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प्रदेश में नहीं खुले धार्मिक स्थल, सरकारी गाइडलाइन का इंतजार - religious places

प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से धार्मिक स्थल को खोलने के संबंध में किसी भी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा कि कोरोना के दौर में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं.

religious places and hotels still not open in himachal
प्रदेश में नहीं खुले धार्मिक स्थल
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Published : Jun 8, 2020, 4:49 PM IST

शिमलाः प्रदेश में फिलहाल धार्मिक स्थल खुलने में वक्त लग सकता है. प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. हालांकि केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थल और होटलों को खोलने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन हिमाचल में मंदिर और होटल सोमवार को नहीं खुले हैं.

हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से धार्मिक स्थल को खोलने के संबंध में किसी भी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा कि कोरोना के दौर में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. जिलाधीश का कहना है कि जिले में इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है. इसलिए यहां सभी मंदिर फिलहाल बंद हैं.

वहीं, कांगड़ा जिला की बात करें तो जिला में ज्वालाजी मंदिर, बज्रेश्वरी मन्दिर, नंदिकेश्वर धाम, महाकाल, बैजनाथ शिव मंदिर, काठगढ़ शिव मंदिर समेत प्रसिद्ध बगलामुखी मन्दिर हैं. यहां बड़ी संख्या में देश प्रदेश से लोग आते हैं. इसके अलावा हमीरपुर जिला में बाबा बालक नाथ मंदिर का दरबार भी लोगों के लिए नहीं खोला गया है.

जिला प्रशासन का कहना है कि नए आदेशों के बाद ही बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध खुलेगा. वहीं, ऊना का प्रसिद्ध चिंतपूर्णी मंदिर भी ढाई माह बाद भी नहीं खोला गया है. मंडी जिला में आठ जून से होटल, रेस्टोरेंट व धार्मिक स्थल नहीं खुले. धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश प्रदेश सरकार ने जारी किए थे, लेकिन इन्हें खोलने के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है. जिला प्रशासन के अनुसार प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश मिलने के बाद ही इन स्थलों को खोलने बारे में निर्णय लिया जाएगा.

बिलासपुर के प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर में मां के दशर्नों के लिए श्रद्धालुओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा, यहां भी मंदिर के कपाट अभी खोले नहीं गए हैं. कोरोना वायरस एक नई तरह की चुनौती है. इससे निपटने के लिए पहले धार्मिक संस्थानों में लोगों के जाने संबंधी प्रोटोकॉल तय किए जाएंगे.

श्रद्धालुओं को धार्मिक संस्थानों में प्रवेश होने की अनुमति नियमावली एवं प्रोटोकॉल के तहत दी जाएगी. जिला प्रशासन सभी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, लेकिन कोई भी मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों सहित अन्य धार्मिक संस्थानों में जाने की जल्दबाजी न करें. इन संस्थानों को खोलने की अनुमति न मिलने तक यहां न जाएं. उन्होंने कहा कि यह निर्णय आम जनता के हित में है. ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके.

शिमलाः प्रदेश में फिलहाल धार्मिक स्थल खुलने में वक्त लग सकता है. प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. हालांकि केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थल और होटलों को खोलने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन हिमाचल में मंदिर और होटल सोमवार को नहीं खुले हैं.

हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से धार्मिक स्थल को खोलने के संबंध में किसी भी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा कि कोरोना के दौर में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. जिलाधीश का कहना है कि जिले में इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है. इसलिए यहां सभी मंदिर फिलहाल बंद हैं.

वहीं, कांगड़ा जिला की बात करें तो जिला में ज्वालाजी मंदिर, बज्रेश्वरी मन्दिर, नंदिकेश्वर धाम, महाकाल, बैजनाथ शिव मंदिर, काठगढ़ शिव मंदिर समेत प्रसिद्ध बगलामुखी मन्दिर हैं. यहां बड़ी संख्या में देश प्रदेश से लोग आते हैं. इसके अलावा हमीरपुर जिला में बाबा बालक नाथ मंदिर का दरबार भी लोगों के लिए नहीं खोला गया है.

जिला प्रशासन का कहना है कि नए आदेशों के बाद ही बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध खुलेगा. वहीं, ऊना का प्रसिद्ध चिंतपूर्णी मंदिर भी ढाई माह बाद भी नहीं खोला गया है. मंडी जिला में आठ जून से होटल, रेस्टोरेंट व धार्मिक स्थल नहीं खुले. धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश प्रदेश सरकार ने जारी किए थे, लेकिन इन्हें खोलने के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है. जिला प्रशासन के अनुसार प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश मिलने के बाद ही इन स्थलों को खोलने बारे में निर्णय लिया जाएगा.

बिलासपुर के प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर में मां के दशर्नों के लिए श्रद्धालुओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा, यहां भी मंदिर के कपाट अभी खोले नहीं गए हैं. कोरोना वायरस एक नई तरह की चुनौती है. इससे निपटने के लिए पहले धार्मिक संस्थानों में लोगों के जाने संबंधी प्रोटोकॉल तय किए जाएंगे.

श्रद्धालुओं को धार्मिक संस्थानों में प्रवेश होने की अनुमति नियमावली एवं प्रोटोकॉल के तहत दी जाएगी. जिला प्रशासन सभी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, लेकिन कोई भी मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों सहित अन्य धार्मिक संस्थानों में जाने की जल्दबाजी न करें. इन संस्थानों को खोलने की अनुमति न मिलने तक यहां न जाएं. उन्होंने कहा कि यह निर्णय आम जनता के हित में है. ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके.

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