शिमला: हिमाचल के युवा अब स्टार्टअप के क्षेत्र में नाम कमाने लगे हैं. बेकार हो चुके फूलों से अगरबत्ती बनाने वाले रविंद्र पराशर ने युवाओं को स्टार्टअप (Agarbatti made from waste flowers) की ओर प्रेरित किया है. एलोवेरा से विभिन्न उत्पाद बनाने वाले सुनील कुमार का स्टार्टअप भी खूब नाम कमा रहा है. ऐसे सभी युवाओं को राज्य सरकार के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने सम्मानित किया है. शिमला में आयोजित समारोह में उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से अब युवा सफल उद्यमी बन रहे हैं.
समारोह के दौरान युवाओं की उद्यम से जुड़ी नवीन सोच सामने आई है. बेकार फूलों से अगरबतियां बनाने वाले युवान वेंडर्स के संचालक रविंद्र पराशर को वर्ष 2019-20 के लिए प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये (Ravinder Parashar gets first Entrepreneurship Award) की राशि प्रदान की गई. द्वितीय पुरस्कार एलोवेरा से खाद्य उत्पाद बनाने वाले रूद्रा शक्ति हर्बस् के सुनील कुमार को 75 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार के रूप में एआई के उपयोग से भूस्खलन निगरानी तंत्र विकसित करने वाली राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी की टीम इनटॉइट सर्विसस प्राइवेट लिमिटेड को 50 हजार रुपये प्रदान किए गए.
वर्ष 2020-21 के लिए पहाड़ी खेती के लिए पोर्टेबल ट्रैक्टर का निर्माण करने वाले ठाकुर मैकेनिकल टूल एवं ठाकुर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के राजेश कुमार को एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार, ऑर्गेनिक मिठाइयां तैयार करने के लिए उमंग वर्ल्ड ऑफ नेचुरल स्वीट्स की रीना चंदेल को 75 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार और उद्यमियों को उनके व्यवसाय के विस्तार के लिए वेब आधारित एप्लीकेशन तैयार करने के लिए हिमालयन कंपनी ऑनलाइन सर्विसिज के अनुज शर्मा को 50 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
पुरस्कार प्राप्त करने वाले उद्यमियों को बधाई देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य का पारिस्थितिक तंत्र परिणामजनक है और युवा अपने नवोन्मेषी विचारों एवं कड़ी मेहनत से सफल उद्यमी बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक सशक्त स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र विकसित करने के लिए हिमाचल को वर्ष 2021 की राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग में एस्पायरिंग लीडर के रूप में नवाजा गया है.
मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं. नई स्टार्टअप नीति तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने आश्वस्त किया की राज्य सरकार स्टार्टअप के लिए वित्तीय मदद बढ़ाने तथा इनके संचालन में विभिन्न औपचारिकताओं को युक्तिसंगत बनाएगी. उन्होंने विभाग को मुख्यमंत्री स्टार्टअप, नवोन्मेषी परियोजनाओं और नई उद्योग नीति को और सुदृढ़ करने के लिए प्रस्ताव लाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि उद्यमियों को स्टार्टअप के उपरान्त उत्पादों के विपणन सहित विभिन्न चरणों में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं के समाधान को भी नई योजना में शामिल किया जाना चाहिए.
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