शिमलाः कोविड-19 के इस संकट के बीच प्रदेश में काम कर रहे बहुत से मजदूर ऐसे हैं जो लॉकडाउन की वजह से प्रदेश से जा चुके हैं. कोविड की परिस्थितियों से पहले जब वे मजदूर यहां काम करते थे तो उनके बच्चें भी यहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे थे. अब अनलॉक के दौरान कई मजदूर वापसी कर रहे हैं.
ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश स्कूलों को जारी किए गए हैं कि इन बच्चों के नाम सूची से ना हटाया जाए. स्कूलों को प्रवासी और अप्रवासी मजदूरों के बच्चों का डाटा तैयार करें. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शिक्षा विभाग को यह निर्देश जारी किए गए हैं.
इसी के आधार पर अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने भी इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. उन्होंने स्कूलों को कहा है कि वह प्रवासी और अप्रवासी मजदूरों के बच्चों का डाटा तैयार करें. एक अलग अस्थाई सूची तैयार की जाए ताकि उन बच्चों को मिड डे मील, किताबें और दूसरे सभी तरह के लाभ प्राप्त हो सकें.
उच्च शिक्षा संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद चौहान की ओर से जारी अधिसूचना में यह निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में प्रवेश के लिए आने वाले छात्रों से पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी अन्य दस्तावेज नहीं मांगे जाएं. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों को भी इन बच्चों का डाटा लेने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें लाभ मिल सके.
इस पूरे कार्य के लिए एक फॉर्मेट भी तैयार किया गया है जिसमें प्रवासी और अप्रवासी मजदूरों की जानकारी के साथ ही स्कूल जाने वाले अप्रवासी मजदूरों के बच्चों की संख्या कितने प्रवासी मजदूरों के बच्चों को प्रवेश दिया गया है इसकी जानकारी देनी होगी.
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