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सभी के लिए खोली गई हिमाचल की सीमाएं, सरकार के फैसले पर जनता मुखर

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Published : Sep 16, 2020, 10:55 PM IST

हिमाचल सरकार की ओर से प्रदेश के द्वार सभी के लिए खोलने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. वहीं, इस फैसले से यहां कारोबारियों को राहत मिली है तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा भी भी लोगों को सता रहा है. वहीं, आमजन ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है.

registration on himachal entry
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शिमलाः हिमाचल में आने के लिए अब किसी तरह की रजिस्ट्रेशन नहीं करवानी पड़ेगी. सरकार की ओर से प्रदेश के बॉर्डर सभी के लिए खोल दिए गए हैं और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वहीं, प्रदेश की जनता सरकार के इस फैसले पर मुखर नजर आई है.

लोगों का कहना है कि प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे में हिमाचल में आने वाले लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट को होना अनिवार्य रखा जाना चाहिए. इस फैसले से कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है. आमजन ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है.

अंतरराज्य आवाजाही बिना कोरोना जांच के नहीं सही

शिमला के तेजेंद्र नेगी का कहना है कि प्रदेश के अंदर आवाजाही जारी रखना सही है, लेकिन अंतरराज्य आवाजाही को इस तरह शुरू करना सही नहीं है.अगर बिना रिपोर्ट के पर्यटक शिमला या प्रदेश की अन्य जगहों पर घूमने के लिए आ जाते हैं तो ऐसे में अगल वे कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो इससे प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी

वहीं, शिमला के शमशेर सिंह ने सरकार के इस फैसले को पर्यटन कारोबार के लिए अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि पर्यटक आसानी से आ पाएंगे. हलांकि लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

वीडियो.

वहीं, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भले ही सरकार के इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका भी कहना है कि अभी के समय में प्रदेश में कोविड-19 के हालातों को देखते हुए यह फैसला सही नहीं है. ये समय टूरिस्ट सीजन के नहीं है और जो टूरिस्ट हिमाचल के साथ लगते राज्यों से हैं वही यहां आएंगे, जिससे वो हिमाचल में कोरोना के मामले बढ़ाने की वजह बन सकते हैं.

वहीं, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भले ही सरकार के इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका भी कहना है कि अभी के समय में प्रदेश में कोविड-19 के हालातों को देखते हुए यह फैसला सही नहीं है. ये समय टूरिस्ट सीजन का नहीं है और जो टूरिस्ट हिमाचल के साथ लगते राज्यों से आएंगे, वे हिमाचल में कोरोना के मामले बढ़ाने की वजह बन सकते हैं.

कोरोना रेपिड टेस्ट की उठाई मांग

दूसरी ओर, टूर एंड ट्रेवल एससोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार के इस फैसले को कोराबारी रूप से सराहनीय बताया है. बाहर रह रहे हिमाचलवासियों को फायदा इससे मिलेगा, लेकिन उन्होंने कोरोना की जांच के लिए जम्मू-कशमीर और दिल्ली की तर्ज पर कोरोना रेपिड टेस्ट की मांग उठाई है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना में कई सारी बातें क्लियर नहीं है जिस पर सरकार को चाहिए कि वे जनता को स्पष्ट करे.

प्रदेश में आने के लिए पर्यटकों को मिलेगा प्रोत्साहन

वहीं, होटल एंड रेस्टोरेंट एससोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि सरकार का फैसला सही है. इस फैसले से प्रदेश में आने के लिए पर्यटकों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि व्यवसायियों को आने वाले लोगों को रिकॉर्ड जमा करना चाहिए जिससे कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मामला आता है तो उसके कॉन्टेक्ट को ट्रेस करने में आसानी होगी.

कारोबार को पटरी पर लौटने पर लगेगा समय

उन्होंने कहा कि फिलहाल पर्यटन कारोबार को पटरी पर आने पर समय लगेगा लेकिन इस फैसले से उसकी शुरूआत हो सकती है. पर्यटकों के आने से कारोबारयों के व्यवसाय बढ़ने की उम्मीद जगी है.

बता दें कि अब तक प्रदेश सरकार की ओर से हिमाचल में आने वाले लोगों को ई-पास लेना जरूरी था. साथ ही रेड जोन से प्रदेश में आने वाले लोगों को और प्रदेश में 48 घंटे से ज्यादा समय के लिए रुकने वाले पर्यटकों को कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट लाना जरूरी किया गया था. उन्हें सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के साथ ही कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट लानी पड़ती थी, लेकिन अब जब सीमाएं खोल दिए गए हैं तो यह सारी प्रक्रिया समाप्त कर दी गई हैं.

ये भी पढे़ं- CTO मॉल रोड से शिमला क्लब के बीच साइकिल चलाने पर बैन

ये भी पढे़ं- राज्यसभा में आनंद शर्मा का सरकार से सवाल, देश को बताएं लॉकडाउन से क्या फायदा हुआ ?

शिमलाः हिमाचल में आने के लिए अब किसी तरह की रजिस्ट्रेशन नहीं करवानी पड़ेगी. सरकार की ओर से प्रदेश के बॉर्डर सभी के लिए खोल दिए गए हैं और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वहीं, प्रदेश की जनता सरकार के इस फैसले पर मुखर नजर आई है.

लोगों का कहना है कि प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे में हिमाचल में आने वाले लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट को होना अनिवार्य रखा जाना चाहिए. इस फैसले से कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है. आमजन ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है.

अंतरराज्य आवाजाही बिना कोरोना जांच के नहीं सही

शिमला के तेजेंद्र नेगी का कहना है कि प्रदेश के अंदर आवाजाही जारी रखना सही है, लेकिन अंतरराज्य आवाजाही को इस तरह शुरू करना सही नहीं है.अगर बिना रिपोर्ट के पर्यटक शिमला या प्रदेश की अन्य जगहों पर घूमने के लिए आ जाते हैं तो ऐसे में अगल वे कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो इससे प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी

वहीं, शिमला के शमशेर सिंह ने सरकार के इस फैसले को पर्यटन कारोबार के लिए अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि पर्यटक आसानी से आ पाएंगे. हलांकि लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

वीडियो.

वहीं, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भले ही सरकार के इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका भी कहना है कि अभी के समय में प्रदेश में कोविड-19 के हालातों को देखते हुए यह फैसला सही नहीं है. ये समय टूरिस्ट सीजन के नहीं है और जो टूरिस्ट हिमाचल के साथ लगते राज्यों से हैं वही यहां आएंगे, जिससे वो हिमाचल में कोरोना के मामले बढ़ाने की वजह बन सकते हैं.

वहीं, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भले ही सरकार के इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका भी कहना है कि अभी के समय में प्रदेश में कोविड-19 के हालातों को देखते हुए यह फैसला सही नहीं है. ये समय टूरिस्ट सीजन का नहीं है और जो टूरिस्ट हिमाचल के साथ लगते राज्यों से आएंगे, वे हिमाचल में कोरोना के मामले बढ़ाने की वजह बन सकते हैं.

कोरोना रेपिड टेस्ट की उठाई मांग

दूसरी ओर, टूर एंड ट्रेवल एससोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार के इस फैसले को कोराबारी रूप से सराहनीय बताया है. बाहर रह रहे हिमाचलवासियों को फायदा इससे मिलेगा, लेकिन उन्होंने कोरोना की जांच के लिए जम्मू-कशमीर और दिल्ली की तर्ज पर कोरोना रेपिड टेस्ट की मांग उठाई है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना में कई सारी बातें क्लियर नहीं है जिस पर सरकार को चाहिए कि वे जनता को स्पष्ट करे.

प्रदेश में आने के लिए पर्यटकों को मिलेगा प्रोत्साहन

वहीं, होटल एंड रेस्टोरेंट एससोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि सरकार का फैसला सही है. इस फैसले से प्रदेश में आने के लिए पर्यटकों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि व्यवसायियों को आने वाले लोगों को रिकॉर्ड जमा करना चाहिए जिससे कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मामला आता है तो उसके कॉन्टेक्ट को ट्रेस करने में आसानी होगी.

कारोबार को पटरी पर लौटने पर लगेगा समय

उन्होंने कहा कि फिलहाल पर्यटन कारोबार को पटरी पर आने पर समय लगेगा लेकिन इस फैसले से उसकी शुरूआत हो सकती है. पर्यटकों के आने से कारोबारयों के व्यवसाय बढ़ने की उम्मीद जगी है.

बता दें कि अब तक प्रदेश सरकार की ओर से हिमाचल में आने वाले लोगों को ई-पास लेना जरूरी था. साथ ही रेड जोन से प्रदेश में आने वाले लोगों को और प्रदेश में 48 घंटे से ज्यादा समय के लिए रुकने वाले पर्यटकों को कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट लाना जरूरी किया गया था. उन्हें सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के साथ ही कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट लानी पड़ती थी, लेकिन अब जब सीमाएं खोल दिए गए हैं तो यह सारी प्रक्रिया समाप्त कर दी गई हैं.

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