शिमला: ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश की आम सभा की बैठक का आयोजन वर्चुअल वीडियो कॉन्फ्रेंस के (Geographical Society of Himachal Pradesh) जरिये किया गया. जिसमें उत्तरी भारत के और हिमाचल के भूगोलवेत्ताओं ने भाग लिया और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के चलते वर्ष 2022 से 2024 के कार्यकाल के लिए 'हिमाचल प्रदेश ज्योग्राफिकल सोसाइटी' की कार्यकारिणी का चुनाव किया गया. जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा (CSRD JNU) ने निभाई.
इस बैठक में सोसाइटी के (Geographical Society Himachal meeting) 104 से अधिक आजीवन सदस्यों ने अपनी भागीदारी के चलते हाउस के द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग (Department of Geography of HPU) से प्रो. देवदत्त शर्मा को सोसाइटी का (Geographical Society HP President) सर्वसम्मति से अध्यक्ष व भूगोल विभाग से डॉ. बी. आर. ठाकुर को सोसाइटी का सचिव चुना गया. साथ ही डॉ. मदन मनकोटिया को उपाध्यक्ष, पंजाब विश्विद्यालय चंडीगढ़ से डॉ. विश्वा बंधु चंदेल को संयुक्त सचिव, व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के डॉ. राम लाल को वित्त सचिव व डॉ. अमित सोसटा को एडिटोरियल इंचार्ज व राजकीय बाल वरिष्ठ विद्यालय चम्बा से भूगोल प्रवक्ता धीरज सिंह ठाकुर को सर्वसम्मति से प्रेस सचिव वर्ष 2022 से 2024 तक निर्वाचित किया गया.
कार्यकारणी के विस्तार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने चीफ पेट्रन के तौर पर हामी भरी. प्रो. बी. एस. माढ़ को भी सोसाइटी के पेटर्न एवं प्रो. कौशल कुमार शर्मा सह-पेटर्न व उपाध्यक्ष डॉ. जगवीर चंदेल व सयुक्त सचिव डॉ. धनदेव शर्मा नियुक्त किया गया. इसके अतिरिक्त एक्जीक्यूटिव सदस्यों में डॉ. निवेदिता, डॉ. विशाल बारपा, डॉ. निकेश शर्मा, डॉ. सीमा चौधरी, डॉ. सत्या प्रकाश, डॉ. संदीप, डॉ. पंकज आशीष, राजेश कुमार, अशोक शर्मा व शोध छात्रों में से दीक्षा कपूर और खूब राम पाठक को शामिल किया गया.
हाउस के द्वारा सोसाइटी के 'लोगो' व आर्दश वाक्य को सहमति प्रदान की गई. वर्ष 2022 से 2024 की कार्यकारणी के चुनाव के अतिरिक्त बैठक के मुख्य एजेंडा के पहले चरण में भूगोल विषय को एक अनिवार्य विषय के रूप में हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों, महाविद्यालयों एंव विश्वविद्यालयों में शुरू करवाना एक महत्वपूर्ण विषय रहा. ज्योग्राफिकल सोसाइटी हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबधंन, जलवायु परिवर्तन, एवं अनियोजित विकास से हो रहे नुकसान के लिए भूगोल विषय की अनदेखी को प्रमुख कारण माना एवं गहरी चिंता व्यक्त की.
इस बैठक में भूगोलवेत्ताओं ने भूगोल विषय की अनदेखी के ( Geographical Society of Himachal Pradesh) ऊपर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए प्रदेश की आम जनता, बुद्धिजीवी ग्राम पंचायत प्रधानों, जिला परिषद सदस्यों, एवं 22 माननीय विद्यायकों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने भूगोल विषय की वर्तमान प्रासंगिकता को समझते हुए भूगोल विषय को आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू करवाने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, व शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव व शिक्षा सचिव को आवेदन किया कि भूगोल को अनिवार्य विषय के रूप में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करवाया जाए. ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश नीति आयोग के प्रावधानों एवं UNDP में दिए गए 'सतत विकास लक्ष्यों' को प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार से भगोल विषय को अगले शैक्षणिक सत्र से प्रारम्भ करने की मांग की. बैठक के अंत मे केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब से डॉ. प्रीतम चंद ने सभी का धन्यवाद जताया.
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