शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन (himachal vidhansabha Monsoon Session 2022 ) हैं. आज DYFI और SFI कार्यकर्ताओं ने बेरोजगारी सहित अन्य मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव किया (SFI protest outside himachal vidhansabha). DYFI और SFI कार्यकर्ताओं विधानसभा परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं, केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
विधानसभा में घुसने की कोशिश: वहीं, प्रदर्शन के दौरान DYFI और SFI कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर के अंदर घुसने की कोशिश की, जिन्हें पुलिस कर्मियों ने रोकने की कोशिश की,लेकिन इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो (fight between police and sfi worker in shimla) गई.
बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन: छात्र संगठन DYFI और SFI ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर विधानसभा का घेराव किया. इस दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की हल्की धक्का-मुक्की हुई. छात्र संगठनों का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर इतनी बढ़ गई है कि MA डिग्री पास स्टूडेंट चपरासी के पद के लिए आवेदन कर रहे हैं. एसएफआई व डीवाईएफआई के पदाधिकारियों का कहना है कि रोजगार केवल आर्थिक मसला नहीं है, बल्कि यह देश के विकास का भी मसला है.
युवा जा रहे गलत दिशा में: शिक्षा व रोजगार किसी भी देश व प्रदेश की तरक्की के सूचक है, लेकिन हाल ही में NIRF द्वारा जारी श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों की सूची में प्रदेश के एक भी संस्थान का जिक्र न होना हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने कहा कि बेरोजगारी और शिक्षा नीति को लेकर विधानसभा का घेराव किया. हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ने से युवा गलत दिशा की ओर जा रहा है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की वजह से ही प्रदेश में नशा माफिया सक्रिय हो गया है.
इंटरव्यू को ज्यादा महत्व: डीवाईएफआई के पदाधिकारियों ने बताया कि हिमाचल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां ज्यादा वैल्यू इंटरव्यू को दी जाती है न की लिखित परीक्षा को. सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही है. सरकार को छात्रों व नौजवानों के पक्ष में नीतियां बनाने के लिए मजबूर करने के लिए अब युवाओं को आगे आने की जरूरत, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को आईना दिखाया जा सके.