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आउटसोर्स कर्मियों की समस्या का जल्द होगा समाधान, इस दिन होगी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक

हिमाचल में आउटसोर्स कर्मियों की समस्या (outsource workers himachal) हो हल करने के लिए एक बार सब कमेटी की बैठक (himachal sub committee meeting) होने वाली है. इस कमेटी के मुखिया जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 3 फरवरी को होने वाली बैठक में सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मियों की पूरी डिटेल मांगी गई है. ताकि कैबिनेट मीटिंग में इनके आंकड़े पेश किये जा सकें.

cabinet sub committee meeting
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.
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Published : Jan 28, 2022, 4:56 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 5:29 PM IST

शिमला: आउटसोर्स कर्मियों के मसले को हल करने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी 3 फरवरी को फिर से बैठक करेगी. इस बैठक में आउटसोर्स कर्मियों की सही संख्या का भी फैसला हो जाएगा. इसके बाद सब कमेटी के निर्णय को कैबिनेट में रखा जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद आउटसोर्स कर्मियों की समस्या का समाधान होगा. यह बात शुक्रवार को हिमाचल कैबिनेट सब कमेटी के मुखिया महेंद्र सिंह ठाकुर ने कही.



प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी अपना कार्य तेजी से कर रही है. अभी तक सभी विभागों के आंकड़े नहीं पहुंच आ पाए हैं. महेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक में सभी अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि 3 फरवरी तक सभी विभाग अपने यहां कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मियों की पूरी जानकारी दें, ताकि कैबिनेट सब कमेटी में आंकड़ा आ सके और उस अनुसार उचित निर्णय भी लिया जा सके.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

महेंद्र सिंह ने कहा कि कई दशकों से प्रदेश सरकार के आधार पर कर्मचारियों से आउट सोर्स आधार पर सेवाएं ले रही है. यह बड़ा पेचीदा मामला है कुछ आउट सोर्स कर्मी कंपनियों से और कुछ अन्य माध्यमों से रखे गए हैं. ऐसे में सब को किस प्रकार इकट्ठा लाभ पहुंचाया जा सके कैबिनेट सब कमेटी इस पर कार्य कर रही है. प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में हजारों युवा आउटसोर्स आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इन युवाओं की सेवाएं ली जा रही हैं.


प्रदेश सरकार के पास इन कर्मचारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर हो रहे शोषण से संबंधित कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं. विधायिका व कार्यपालिका को इन शिकायतों के त्वरित व स्थायी हल के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे. इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री के निर्देशों पर यह उप-समिति अपना कार्य कर रही है. समिति का प्रयास है कि सभी विभागों से प्राप्त सुझावों की गहन विवेचना करने के उपरान्त अपनी रिपोर्ट को इसी बजट सत्र में अन्तिम स्वरूप तक पहुंचाया जाए ताकि प्रदेश सरकार इस पर आगामी उचित निर्णय ले सके.

ये भी पढ़े: शिक्षा मंत्री की अधिकारियों के साथ बैठक, हिमाचल कैबिनेट मीटिंग में स्कूल खोलने पर होगा फैसला

महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि आउटसोर्स कर्मियों को देय सभी भुगतान समय पर सुनिश्चित करें. उन्होंने प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी के पास ईपीएफ कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया. उनके भविष्य निधि खातों तथा उन्हें प्रदान की जा रही. अन्य सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए. इसके लिए विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय से ऐसे शिविर आयोजित करने को भी कहा.


विभागों को निर्देश जारी- महेंद्र सिंह ठाकुर ने विभागाध्यक्षों को यह भी निर्देश दिए कि वे आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा जीएसटी, ईपीएफ, ईएसआईसी के समयबद्ध भुगतान से संबंधित ब्योरे की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करें. विभागाध्यक्ष अपने विभागों के माध्यम से चयनित एजेंसियों के साथ बैठक कर इसका मिलान भी करें. इसके अतिरिक्त, उन्होंने जीएसटी, ईपीएफ, ईएसआईसी अंशदान के समयबद्ध भुगतान की निगरानी के लिए एक समरूप प्रणाली विकसित करने के लिए सभी विभागों से सुझाव भी आमंत्रित किए. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों, निगमों व बोर्डों में कर्मचारियों की सेवाएं उपलब्ध करवा रही एजेंसियों के सर्विस चार्ज में भी समरूपता लाई जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: जयराम सरकार ने आदेश किए जारी, शिलाई के SDM को सौंपा कफोटा एसडीएम कार्यालय का अतिरिक्त कार्यभार

शिमला: आउटसोर्स कर्मियों के मसले को हल करने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी 3 फरवरी को फिर से बैठक करेगी. इस बैठक में आउटसोर्स कर्मियों की सही संख्या का भी फैसला हो जाएगा. इसके बाद सब कमेटी के निर्णय को कैबिनेट में रखा जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद आउटसोर्स कर्मियों की समस्या का समाधान होगा. यह बात शुक्रवार को हिमाचल कैबिनेट सब कमेटी के मुखिया महेंद्र सिंह ठाकुर ने कही.



प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी अपना कार्य तेजी से कर रही है. अभी तक सभी विभागों के आंकड़े नहीं पहुंच आ पाए हैं. महेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक में सभी अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि 3 फरवरी तक सभी विभाग अपने यहां कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मियों की पूरी जानकारी दें, ताकि कैबिनेट सब कमेटी में आंकड़ा आ सके और उस अनुसार उचित निर्णय भी लिया जा सके.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

महेंद्र सिंह ने कहा कि कई दशकों से प्रदेश सरकार के आधार पर कर्मचारियों से आउट सोर्स आधार पर सेवाएं ले रही है. यह बड़ा पेचीदा मामला है कुछ आउट सोर्स कर्मी कंपनियों से और कुछ अन्य माध्यमों से रखे गए हैं. ऐसे में सब को किस प्रकार इकट्ठा लाभ पहुंचाया जा सके कैबिनेट सब कमेटी इस पर कार्य कर रही है. प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में हजारों युवा आउटसोर्स आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इन युवाओं की सेवाएं ली जा रही हैं.


प्रदेश सरकार के पास इन कर्मचारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर हो रहे शोषण से संबंधित कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं. विधायिका व कार्यपालिका को इन शिकायतों के त्वरित व स्थायी हल के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे. इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री के निर्देशों पर यह उप-समिति अपना कार्य कर रही है. समिति का प्रयास है कि सभी विभागों से प्राप्त सुझावों की गहन विवेचना करने के उपरान्त अपनी रिपोर्ट को इसी बजट सत्र में अन्तिम स्वरूप तक पहुंचाया जाए ताकि प्रदेश सरकार इस पर आगामी उचित निर्णय ले सके.

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महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि आउटसोर्स कर्मियों को देय सभी भुगतान समय पर सुनिश्चित करें. उन्होंने प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी के पास ईपीएफ कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया. उनके भविष्य निधि खातों तथा उन्हें प्रदान की जा रही. अन्य सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए. इसके लिए विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय से ऐसे शिविर आयोजित करने को भी कहा.


विभागों को निर्देश जारी- महेंद्र सिंह ठाकुर ने विभागाध्यक्षों को यह भी निर्देश दिए कि वे आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा जीएसटी, ईपीएफ, ईएसआईसी के समयबद्ध भुगतान से संबंधित ब्योरे की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करें. विभागाध्यक्ष अपने विभागों के माध्यम से चयनित एजेंसियों के साथ बैठक कर इसका मिलान भी करें. इसके अतिरिक्त, उन्होंने जीएसटी, ईपीएफ, ईएसआईसी अंशदान के समयबद्ध भुगतान की निगरानी के लिए एक समरूप प्रणाली विकसित करने के लिए सभी विभागों से सुझाव भी आमंत्रित किए. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों, निगमों व बोर्डों में कर्मचारियों की सेवाएं उपलब्ध करवा रही एजेंसियों के सर्विस चार्ज में भी समरूपता लाई जानी चाहिए.

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Last Updated : Jan 28, 2022, 5:29 PM IST
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