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Shimla MC Election: घोषणा पत्र तैयार करने में जुटी कांग्रेस, मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक कर तैयार की रणनीति

शिमला नगर निगम चुनाव (Shimla MC Election) को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां तैयार हैं और अपनी अपनी जीत के दावे ठोक रही हैं. इसके लिए कांग्रेस की ओर से मेनिफेस्टो कमेटी का गठन किया गया है जिसकी पहली (Congress formed Manifesto Committee in Shimla) बैठक सोमवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में बुलाई गई.

Shimla MC Election
शिमला नगर निगम चुनाव
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Published : Apr 4, 2022, 4:27 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 5:14 PM IST

शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव की घोषणा होने से पहले ही भाजपा और कांग्रेस रणनीति (Shimla MC Election) बनाने में जुट गई है. शहर वासियों को लुभाने के लिए इस बार कांग्रेस मेनिफेस्टो तैयार करेगी. इसके लिए कांग्रेस की ओर से मेनिफेस्टो कमेटी का गठन किया गया है जिसकी पहली बैठक सोमवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में बुलाई गई.

बैठक में कमेटी के अध्यक्ष हर्ष महाजन, कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह, शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, हरीश जनारथा और कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट मौजूद रहे. बैठक में शहरवासियों को राहत देने के लिए क्या घोषणाएं कांग्रेस की तरफ से की जानी चाहिए इस को लेकर चर्चा की गई. साथ ही बैठक में मेनिफेस्टो के लिए शहर वासियों के अलावा व्यापारियों के सुझाव भी लेने का फैसला लिया गया.

वीडियो.

मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कहा कि नगर निगम शिमला Shimla Congress MC electionचुनाव को लेकर कांग्रेस मेनिफेस्टो तैयार (Congress formed Manifesto Committee in Shimla) कर रही है. इसके लिए कमेटी का गठन किया है और आज कमेटी की पहली बैठक बुलाई गई है. मेनिफेस्टो में किस तरह के मुद्दों को शामिल करना है इस पर चर्चा की गई.उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पानी,कूड़ा, पार्किंग जैसे मुद्दे हैं. पिछले 5 सालों से भाजपा इसका समाधान नहीं कर पाई है. शहर में लोगों को भारी-भरकम पानी-कूड़ा के बिल थमाए जा रहे हैं. शहर में 24 घंटे पानी देने की घोषणा भाजपा सरकार ने की थी लेकिन शहर में लोगों को तीसरे दिन भी पानी देने में भाजपा शासित नगर निगम नाकाम रही है.

हर्ष महाजन ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही अब (Shimla MC Election) शहरी मंत्री घोषणाएं कर रहे हैं, जबकि 5 सालों में उन्हें शहर की जनता का ध्यान नहीं आया. मंत्री ने शहर के लिए शिमला डेवलपमेंट प्लान तो लाया है लेकिन एनजीटी की बंदिशों के चलते इस प्लान के तहत कुछ नहीं हो पा रहा है, केवल लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इसके अलावा झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने की बात की जा रही है, लेकिन शहर में वन क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए इसमें कोई भी राहत नहीं है. उन्होंने कहा कि इन 5 सालों में शहर में न तो स्मार्ट सिटी के तहत और ना ही प्रदेश सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं दे पाई हैं और अब शहर की जनता भाजपा सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.

ये भी पढ़ें: जेपी नड्डा हिमाचल में बीजेपी के प्रचार अभियान की करेंगे शुरुआत, 9 अप्रैल को पहुंचेंगे शिमला

शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव की घोषणा होने से पहले ही भाजपा और कांग्रेस रणनीति (Shimla MC Election) बनाने में जुट गई है. शहर वासियों को लुभाने के लिए इस बार कांग्रेस मेनिफेस्टो तैयार करेगी. इसके लिए कांग्रेस की ओर से मेनिफेस्टो कमेटी का गठन किया गया है जिसकी पहली बैठक सोमवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में बुलाई गई.

बैठक में कमेटी के अध्यक्ष हर्ष महाजन, कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह, शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, हरीश जनारथा और कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट मौजूद रहे. बैठक में शहरवासियों को राहत देने के लिए क्या घोषणाएं कांग्रेस की तरफ से की जानी चाहिए इस को लेकर चर्चा की गई. साथ ही बैठक में मेनिफेस्टो के लिए शहर वासियों के अलावा व्यापारियों के सुझाव भी लेने का फैसला लिया गया.

वीडियो.

मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कहा कि नगर निगम शिमला Shimla Congress MC electionचुनाव को लेकर कांग्रेस मेनिफेस्टो तैयार (Congress formed Manifesto Committee in Shimla) कर रही है. इसके लिए कमेटी का गठन किया है और आज कमेटी की पहली बैठक बुलाई गई है. मेनिफेस्टो में किस तरह के मुद्दों को शामिल करना है इस पर चर्चा की गई.उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पानी,कूड़ा, पार्किंग जैसे मुद्दे हैं. पिछले 5 सालों से भाजपा इसका समाधान नहीं कर पाई है. शहर में लोगों को भारी-भरकम पानी-कूड़ा के बिल थमाए जा रहे हैं. शहर में 24 घंटे पानी देने की घोषणा भाजपा सरकार ने की थी लेकिन शहर में लोगों को तीसरे दिन भी पानी देने में भाजपा शासित नगर निगम नाकाम रही है.

हर्ष महाजन ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही अब (Shimla MC Election) शहरी मंत्री घोषणाएं कर रहे हैं, जबकि 5 सालों में उन्हें शहर की जनता का ध्यान नहीं आया. मंत्री ने शहर के लिए शिमला डेवलपमेंट प्लान तो लाया है लेकिन एनजीटी की बंदिशों के चलते इस प्लान के तहत कुछ नहीं हो पा रहा है, केवल लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इसके अलावा झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने की बात की जा रही है, लेकिन शहर में वन क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए इसमें कोई भी राहत नहीं है. उन्होंने कहा कि इन 5 सालों में शहर में न तो स्मार्ट सिटी के तहत और ना ही प्रदेश सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं दे पाई हैं और अब शहर की जनता भाजपा सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.

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Last Updated : Apr 4, 2022, 5:14 PM IST
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