिक बैठक में जिला परिषद के सभी सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने को लेकर प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा. बैठक में जिला परिषद के सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने की मांग भी उठाई और सरकार पर आरोप लगाए क एक तरफ सरकार अपने विधायकों की हर साल विधायक निधि भी बढ़ाती है वहीं, दूसरी तरफ जिला परिषद की राज्य निधि ही रोक दी है.
जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने (Zila Parishad member Kaushal Mungta) बैठक में यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार ने 2020 के बाद राज्य निधि बंद कर दी है जिसके चलते (Demand for restoration of state funds) जिला परिषद सदस्य कोई काम नहीं करवा पा रहे हैं, जबकि जिला परिषद के सदस्य 25 से 30 पंचायतों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
बैठक में रखे गए 5 नए प्रस्ताव- बैठक में 5 नए प्रस्ताव भी रखे गए. जिसमें सदस्य सुभाष कैंथला ने सैंज में एनएच-5 सैंज पर और भुट्टी पंचायत के बड़ागांव में वर्षा शालिका का निर्माण, एसजेवीएनएल के द्वारा सीएसआर के माध्यम से विकास खण्ड नारकंडा में सार्वजनिक स्थानों पर बैंच लगाने और नारकंडा में पर्यटन विभाग द्वारा स्कीइंग गाइड कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव रखे गए. वहीं, सदस्य अनिल काल्टा द्वारा जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र की सभी सड़कों पर साईन बोर्ड और ड्रग्स के संबंध में प्रस्ताव रखे.
राज्यसभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार रहे मौजूद- अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए सांसद प्रोफेसर सिकंदर कुमार भी (MP Sikandar Kumar in Shimla Zilla Parishad meeting) जिला परिषद की मासिक बैठक में मौजूद रहे. बैठक में राज्य सभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने की आवश्यकता है, ताकि आमजन मानस को इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज में रह रहे हर व्यक्ति को साथ लेकर कार्य करने की आवश्यकता है.
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