शिमला: हिमाचल के बागवानी सेक्टर के लिए एक खुशखबरी है. प्रदेश के 4 लाख बागवान परिवारों के लिए एक राहत की खबर है. इस बार हिमाचल में रिकॉर्ड सेब उत्पादन (Apple production in Himachal ) के संकेत हैं. बागवानी विभाग ने उत्पादन से संबंधित सर्वे पूरा कर लिया है. विभाग के सर्वे के अनुसार हिमाचल में 3.46 करोड़ पेटी सेब उत्पादन का अनुमान है. यदि यह अनुमान सच साबित होता है तो हिमाचल में 12 साल बाद यह सबसे अधिक प्रोडक्शन होगी.
हालांकि सेब पर अभी ड्रॉपिंग की मार भी पड़ेगी. आम तौर पर जून में फल की सबसे ज्यादा फल की ड्रापिंग होती है. परंतु इस बार सूखे के कारण अप्रैल और मई में ड्रापिंग हो चुकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर फरवरी से मई महीने के मध्य तक सूखे के हालत न होते तो सेब का उत्पादन चार करोड़ पेटी से अधिक हो सकता था.
पिछले वर्ष के सेब उत्पादन की बात करें तो प्रदेश में पिछले सीजन में 3 करोड़ 20 लाख पेटी का उत्पादन हुआ था. इसके अलावा कोल्ड स्टोर में रखा सेब अतिरिक्त है. इस सेब को जोड़ा गया तो आंकड़ा 3 करोड़ 43 लाख पेटी तक पहुंचा. शिमला ज़िला में राज्य का सबसे अधिक सेब उत्पादन होता है. यहां राज्य के कुल उत्पादन का 80 फीसदी सेब होता है इस बार शिमला ज़िला में 1.95 करोड़ पेटी सेब अधिक सेब उत्पादन का अनुमान लगाया गया है.
बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. आरके परूथी (Horticulture Department Director Dr. RK Paruthi) के अनुसार इस सीजन में 3.46 करोड़ पेटी सेब उत्पादन का अनुमान है. फील्ड से रिपोर्ट आ गई है और उसे सरकार को सौंप दिया गया है. वहीं कोटखाई के बागवान मनोज चौहान के अनुसार कुछ इलाकों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है. लेकिन उत्पादन अच्छा होने के अनुमान है. बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज ने कहा कि बारिश होने पर ड्रॉपिंग कम होने से सेब का आकार बढ़ेगा और उत्पादन का आंकड़ा भी.
आइए जानते हैं प्रदेश के किस जिले में कितनी पेटी सेब उत्पादन का होता है..
हिमाचल में जिलेवार सेब उत्पादन | |
शिमला | 1,9572800 |
कुल्लू | 76,10750 |
मंडी | 29,98700 |
चंबा | 11,35100 |
किन्नौर | 28,53550 |
लाहौल स्पीति | 22,550 |
कांगड़ा | 18,900 |
सोलन | 1,050 |
सिरमौर | 4,33,450 |
बिलासपुर | 200 |
ऊना | 50 |
हमीरपुर | 450 |
कुल | 34607750 |
साल दर साल सेब उत्पादन का आंकड़ा
हिमाचल में सेब उत्पादन का आंकड़ा | |
2010 | 5.11 करोड़ पेटी |
2011 | 1.38 करोड़ पेटी |
2012 | 1.84 करोड़ पेटी |
2013 | 3.69 करोड़ पेटी |
2014 | 2.80 करोड़ पेटी |
2015 | 3.88 करोड़ पेटी |
2016 | 2.40 करोड़ पेटी |
2017 | 2.08 करोड़ पेटी |
2018 | 1.65 करोड़ पेटी |
2019 | 3.24 करोड़ पेटी |
2020 | 2.84 करोड़ पेटी |
2021 | 3.43 करोड़ पेटी |
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