शिमला: राजधानी शिमला में एक बार फिर से सफाई व्यवस्था ठप हो सकती है. शहर में सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे सैहब सोसाइटी (Sehab Society) के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है. कर्मियों ने मांग उठाई कि उन्हें स्थाई नौकरी दी जाए और उनका वेतन भी बढ़ा कर दिया जाए. मंगलवार को सैहब सोसाइटी ने अपना जनरल हाउस बुलाया और उसमें यह फैसला लिया गया कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा. यदि इनकी ये मांगे नहीं मानी जाती तो 2 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon session) में सफाई कर्मचारी (Sweeper) काम ठप कर विधानसभा का घेराव करेंगे.
शिमला नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन (Shimla Municipal Corporation Sweeper Union) भी जनरल हाउस में उपस्थित रहे और यूनियन के अध्यक्ष नागेश का कहना है कि सैहब सोसाइटी में कर्मचारी पिछले 10 सालों से काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है, जिसके चलते उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किल हो रही है. उन्होंने कहा कि नगर निगम सफाई यूनियन भी सोसाइटी कर्मचारियों के साथ है और सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान काम ठप कर रैली निकालकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
सैहब सोसाइटी यूनियन (Sehab Society Union) के प्रधान जसवंत का कहना है कि कर्मियों की एक ही मुख्य मांग है और वह स्थाई नौकरी देना है. उन्होंने कहा कि वे पिछले 12 सालों से अपनी मांगों को लेकर लड़ते आए हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया गया. इसको लेकर दो बार शहरी मंत्री से मिल चुके हैं. नगर निगम से भी कई बार कर्मियों को नियमित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. वहीं, अब मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएंगे और यदि मांगे पूरी नहीं होती है तो शिमला सफाई कार्य पूरी तरह से ठप करेंगे.
वहीं, सोसाइटी के कर्मचारियों ने नगर निगम पर जरूरी सामान न देने के आरोप लगाए हैं. सोसाइटी के अध्यक्ष जसवंत का कहना है कि बरसात से पहले ही नगर निगम को कर्मचारियों को रेनकोट देने को लेकर कई बार नगर निगम से आग्रह किया गया, लेकिन निगम ने अभी तक कर्मचारियों को रेनकोट मुहैया नहीं करवाया. ऐसे में बरसात के दौरान बारिश में भीगते हुए उन्हें घरों से कूड़ा उठाना पड़ रहा है. उन्होंने नगर निगम कर्मचारियों की अनदेखी के आरोप लगाए.