शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court ) को निकट भविष्य में सात नए न्यायाधीश मिलने वाले हैं. इस समय हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 9 न्यायाधीश हैं. न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक सहित आठ अन्य न्यायाधीश हैं. अभी तीन पद खाली हैं. इन तीन पदों को भरने की तय प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा राज्य सरकार ने चार नए पद क्रिएट (Seven new judges in Himachal pradesh High Court) करने की मंजूरी दे दी है.
हिमाचल हाईकोर्ट में इस समय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति सबीना, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सीबी बारोवालिया, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा के अलावा न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य हैं.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मियों के लिए पहले प्रशासनिक ट्रिब्यूनल होता था. बाद में ट्रिब्यूनल भंग कर दिया गया था. इस कारण हाईकोर्ट में मुकदमों का बोझ अधिक हो गया. अभी न्यायाधीशों के तीन पद खाली हैं. इन तीन पदों के भरने से कुल संख्या 12 हो जाएगी. फिर चार अन्य पद क्रिएट होने से यहां पर्याप्त संख्या में न्यायाधीश होने से पेंडिंग केस जल्द निपट सकेंगे.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 25 जनवरी 1971 को काम करना शुरू किया था. हिमाचल से संबंध रखने वाले जस्टिस लोकेश्वर सिंह पांटा सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. हिमाचल हाईकोर्ट में इस समय दो महिला जज हैं. उनमें न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और न्यायमूर्ति सबीना का नाम आता है. हिमाचल हाईकोर्ट देश का पहला ऐसा उच्च न्यायालय है, जहां सभी फैसले सेम डे ऑनलाइन अपलोड हो जाते हैं.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर नियमित रूप से वाहन दुर्घटनाओं से जुड़े केस में मुआवजे के मामलों की सुनवाई करते थे. हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने नशा तस्करों को मौत की सजा का प्रावधान करने के लिए केंद्र सरकार को कानून बनाने के लिए भी कहा था. हिमाचल हाईकोर्ट ने गौहत्या पर भी प्रतिबंध लगाया है.