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उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ का शिक्षा विभाग पर आरोप, पहली बार विधानसभा का इसलिए किया घेराव - शिमला विधानसभा खबर

हिमाचल समग्र शिक्षा अभियान में किताब खरीद प्रक्रिया में उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ ने अनियमितताओं के आरोप लगाया.उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ के आवाहन पर आज देश भर से प्रकाशक शिमला में पहली बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए और घेराव कर विरोध जताया.

प्रकाशक संघ
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Published : Aug 4, 2021, 10:43 PM IST

शिमलाः हिमाचल समग्र शिक्षा अभियान(Himachal Samagra Shiksha Abhiyan) में किताब खरीद प्रक्रिया में उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ(North-Central India Hindi Publishers Association) ने अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं. संघ का कहना है कि किताब खरीद प्रक्रिया में विभाग की ओर से अनियमितताएं बरती गई हैं. इससे प्रकाशकों में गहरा रोष है.

बीते दो महीनों से इस विषय को लेकर प्रकाशकों और शिक्षा विभाग के बीच भारी गतिरोध बना हुआ है. उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ के आह्वान पर आज देश भर से प्रकाशक शिमला में एकत्रित हुए और विधानसभा का घेराव कर अपना विरोध दर्ज करवाया. ऐसा पहली बार हुआ जब संघ के लोग विधानसभा के बाहर किसी राज्य में विरोध जताने पहुंचे हो.

संघ के सदस्यों ने अपनी बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Chief Minister Jai Ram Thakur) के सामने भी रखी. पत्रकारों से बात करते हुए संघ के संरक्षक सत्य प्रकाश सिंह(Patron Satya Prakash Singh) ने कहा कि अन्य राज्यों में 35 फीसदी डिस्काउंट(Discount) के साथ किताबें ली जाती, जबकि हिमाचल प्रदेश का समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय 10 फीसदी डिस्काउंट पर किताबें लेता है.

वीडियो

सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बाबत हिमाचल शिक्षा सचिव(Himachal Education Secretary) को पत्र लिखकर अवगत करवाया, लेकिन शिक्षा सचिव की ओर से उन्हें मिलने का भी समय नहीं दिया गया. ऐसे में उनकी भूमिका भी संदेहास्पद है. सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि पहली बार देखने को मिल रहा है कि इतनी भीषण और भयावह अनियमितता के बावजूद राज्य सरकार इसे नजर अंदाज कर रही है, जबकि अनियमितता के सारे प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं. उन्होंने यह आरोप लगाए कि जिन कंपनियों को किताब का टेंडर दिया गया वह कूरियर कंपनी के नाम से रजिस्टर हैं.

सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से करोड़ों रुपए की किताबें नियमों को दरकिनार कर की गई है. उन्होंने कहा कि देशभर के प्रकाशक प्रकाशक केवल किताबी प्रकाशित नहीं करते, बल्कि जरूरत पड़ने पर न्यायोचित संघर्ष को आयाम देने के लिए सड़क से सदन तक अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो आने वाले समय में उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ दिल्ली के इंडिया गेट(India Gate) में संसद के सामने प्रदर्शन करेगा.

ये भी पढ़ें: राजनीतिक चर्चाओं का अड्डा है शिमला का इंडियन कॉफी हाउस, PM मोदी भी हैं यहां की Coffee के मुरीद

शिमलाः हिमाचल समग्र शिक्षा अभियान(Himachal Samagra Shiksha Abhiyan) में किताब खरीद प्रक्रिया में उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ(North-Central India Hindi Publishers Association) ने अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं. संघ का कहना है कि किताब खरीद प्रक्रिया में विभाग की ओर से अनियमितताएं बरती गई हैं. इससे प्रकाशकों में गहरा रोष है.

बीते दो महीनों से इस विषय को लेकर प्रकाशकों और शिक्षा विभाग के बीच भारी गतिरोध बना हुआ है. उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ के आह्वान पर आज देश भर से प्रकाशक शिमला में एकत्रित हुए और विधानसभा का घेराव कर अपना विरोध दर्ज करवाया. ऐसा पहली बार हुआ जब संघ के लोग विधानसभा के बाहर किसी राज्य में विरोध जताने पहुंचे हो.

संघ के सदस्यों ने अपनी बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Chief Minister Jai Ram Thakur) के सामने भी रखी. पत्रकारों से बात करते हुए संघ के संरक्षक सत्य प्रकाश सिंह(Patron Satya Prakash Singh) ने कहा कि अन्य राज्यों में 35 फीसदी डिस्काउंट(Discount) के साथ किताबें ली जाती, जबकि हिमाचल प्रदेश का समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय 10 फीसदी डिस्काउंट पर किताबें लेता है.

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सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बाबत हिमाचल शिक्षा सचिव(Himachal Education Secretary) को पत्र लिखकर अवगत करवाया, लेकिन शिक्षा सचिव की ओर से उन्हें मिलने का भी समय नहीं दिया गया. ऐसे में उनकी भूमिका भी संदेहास्पद है. सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि पहली बार देखने को मिल रहा है कि इतनी भीषण और भयावह अनियमितता के बावजूद राज्य सरकार इसे नजर अंदाज कर रही है, जबकि अनियमितता के सारे प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं. उन्होंने यह आरोप लगाए कि जिन कंपनियों को किताब का टेंडर दिया गया वह कूरियर कंपनी के नाम से रजिस्टर हैं.

सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से करोड़ों रुपए की किताबें नियमों को दरकिनार कर की गई है. उन्होंने कहा कि देशभर के प्रकाशक प्रकाशक केवल किताबी प्रकाशित नहीं करते, बल्कि जरूरत पड़ने पर न्यायोचित संघर्ष को आयाम देने के लिए सड़क से सदन तक अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो आने वाले समय में उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ दिल्ली के इंडिया गेट(India Gate) में संसद के सामने प्रदर्शन करेगा.

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