दिल्ली: सीएम जयराम ठाकुर ने सोमवार को हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा (haati community) की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने दिल्ली के हिमाचल भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस (Jairam Thakur press conference)कर इस मुलाकात की जानकारी दी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया कि सिरमौर जिले के गिरि पार क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोगों को जनजातीय दर्जा दिए जाने की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने के रास्ते की सभी अड़चने दूर कर दी गई हैं. हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलेगा या नहीं (Will Haati community get tribal status) इस पर मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही हाटी समुदाय के करीब तीन लाख लोगों को जनजातीय दर्जा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस- दिल्ली में स्थित हिमाचल भवन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 1967 से हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा और गिरि पार क्षेत्र को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग उठती रही है लेकिन यह मामला मानव जाति विज्ञान संबंधी शोध यानी एथनोग्राफिक स्टडी सहित अन्य विभिन्न तकनीकी खामियों की वजह से टलता रहा. प्रक्रिया के दौरान आरजीआई (REGISTRAR GENERAL OF INDIA) ने तकनीकी खामियों के संबंध में बार-बार कई जानकारियां और स्पष्टीकरण मांगे थे. जो खामियां थी वह दूर की गईं. जिन सभी जानकारियों की आवश्यकता थी, वह संपूर्ण हो गई हैं. अब सारी चीजें अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ (Haati community get tribal status) रही हैं.
उत्तराखंड में 6 दशक पहले मिल गया था ये दर्जा- मुख्यमंत्री ने कहा कि 1967 में ही सिरमौर जिले से लगते उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित कर दिया था लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला और तभी से इसी तर्ज पर हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग उठती रही है. जौनसार बावर क्षेत्र उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. दोनों इलाकों में भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टि से कोई अंतर नहीं है. साल 2011 की जनगणना के मुताबकि हाटी समुदाय के लोगों की संख्या ढाई लाख के करीब थी जो आज तीन लाख हो गई है.
कौन है देरी का जिम्मेदार- इस सवाल के जवाब में सीएम ने कहा, ‘‘अब हम इस स्थिति पर पहुंचे हैं, इसलिए देरी के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा’’ लेकिन करीब 6 दशक पुरानी इस मांग को लेकर आंदोलन भी हुए हैं और राजनीतिक रूप से इस मांग को पूरा करने की कोशिशें वक्त-वक्त पर हुई हैं. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह तक से मुलाकातें की गई थीं. अब हमने केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को पूरा करने के लिए मांगी गई सभी जानकारियां दे दी हैं और उम्मीद है कि हाटी समुदाय की ये मांग जल्द पूरी होगा.
जो वादा किया वो निभाने की ओर हैं- मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने का वादा किया था और उसके बाद से उनकी सरकार इस मामले को लगातार आगे बढ़ाती रही है. चुनावी साल होने की वजह से इस दिशा में सक्रियता दिखाए जाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए लंबे समय से प्रयास चल रहा है और भाजपा जब विपक्ष में थी तब भी इस मांग को उठाती रही है. उन्होंने कहा, ‘‘इस सिलसिले में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी. कोई चीज बढ़ते-बढ़ते आज इस स्थिति में पहुंची है तो मुझे लगता है कि इसे इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए जिस तरीके से कुछ लोग देखने की कोशिश कर रहे हैं’’
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