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पिता की मौत के बाद पुनीत ने दान की किडनी, दो लोगों को मिली नई जिदंगी - दान की किडनी

हिमाचल प्रदेश के पुनीत ने चंडीगढ़ पीजीआई में अपने पिता की मौत के बाद उनकी किडनी दान कर दो लोगों को नया जीवन दिया है. पिता की मौत का गहरा दुख होने के बाद भी पुनीत ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट की मंजूरी देकर दो लोगों की जिंदगी में रंग भर दिए.

shimla residents punit
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Published : Jun 5, 2020, 6:32 PM IST

शिमला/चंडीगढ़: कोरोना वायरस के काल के दौरान एक बेटे ने पिता की मौत के बाद दो व्यक्तियों की जिंदगी में रंग भरने का काम किया. हिमाचल प्रदेश के पुनीत ने अपनी पिता की मौत के बाद उनकी किडनी का दान कर समाज के सामने मिसाल पेश की है.

शिमला का रहने वाले 50 वर्षीय नरेश 6 मई को पहाड़ से गिर गए थे. जिसके चलते उनके सिर में गहरी चोट लग गई थी. उन्हें गंभीर हालत में चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया था. करीब 10 दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

इसी दौरान पीजीआई में दो मरीज किडनी खराब होने के चलते जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे. इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के हेड प्रो. आशीष शर्मा ने इन दोनों मरीजों की जान बचाने के लिए नरेश कुमार के बेटे पुनीत से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए संपर्क किया.

ये भी पढ़ें- शैक्षणिक संस्थान खोलेने के लिए शिक्षा विभाग का प्लान तैयार, सरकार के आदेश का इंतजार

पिता की मौत का गहरा दुख होने के बाद भी पुनीत ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट की मंजूरी देकर दो लोगों की जिंदगी में रंग भर दिए. बताया जा रहा है कि कोरोना काल के दौरान पीजीआई डॉक्टरों को ऑर्गेन ट्रांसप्लांट करने में सफलता हाथ लगी. शिमला के रहने वाले नरेश तो इस दुनिया से चले गए. लेकिन वो दो व्यक्तियों की जिंदगी में रंग भर गए.

ये भी पढ़ें- विश्व पर्यावरण दिवस: CM जयराम ने की लोगों से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील

शिमला/चंडीगढ़: कोरोना वायरस के काल के दौरान एक बेटे ने पिता की मौत के बाद दो व्यक्तियों की जिंदगी में रंग भरने का काम किया. हिमाचल प्रदेश के पुनीत ने अपनी पिता की मौत के बाद उनकी किडनी का दान कर समाज के सामने मिसाल पेश की है.

शिमला का रहने वाले 50 वर्षीय नरेश 6 मई को पहाड़ से गिर गए थे. जिसके चलते उनके सिर में गहरी चोट लग गई थी. उन्हें गंभीर हालत में चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया था. करीब 10 दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

इसी दौरान पीजीआई में दो मरीज किडनी खराब होने के चलते जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे. इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के हेड प्रो. आशीष शर्मा ने इन दोनों मरीजों की जान बचाने के लिए नरेश कुमार के बेटे पुनीत से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए संपर्क किया.

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पिता की मौत का गहरा दुख होने के बाद भी पुनीत ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट की मंजूरी देकर दो लोगों की जिंदगी में रंग भर दिए. बताया जा रहा है कि कोरोना काल के दौरान पीजीआई डॉक्टरों को ऑर्गेन ट्रांसप्लांट करने में सफलता हाथ लगी. शिमला के रहने वाले नरेश तो इस दुनिया से चले गए. लेकिन वो दो व्यक्तियों की जिंदगी में रंग भर गए.

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