शिमला: कोरोना वायरस से जहां समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है. वहीं, कोरोना महामारी परिवहन क्षेत्र पर कहर बनकर टूटा है. इस वायरस ने टैक्सी ऑपरेटरों से रोजी-रोटी छीन ली है.
कोरोना काल में सैकड़ों टैक्सी मालिक व चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. कोरोना ने टैक्सी कारोबार चौपट कर दिया है. इसी कड़ी में ऑल इंडिया ज्वाइंट एक्शन कमेटी सहित कई टैक्सी ऑपरेटरों ने सोमवार को शिमला के आरटीओ ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान ऑल इंडिया ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेन्द्र ठाकुर ने कहा कि ओला, उबर जैसी बाहरी कंपनियों की प्राइवेट गाड़ियां हिमाचल में आकर काम कर रही है. इससे यहां के टैक्सी ऑपरेटरों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में प्राइवेट टैक्सी ऑपरेटर पहले ही काफी नुकसान झेल चुके हैं और अब इन कंपनियों के प्रदेश में आने से उनका काफी नुकसान हो रहा है.
राजेन्द्र ठाकुर ने सरकार से इन विदेशी कंपनियों पर जल्द से जल्द रोक लगाने की मांग की है. सरकारी संस्थानों में प्राइवेट गाड़ियों के संचालन पर रोक लगाने और उत्तराखंड की तर्ज पर सरकार से टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दिनों में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो मजबूरन टैक्सी ऑपरेटर्स सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे.
ऑल इंडिया ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेन्द्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से टैक्सी व्यवसाय को कोई पैकेज या सहायता नहीं दी गई है. खड़ी गाड़ियों पर भी उन्हें टैक्स देना ही पड़ रहा है जिस वजह से बहुत सारे टैक्सी व्यापारी इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.