शिमलाः आईजीएमसी बॉयज हॉस्टल रैगिंग मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद बुधवार को पुलिस ने रमन हॉस्टल में दबिश दी और वहां सबूत जुटाए. पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी से गहन पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज को भी बारीकियों से खंगाल रही है. हॉस्टल में पुलिस ने सुबह से दोपहर बाद तक तक जारी रखी.
यही नहीं, पुलिस ने ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से भी जानकारी जुटाई. पुलिस पीड़ित छात्र से भी पूछताछ कर रही है. इस बारे में एसपी शिमला मोहित चावला ने बताया कि मेडिकल हॉस्टल में मारपीट का मामला सामने आया है. प्राथमिक जांच में यह रैगिंग का मामला है. पुलिस ने आईजीएमसी के प्रिंसिपल से रिपोर्ट तलब की है और आरोपी व पीड़ित छात्रों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. मामले की जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कालेज आईजीएमसी के बॉयज हॉस्टल में फिर से रैगिंग हुई है. पुलिस ने रैगिंग एक्ट के तहत सदर थाने में मामला दर्ज किया है. दोनों सीनियर छात्रों विनय मिन्हास और गुलशेर चौहान कौ आईजीएमसी से निष्कासित कर दिया है. रैगिंग का आरोप जूनियर डॉक्टर ने अपने सीनियरों पर लगाया है.
इस मामले में आरोप है कि यहां दो सीनियर छात्रों ने एक जूनियर छात्र की पिटाई कर दी. पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसे सीनियर लगातार तंग करते थे. इस बार सीनियर्स ने जब हाथ उठाया तो, उसने पुलिस और आईजीएमसी प्रशासन को सूचना दे दी. आईजीएमसी कॉलेज प्रशासन ने फिलहाल कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपी छात्रों को निष्कासित कर दिया है.
बीते मंगलवार को आईजीएमसी में इस मामले को लेकर एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई. करीब ढाई घंटें चली इस बैठक में दोनों पक्षों से बातचीत हुई. इसमें जूनियर छात्र के पेरेंट्स भी मौजूद थे. उन्होंने किसी तरह के समझौते से इंकार कर दिया. उसके बाद प्रशासन ने रैगिंग का मामला दर्ज करवा दिया. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और जूनियर छात्र की शिकायत के आधार पर छानबीन शुरू कर दी है.
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