शिमला: आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्रि (Sharadiya Navratri ) के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी (MAA BRAHMACHARINI) स्वरूप की अराधना की जाती है. शास्त्रों के मुताबिक ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली देवी होता है. मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमंडल है. ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.
नवरात्रि के दूसर दिन सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए भक्तों का पहुंचने का सिलसिला जारी है. नवरात्रि के विशेष अवसर पर रंग बिरेंगे फूलों और लाइटों से सजा मां का दरबार बहुत ही मनमोहक लग रहा है और सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
देश दुनिया में प्रसिद्ध हिमाचल के शक्तिपीठ नैना देवी मंदिर, चिंतपूर्णी माता मंदिर और ज्वालाजी मंदिर भी दुल्हन की तरह सजाए गए हैं. मंदिरों में भक्त माता की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं. भक्तों को किसी तरह के परेशानी ना हो इसके लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.
हालांकि नवरात्र के दौरान कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की गई है. बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा दर्शन पर्ची भी अनिवार्य की गई है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी. उसके अनुसार ही नवरात्र में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाएंगे.
ऐसे करें पूजा
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके फल दूध और मेवा चढ़ाकर उनकी आरती करें. देवी ब्रह्मचारिणी को हरा रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए नवरात्र के दूसरे दिन हरे रंग का वस्त्र धारण करें. नवरात्र के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें. इससे आयु वृद्धि होती है.
जरूरी दिशा-निर्देश
- सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी.
- कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार दर्शन की व्यवस्था.
- प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.
- श्रद्धालु कुंड में बैठकर हवन नहीं कर पाएंगे.
- प्रसाद की आहूति डाल सकेंगे.
- मुंडन करने और लंगर लगाने पर पूरी तरह से पाबंदी.
- मंदिर में मूर्तियों के छूने पर पाबंदी रहेगी.
- मंदिर में ज्यादा देर तक रूकने की मनाही.
- बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी.
- मां चिंतपूर्णी मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पर्ची लेना आवश्यक.
- मंदिर परिसर में किसी को रुकने व बैठने की अनुमति नहीं.
- आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य.
ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्र: हिमाचल के इन मंदिरों में दर्शन करने से पूरी होती है मनोकामना