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शिमला जिला परिषद की बैठक में राज्य निधि बहाल करने की उठी मांग, करोड़ों के प्रस्ताव किए पारित

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Published : Apr 12, 2022, 7:32 PM IST

बचत भवन शिमला में आयोजित मासिक बैठक में जिला परिषद के (Shimla Zila Parishad meeting) सभी सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने को (Demand for restoration of state funds) लेकर प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा. इसके अलावा बैठक में मनरेगा के अंतर्गत 598 करोड़ रुपये की 13 विकास खण्डों के लिए लगभग 62 हजार 500 शैल्फों को पारित किया गया.

Shimla Zila Parishad meeting
शिमला जिला परिषद की बैठक

शिमला: शिमला जिला परिषद के सदस्यों ने सरकार से राज्य निधि बहाल करने की मांग (Shimla Zila Parishad meeting) उठाई है. मंगलवार को बचत भवन शिमला में आयोजित मासिक बैठक में जिला परिषद के सभी सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने को लेकर प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा. बैठक में जिला परिषद के सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने की मांग भी उठाई और सरकार पर आरोप लगाए क एक तरफ सरकार अपने विधायकों की हर साल विधायक निधि भी बढ़ाती है वहीं, दूसरी तरफ जिला परिषद की राज्य निधि ही रोक दी है.

जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने (Zila Parishad member Kaushal Mungta) बैठक में यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार ने 2020 के बाद राज्य निधि बंद कर दी है जिसके चलते (Demand for restoration of state funds) जिला परिषद सदस्य कोई काम नहीं करवा पा रहे हैं, जबकि जिला परिषद के सदस्य 25 से 30 पंचायतों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

शिमला जिला परिषद की बैठक में राज्य निधि बहाल करने की उठी मांग
करोड़ों के प्रस्ताव पारित- बैठक में मनरेगा के अंतर्गत 598 करोड़ रुपये की 13 विकास खण्डों के लिए लगभग 62 हजार 500 शैल्फों को पारित किया गया. जिला परिषद अध्यक्ष चन्द्रप्रभा नेगी ने जिला परिषद सदस्यों द्वारा प्रस्ताव एवं प्रश्नों को निपटाने के लिए विभाग के विभागाध्यक्षों से तुरन्त कार्यवाही करने और उन्हें पूर्ण करने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला परिषद सदस्यों द्वारा समय-समय पर अपनी मांगों से अवगत करवाया जाता है और सभी विभाग कार्य को पूर्ण करने के लिए संबंधित जिला परिषद सदस्यों के साथ समन्वय बांध कर कार्य को तेजी से पूर्ण करने में अपना सहयोग करें. ताकि पंचायत एवं ग्रामीण स्तरों पर लोगों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके.

बैठक में रखे गए 5 नए प्रस्ताव- बैठक में 5 नए प्रस्ताव भी रखे गए. जिसमें सदस्य सुभाष कैंथला ने सैंज में एनएच-5 सैंज पर और भुट्टी पंचायत के बड़ागांव में वर्षा शालिका का निर्माण, एसजेवीएनएल के द्वारा सीएसआर के माध्यम से विकास खण्ड नारकंडा में सार्वजनिक स्थानों पर बैंच लगाने और नारकंडा में पर्यटन विभाग द्वारा स्कीइंग गाइड कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव रखे गए. वहीं, सदस्य अनिल काल्टा द्वारा जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र की सभी सड़कों पर साईन बोर्ड और ड्रग्स के संबंध में प्रस्ताव रखे.

राज्यसभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार रहे मौजूद- अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए सांसद प्रोफेसर सिकंदर कुमार भी (MP Sikandar Kumar in Shimla Zilla Parishad meeting) जिला परिषद की मासिक बैठक में मौजूद रहे. बैठक में राज्य सभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने की आवश्यकता है, ताकि आमजन मानस को इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज में रह रहे हर व्यक्ति को साथ लेकर कार्य करने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: शिमला जिला परिषद की बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, अध्यक्ष ने जारी किया शो कॉज नोटिस

शिमला: शिमला जिला परिषद के सदस्यों ने सरकार से राज्य निधि बहाल करने की मांग (Shimla Zila Parishad meeting) उठाई है. मंगलवार को बचत भवन शिमला में आयोजित मासिक बैठक में जिला परिषद के सभी सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने को लेकर प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा. बैठक में जिला परिषद के सदस्यों ने राज्य निधि बहाल करने की मांग भी उठाई और सरकार पर आरोप लगाए क एक तरफ सरकार अपने विधायकों की हर साल विधायक निधि भी बढ़ाती है वहीं, दूसरी तरफ जिला परिषद की राज्य निधि ही रोक दी है.

जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने (Zila Parishad member Kaushal Mungta) बैठक में यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार ने 2020 के बाद राज्य निधि बंद कर दी है जिसके चलते (Demand for restoration of state funds) जिला परिषद सदस्य कोई काम नहीं करवा पा रहे हैं, जबकि जिला परिषद के सदस्य 25 से 30 पंचायतों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

शिमला जिला परिषद की बैठक में राज्य निधि बहाल करने की उठी मांग
करोड़ों के प्रस्ताव पारित- बैठक में मनरेगा के अंतर्गत 598 करोड़ रुपये की 13 विकास खण्डों के लिए लगभग 62 हजार 500 शैल्फों को पारित किया गया. जिला परिषद अध्यक्ष चन्द्रप्रभा नेगी ने जिला परिषद सदस्यों द्वारा प्रस्ताव एवं प्रश्नों को निपटाने के लिए विभाग के विभागाध्यक्षों से तुरन्त कार्यवाही करने और उन्हें पूर्ण करने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला परिषद सदस्यों द्वारा समय-समय पर अपनी मांगों से अवगत करवाया जाता है और सभी विभाग कार्य को पूर्ण करने के लिए संबंधित जिला परिषद सदस्यों के साथ समन्वय बांध कर कार्य को तेजी से पूर्ण करने में अपना सहयोग करें. ताकि पंचायत एवं ग्रामीण स्तरों पर लोगों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके.

बैठक में रखे गए 5 नए प्रस्ताव- बैठक में 5 नए प्रस्ताव भी रखे गए. जिसमें सदस्य सुभाष कैंथला ने सैंज में एनएच-5 सैंज पर और भुट्टी पंचायत के बड़ागांव में वर्षा शालिका का निर्माण, एसजेवीएनएल के द्वारा सीएसआर के माध्यम से विकास खण्ड नारकंडा में सार्वजनिक स्थानों पर बैंच लगाने और नारकंडा में पर्यटन विभाग द्वारा स्कीइंग गाइड कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव रखे गए. वहीं, सदस्य अनिल काल्टा द्वारा जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र की सभी सड़कों पर साईन बोर्ड और ड्रग्स के संबंध में प्रस्ताव रखे.

राज्यसभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार रहे मौजूद- अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए सांसद प्रोफेसर सिकंदर कुमार भी (MP Sikandar Kumar in Shimla Zilla Parishad meeting) जिला परिषद की मासिक बैठक में मौजूद रहे. बैठक में राज्य सभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने की आवश्यकता है, ताकि आमजन मानस को इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज में रह रहे हर व्यक्ति को साथ लेकर कार्य करने की आवश्यकता है.

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