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हिमाचल में माननीयों का वेतन-भत्ता 2.10 लाख रुपये मासिक, ऐसे बढ़ती है पूर्व विधायकों की पेंशन

हिमाचल में इस समय एक विधायक को वेतन और भत्ते (Salary and allowance of honorables in himachal) मिलाकर 2 लाख 10 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है. वहीं, पूर्व विधायक को 36 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलती है. इसमें महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं जोड़ दी जाएं तो पूर्व विधायक करीब-करीब एक लाख रुपया मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है. पूर्व विधायकों की पेंशन उनके विधायक रहने की अवधि के अनुरूप बढ़ती है.

himachal assembly
हिमाचल विधानसभा
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Published : Mar 29, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 6:12 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब ने पूर्व विधायकों की पेंशन (Pension of former MLAs) पर कैंची क्या चलाई कि अब हिमाचल में भी ऐसी मांग जोर पकड़ रही है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में इस समय सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme in himachal) की बहाली का आंदोलन चर्चा में है. सरकारी कर्मचारी कह रहे हैं कि जब उन्हें ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम लाभ नहीं मिल रहा तो माननीयों को भी अपनी पेंशन छोड़नी चाहिए. यही नहीं इस विषय पर विधानसभा के बजट सत्र में गर्मा-गरम बहस भी हुई है. नौबत यहां तक आई कि सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकारी कर्मचारियों को चुनावी राजनीति (himachal assembly election 2022) में आने का न्यौता दे डाला. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि कर्मचारियों को विधायकों जैसी पेंशन चाहिए तो आएं और चुनाव लड़ें.

यहां हम हिमाचल प्रदेश में मौजूदा विधायकों सहित पूर्व विधायकों की पेंशन (Salary and allowance of honorables in himachal) का गणित समझेंगे. हिमाचल में इस समय एक विधायक को वेतन और भत्ते मिलाकर 2 लाख 10 हजार रुपए मासिक मिलते हैं. वहीं, पूर्व विधायक को 36 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलती है. इसमें महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं जोड़ दी जाएं तो पूर्व विधायक करीब-करीब एक लाख रुपया मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है. पूर्व विधायकों की पेंशन उनके विधायक रहने की अवधि के अनुरूप बढ़ती है. हिमाचल में एक पूर्व विधायक (former mla in himachal) जितने साल एमएलए रहा हो, उस कार्यकाल के प्रति वर्ष के हिसाब से पेंशन बढ़ती है. हर कार्यकाल के एक वर्ष में एक हजार रुपए पेंशन की बढ़ोतरी होती है.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों की पेंशन का गणित.

उदाहरण के लिए यदि कोई राजनेता तीन टर्म में एमएलए रहा हो तो उसकी पेंशन में 10 हजार रुपए अतिरिक्त बढ़ जाते हैं. हिमाचल में इस समय 129 पूर्व एमएलए हैं. यदि एक विधायक की पेंशन एक लाख रुपए बनती है तो करीब 13 करोड़ रुपये हर महीने पूर्व विधायकों की पेंशन पर खर्च होते हैं. इस विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का लगभग निर्णय ले लिया था. लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने आम जनता की नाराजगी से बचना ही उचित समझा. उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायकों की पेंशन की बढ़ोतरी को लेकर उनका एक प्रतिनिधिमंडल बाबूराम गौतम की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से मिला था. पूर्व विधायक अपनी मांगों को लेकर एक्स एमएलए काउंसिल के बैनर तले अपनी मांग उठाते हैं.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों की पेंशन का गणित.

हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 36 हजार रुपए मासिक पेंशन पर 159 प्रतिशत डीए मिलता है. इसके अलावा हर कार्यकाल के हिसाब से प्रतिवर्ष पेंशन बढ़ती रहती है. यदि कोई विधायक एक कार्यकाल भी पूरा कर ले तो उसकी मासिक पेंशन 93000 से अधिक हो जाती है. यदि पूर्व विधायकों का देहावसान हो जाता है तो परिवार के किसी एक सदस्य को आधी पेंशन मिलती है. इसके अलावा पूर्व विधायक को क्लास वन रिटायर्ड अफसर के अनुरूप मेडिकल रिंबर्समेंट मिलती है. पूर्व विधायकों को एक अन्य व्यक्ति के साथ निशुल्क यात्रा की सुविधा है. इसके अलावा टेलीफोन भत्ता व गेस्ट हाउस सुविधा भी मिलती है. मकान और वाहन के लिए 15 लाख से अधिक का लोन चार फीसदी ब्याज दर पर मिलता है.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं.

पूर्व विधायक इसे 60 किस्तों में चुका सकता है. पूर्व विधायक को रेल, हवाई यात्रा की सुविधा भी मिलती है. वे देश और विदेश में यात्रा कर सकते हैं और उनके खर्च को रिंबर्स किया जाता है. पूर्व विधायक साल भर में 2 लाख रुपए इस मद पर खर्च करने के लिए पात्र हैं. टैक्सी के रूप में कुल अमाउंट 2 लाख रुपए का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. पूर्व विधायक को बोर्डिंग-लॉजिंग पर प्रतिदिन 7500 रुपए खर्च करने की अनुमति है. हिमाचल प्रदेश में विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर, गंगूराम मुसाफिर सहित कई नेता ऐसे हैं, जो कई बार चुनाव जीत चुके हैं. मौजूदा समय में ये पूर्व विधायक गिने जाएंगे और उन्हें एक कार्यकाल को छोड़कर बाकी सभी कार्यकाल में प्रति वर्ष 1000 रुपए पेंशन जुड़ेगी. एक अनुमान के अनुसार इन्हें एक लाख रुपए मासिक से अधिक पेंशन मिल रही है. संभवत: विद्या स्टोक्स पूर्व विधायकों वाली पेंशन नहीं ले रही हैं.

यह है हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर

हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर सैलरी
विधानसभा अध्यक्ष 80 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार रुपये
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस20 हजार रुपये
सत्कार भत्ता95 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 54 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
विधानसभा उपाध्यक्ष75 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस5 हजार रुपये
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस20 हजार रुपये
सत्कार भत्ता95 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 49 हजार रुपये प्रतिमाह

हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर

सैलरी
मुख्य सचेतक 80 हजार मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार
टेलीफोन अलाउंस 20 हजार
सत्कार भत्ता95 हजार
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 54 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
उप मुख्य सचेतक 78 हजार मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार
टेलीफोन अलाउंस20 हजार
सत्कार भत्ता95 हजार
कुल वेतन-भत्ता2 लाख 52 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
विधायक का वेतन55 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस5 हजार रुपये
ऑफिस अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस15 हजार रुपये
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 90 हजार रुपये
डाटा ऑपरेटर अलाउंस15 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 10 हजार रुपये प्रतिमाह

इसके अलावा मुख्यमंत्री को 95 हजार मासिक वेतन के अलावा कुल 2 लाख 50 हजार रुपए के करीब वेतन भत्ते मिलते हैं. कैबिनेट मंत्री का वेतन 80 हजार रुपए है और कुल वेतन भत्ते 2 लाख 40 हजार के करीब हैं. देश भर में विधानसभाओं में एमिनिटी कमेटी यानी विधानसभा की सुख सुविधा समिति होती है. यह समय-समय पर माननीयों के वेतन भत्तों को तय करती है. हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान अंतिम बार विधायकों और मंत्रियों आदि का वेतन बढ़ाया गया था.

मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने माननीयों को यात्रा भत्ता अढ़ाई लाख से चार लाख रुपए सालाना किया था. विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष सहित मुख्यमंत्री को अन्य कई प्रकार की सुविधाएं भी मिलती हैं. हिमाचल सरकार विधायकों को मिलने वाले वेतन पर इनकम टैक्स भी अदा करती है. सवाल यह है कि जनता के पैसे से माननीयों का टैक्स क्यों भरा जाए. हाल ही में हिमाचल हाईकोर्ट ने इस विषय पर सरकार को नोटिस जारी किया है. एक याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई कि विधायकों आदि के वेतन पर सरकार को टैक्स नहीं भरना चाहिए, यह असंवैधानिक है. इसपर ही हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन पर टैक्स भरने के मामले में हाईकोर्ट का राज्य सरकार को नोटिस

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब ने पूर्व विधायकों की पेंशन (Pension of former MLAs) पर कैंची क्या चलाई कि अब हिमाचल में भी ऐसी मांग जोर पकड़ रही है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में इस समय सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme in himachal) की बहाली का आंदोलन चर्चा में है. सरकारी कर्मचारी कह रहे हैं कि जब उन्हें ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम लाभ नहीं मिल रहा तो माननीयों को भी अपनी पेंशन छोड़नी चाहिए. यही नहीं इस विषय पर विधानसभा के बजट सत्र में गर्मा-गरम बहस भी हुई है. नौबत यहां तक आई कि सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकारी कर्मचारियों को चुनावी राजनीति (himachal assembly election 2022) में आने का न्यौता दे डाला. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि कर्मचारियों को विधायकों जैसी पेंशन चाहिए तो आएं और चुनाव लड़ें.

यहां हम हिमाचल प्रदेश में मौजूदा विधायकों सहित पूर्व विधायकों की पेंशन (Salary and allowance of honorables in himachal) का गणित समझेंगे. हिमाचल में इस समय एक विधायक को वेतन और भत्ते मिलाकर 2 लाख 10 हजार रुपए मासिक मिलते हैं. वहीं, पूर्व विधायक को 36 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलती है. इसमें महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं जोड़ दी जाएं तो पूर्व विधायक करीब-करीब एक लाख रुपया मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है. पूर्व विधायकों की पेंशन उनके विधायक रहने की अवधि के अनुरूप बढ़ती है. हिमाचल में एक पूर्व विधायक (former mla in himachal) जितने साल एमएलए रहा हो, उस कार्यकाल के प्रति वर्ष के हिसाब से पेंशन बढ़ती है. हर कार्यकाल के एक वर्ष में एक हजार रुपए पेंशन की बढ़ोतरी होती है.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों की पेंशन का गणित.

उदाहरण के लिए यदि कोई राजनेता तीन टर्म में एमएलए रहा हो तो उसकी पेंशन में 10 हजार रुपए अतिरिक्त बढ़ जाते हैं. हिमाचल में इस समय 129 पूर्व एमएलए हैं. यदि एक विधायक की पेंशन एक लाख रुपए बनती है तो करीब 13 करोड़ रुपये हर महीने पूर्व विधायकों की पेंशन पर खर्च होते हैं. इस विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का लगभग निर्णय ले लिया था. लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने आम जनता की नाराजगी से बचना ही उचित समझा. उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायकों की पेंशन की बढ़ोतरी को लेकर उनका एक प्रतिनिधिमंडल बाबूराम गौतम की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से मिला था. पूर्व विधायक अपनी मांगों को लेकर एक्स एमएलए काउंसिल के बैनर तले अपनी मांग उठाते हैं.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों की पेंशन का गणित.

हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 36 हजार रुपए मासिक पेंशन पर 159 प्रतिशत डीए मिलता है. इसके अलावा हर कार्यकाल के हिसाब से प्रतिवर्ष पेंशन बढ़ती रहती है. यदि कोई विधायक एक कार्यकाल भी पूरा कर ले तो उसकी मासिक पेंशन 93000 से अधिक हो जाती है. यदि पूर्व विधायकों का देहावसान हो जाता है तो परिवार के किसी एक सदस्य को आधी पेंशन मिलती है. इसके अलावा पूर्व विधायक को क्लास वन रिटायर्ड अफसर के अनुरूप मेडिकल रिंबर्समेंट मिलती है. पूर्व विधायकों को एक अन्य व्यक्ति के साथ निशुल्क यात्रा की सुविधा है. इसके अलावा टेलीफोन भत्ता व गेस्ट हाउस सुविधा भी मिलती है. मकान और वाहन के लिए 15 लाख से अधिक का लोन चार फीसदी ब्याज दर पर मिलता है.

Salary and allowances of honorable in himachal pradesh
पूर्व विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं.

पूर्व विधायक इसे 60 किस्तों में चुका सकता है. पूर्व विधायक को रेल, हवाई यात्रा की सुविधा भी मिलती है. वे देश और विदेश में यात्रा कर सकते हैं और उनके खर्च को रिंबर्स किया जाता है. पूर्व विधायक साल भर में 2 लाख रुपए इस मद पर खर्च करने के लिए पात्र हैं. टैक्सी के रूप में कुल अमाउंट 2 लाख रुपए का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. पूर्व विधायक को बोर्डिंग-लॉजिंग पर प्रतिदिन 7500 रुपए खर्च करने की अनुमति है. हिमाचल प्रदेश में विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर, गंगूराम मुसाफिर सहित कई नेता ऐसे हैं, जो कई बार चुनाव जीत चुके हैं. मौजूदा समय में ये पूर्व विधायक गिने जाएंगे और उन्हें एक कार्यकाल को छोड़कर बाकी सभी कार्यकाल में प्रति वर्ष 1000 रुपए पेंशन जुड़ेगी. एक अनुमान के अनुसार इन्हें एक लाख रुपए मासिक से अधिक पेंशन मिल रही है. संभवत: विद्या स्टोक्स पूर्व विधायकों वाली पेंशन नहीं ले रही हैं.

यह है हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर

हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर सैलरी
विधानसभा अध्यक्ष 80 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार रुपये
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस20 हजार रुपये
सत्कार भत्ता95 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 54 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
विधानसभा उपाध्यक्ष75 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस5 हजार रुपये
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस20 हजार रुपये
सत्कार भत्ता95 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 49 हजार रुपये प्रतिमाह

हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चर

सैलरी
मुख्य सचेतक 80 हजार मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार
टेलीफोन अलाउंस 20 हजार
सत्कार भत्ता95 हजार
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 54 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
उप मुख्य सचेतक 78 हजार मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस 5 हजार
हॉल्टिंग अलाउंस54 हजार
टेलीफोन अलाउंस20 हजार
सत्कार भत्ता95 हजार
कुल वेतन-भत्ता2 लाख 52 हजार प्रतिमाह
हिमाचल के माननीयों का सैलरी स्ट्रक्चरसैलरी
विधायक का वेतन55 हजार रुपये मासिक
कंपनसेटरी अलाउंस5 हजार रुपये
ऑफिस अलाउंस54 हजार रुपये
टेलीफोन अलाउंस15 हजार रुपये
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 90 हजार रुपये
डाटा ऑपरेटर अलाउंस15 हजार रुपये
कुल वेतन-भत्ता 2 लाख 10 हजार रुपये प्रतिमाह

इसके अलावा मुख्यमंत्री को 95 हजार मासिक वेतन के अलावा कुल 2 लाख 50 हजार रुपए के करीब वेतन भत्ते मिलते हैं. कैबिनेट मंत्री का वेतन 80 हजार रुपए है और कुल वेतन भत्ते 2 लाख 40 हजार के करीब हैं. देश भर में विधानसभाओं में एमिनिटी कमेटी यानी विधानसभा की सुख सुविधा समिति होती है. यह समय-समय पर माननीयों के वेतन भत्तों को तय करती है. हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान अंतिम बार विधायकों और मंत्रियों आदि का वेतन बढ़ाया गया था.

मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने माननीयों को यात्रा भत्ता अढ़ाई लाख से चार लाख रुपए सालाना किया था. विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष सहित मुख्यमंत्री को अन्य कई प्रकार की सुविधाएं भी मिलती हैं. हिमाचल सरकार विधायकों को मिलने वाले वेतन पर इनकम टैक्स भी अदा करती है. सवाल यह है कि जनता के पैसे से माननीयों का टैक्स क्यों भरा जाए. हाल ही में हिमाचल हाईकोर्ट ने इस विषय पर सरकार को नोटिस जारी किया है. एक याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई कि विधायकों आदि के वेतन पर सरकार को टैक्स नहीं भरना चाहिए, यह असंवैधानिक है. इसपर ही हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन पर टैक्स भरने के मामले में हाईकोर्ट का राज्य सरकार को नोटिस

Last Updated : Mar 29, 2022, 6:12 PM IST
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