शिमलाः प्रदेश सरकार की ओर से जहां लाखों अभिभावकों को निजी स्कूलों को मात्र ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश देकर राहत दी गई है. वहीं, कोविड-19 के संकट को देखते हुए सरकार ने एक और बड़ी राहत उन अभिभावकों को दी है, जिनके बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. अब अभिभावकों को निजी स्कूलों की ओर से जो ट्यूशन फीस ली जानी है, उसे एक साथ देने का दबाव नहीं झेलना पड़ेगा.
अभिभावक दो या तीन माह की फीस को इंस्टॉलमेंट में दे सकते हैं. यानी जिन अभिभावकों के पास दो या तीन माह की फीस एक साथ देने का सामर्थ्य नहीं है, वह एक-एक माह करके इस ट्यूशन फीस को निजी स्कूलों को दे सकते हैं.
सरकार की ओर से निजी स्कूलों को यह आदेश जारी किए जा सकते हैं कि वह अभिभावकों पर एक साथ दो या तीन माह की फीस जमा करवाने का दबाव ना बनाएं और अभिभावकों से यह फीस इंस्टॉलमेंट में ली जाए. इस बाबत जल्दी दिशानिर्देश सरकार की ओर से निजी स्कूलों को जारी किए जा सकते हैं. कोविड-19 के संकट के समय में जब अधिकतर काम बंद है तो ऐसे में अब अभिभावकों को यह बड़ी राहत सरकार की ओर से दी गई है.
सरकार ने अभिभावकों को निजी स्कूलों की ओर से अलग-अलग फंड के नाम पर ली जाने वाली फीस में छूट देकर मात्र निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस ही देने के निर्देश जहां जारी किए हैं. इसी के साथ दूसरी बड़ी राहत यह भी दी गई है कि ट्यूशन फीस भी निजी स्कूल वर्ष 2019 में तय की गई ट्यूशन फीस के आधार पर ही लेंगे.
ऐसे में 2020 में ट्यूशन फीस में जो बढ़ोतरी निजी स्कूलों की ओर से की गई थी, उसका भी बोझ अभिभावकों को नहीं उठाना होगा. वहीं अब एक ओर बड़ी राहत अभिभावकों को एक साथ ट्यूशन फीस ना देकर इंस्टॉलमेंट ट्यूशन फीस देने का विकल्प दे कर सरकार की ओर से दी जा रही है. इस बड़ी राहत का सभी अभिभावकों ने आभार भी जताया है और वहीं छात्र अभिभावक मंच ने भी सरकार के इस फैसले को सराहा है.
जिन अभिभावकों ने दी है पूरी फीस आगामी किस्तों में होगी एडजेस्ट-
प्रदेश में जिन निजी स्कूलों में अभिभावकों से मार्च माह में ही फीस मांगी थी और अभिभावक मार्च-अप्रैल में पूरी फीस दे चुके हैं, उस फीस को अब आगामी फीस कई किस्तों में एडजेस्ट किया जाएगा. अभिभावकों से पूरी फीस निजी स्कूल नहीं वसूल सकेंगे और मात्र ट्यूशन फीस स्कूलों को इन दो माह की लेनी होगी.