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हिमाचल में शिमला मनाली के अलावा भी बहुत कुछ है, क्या आपने किया है इन जगहों का दीदार

आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) पर आज हम आपको पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की उन टूरिस्ट डेस्टीनेशन के बारे में बताएंगे जहां आप प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं. अगर आप भी हिमाचल घूमने आ रहे हैं तो इन पर्यटन स्थलों पर जाना न (Places to visit in Himachal) भूलें. पढ़ें पूरी खबर..

हिमाचल के पर्यटन स्थल.
हिमाचल के पर्यटन स्थल.
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Published : Aug 12, 2022, 3:43 PM IST

Updated : Nov 28, 2022, 2:34 PM IST

शिमला: भारत देश आज आजाद हुए 75 साल हो (Achievements 75) चुके हैं और इस वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है. आजादी (Indian Independence Day) के बाद देश के विकास में पर्यटन का भी एक अहम योगदान रहा है. देश में पर्यटन से होने वाली कमाई और उससे सृजित रोजगार देश की आर्थिकी को मजबूत करते हैं. इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव पर आपको हिमाचल के पर्यटन स्थलों (Tourist Places in Himachal Pradesh) के बारे में बताते हैं.

हिम का आंचल- जब भी पर्यटन की बात होती है तो उसमें देवभूमि हिमाचल का जिक्र जरूर होता है. देवभूमि हिमाचल हिमालय की गोद में बसा हुआ एक छोटा राज्य है. हिमाचल पर प्रकृति ने कई नेमतें बख्शी हैं, जिनके दीदार के लिए देश-विदेश से आते हैं. हिमाचल में धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, बागवानी पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन के जरिए प्रकृति को निहारने का मौका मिलता (Dil se desi) है. यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं, ज्यादातर पर्यटक शिमला या कुल्लू-मनाली को ही हिमाचल के पर्यटन स्थलों के रूप में जानते हैं.

हिमाचल में ऐसी कई टूरिस्ट डेस्टीनेशन (Tourist destination of Himachal) हैं जहां न सिर्फ देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों की आमद अधिक होती है. छोटे से प्रदेश में मिनी स्विट्जरलैंड, छोटी काशी, मिनी ल्हासा जैसे कई शहर हैं. जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. आज विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर हम आपको हिमाचल के ऐसे ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे जहां आप घूमने जा (Places to visit in Himachal) सकते हैं. ऐसे कई हिमाचल के पर्यटन स्थल है, जिनके बारे में आपने शायद सुना भी ना हो. आइये हिमाचल के पर्यटन स्थलों के बारे में आपको बताते हैं

शिमला के पर्यटन स्थल.
शिमला के पर्यटन स्थल.

शिमला- शिमला उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है. ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी से प्रसिद्ध यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वातावरण की वजह से हर किसी की पहली पसंद है. अकसर पर्यटक शिमला इसलिए भी घूमने आते हैं ताकि वो विश्व प्रसिद्ध टॉय ट्रैन का आनंद ले (Tourists places in shimla) सकें. कालका-शिमला रेलवे मार्ग से पर्यटक चंढीगढ़ होते हुए जब कालका से ट्रेन में चलते हैं तो उन्हें शिमला पहुंचने में करीब 5 घंटों का समय लगता है.

इस दौरान वे प्रकृति के मनोरम दृश्यों और पहाड़ियों के बीच सांप की तरह टेढ़ी-मेढ़ी चलती हुई टॉय ट्रेन का लुत्फ (Toy train shimla) उठाते हैं. शिमला में पर्यटकों के लिए घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं जिनमें, जाखू भी शामिल हैं. जाखू में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगी (Jakhu temple shimla) हुई है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा माल रोड से प्राकृतिक नजारों का लुत्फ लिया जा सकता है. इसके अलावा शिमला के लक्कड़ बाजार में स्थित आइस स्केटिंग रिंग में भी पर्यटक सर्दियों के दौरान स्केटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं.

कुफरी और नालदेहरा.
कुफरी और नालदेहरा.

कुफरी: शिमला से 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक ऐसी जगह है जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है. प्रकृति प्रेमियों और साहसिक खेलों के शौकीन लोगों का यह पसंदीदा स्थल है. यहां साल के 12 महीनों और हर मौसम में पर्यटकों की भीड़ नजर आती है. यहां कई तरह के साहसिक खेल भी करवाए जाते हैं, जहां पर्यटक खूब मौज-मस्ती (snowfall in kufri) करते हैं.

नालदेहरा: शिमला से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नालेदहरा गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है. 1920 में भारत के वायसराय लॉर्ड कर्जन ने यहां एक गोल्फ कोर्स की स्थापना की थी. देवदार के घने पेड़ और यहां की शानदार हरियाली इस जगह के वातावरण को बेहद आकर्षक बनाती है. इस क्षेत्र में घोड़े की सवारी भी कर सकते हैं. नालदेहरा में सूर्योदय और सूर्यास्त नजारा बेहद आकर्षक लगता है.

कुल्लू-मनाली के पर्यटन स्थल.
कुल्लू-मनाली के पर्यटन स्थल.

कुल्लू-मनाली: शिमला के बाद अगर हिमाचल का कोई पर्यटन स्थल पर्यटकों की पसंद माना जाता है तो वो है मनाली. कुल्लू मनाली में आप साल के सभी महीने घूम सकते हैं. सर्दियों में पर्यटक जहां बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं तो गर्मियों में यहां की ठंडी वादियों में घूमने का आनंद (Tourists places in kullu Manali) उठाते हैं. कुल्लू धार्मिक पर्यटन के हिसाब से भी बेहद प्रसिद्ध है. कुल्लू को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है. यहां बहुत से ऐसे मंदिर भी हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र है. मनाली स्थित मां हिडिंबा, बिजली महादेव और गर्म चश्मों को लिए मणिकर्ण घाटी विश्व प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा साहसिक खेलों के लिए भी पर्यटक कुल्लू मनाली का रुख करते हैं. रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग व कैंपिंग के लिए ये जगह पर्यटकों की पहली पसंद है.

मिनी इजराइल कसोल: ट्रेकिंग के लिए खीर गंगा विश्व प्रसिद्ध है. वहीं, कुल्लू में मनाया जाने वाला दशहरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. इसके अलावा कुल्लू जिले का कसोल गांव (Kasol valley Kullu) भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक केंद्र है. यहां इजराइल के लोग बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं इसलिए इसे मिनी इजराइल के नाम से भी जाना जाता है. ये गांव पार्वती घाटी में पार्वती नदी के किनारे पर स्थित है, ये जगह मणिकर्ण से 5 किमी की दूरी पर स्थित है. ये गांव मलाना और खीरगंगा के नजदीकी ट्रेक के लिए बेस कैंप के रूप में भी काम करता है.

चंबा और धर्मशाला के पर्यटन स्थल.
चंबा और धर्मशाला के पर्यटन स्थल.

धर्मशाला: धौलाधार के आंचल में बसा धर्मशाला एक खूबसूरत शहर है. ये आध्यातमिक पर्यटन के लिए भी जाना जाता है. जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैक्लोडगंज (मिनी ल्हासा) की पहचान तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के कारण अधिक है. वहीं, मैक्लोडगंज में स्थित भागसूनाग मंदिर और भागसूनाग वॉटरफॉल भी पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक हैं. धर्मशाला केवल बोद्ध धर्म और तिब्बति धर्मगुरु दलाई लामा के कारण ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि क्रिकेट स्टेडियम की वजह से भी धर्मशाला ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. धर्मशाला अब क्रिकेट स्टेडियम से अधिक प्रसिद्ध हो गया है. दुनिया के पांच खूबसूरत स्टेडियमों में शुमार इस स्टेडियम में लोग सिर्फ मैच देखने के लिए नहीं आते हैं बल्कि प्रतिदिन दो से तीन हजार लोग इसे निहारने के लिए ही आ जाते हैं.

चंबा: चंबा रावी नदी के तट पर बसा बेहद ही खूबसूरत शहर है. ये शहर उत्तरी भारत के प्राचिन शहरों में से एक है. आधुनिकता के इस दौर में भी चंबा में लोग अपनी संस्कृति और पंरपराओं को साथ लेकर चल रहे हैं. चंबा ग्रामीण पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए पर्यटकों की पसंदीदा जगह (Tourists places in chamba) है. प्रदेश की सीमा पर बसे होने के कारण चंबा में हिमाचल के साथ-साथ पंजाब, जम्मू और जनजातीय क्षेत्र की संस्कृति का भी प्रभाव दिखता है. चंबा रूमाल और चंबा चप्पल के कारण भी इस शहर की पहचान है. इसके अलावा धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भी हजारों लोग यहां घूमने आते हैं. धार्मिक पर्यटन के लिए चंबा शहर में स्थत लक्ष्मी नारायण मंदिर समूह, भरमौर स्थित चौरासी मंदिरों का समूह और पवित्र मणिमहेश यात्रा प्रमुख हैं. चंबा जिला में दो जनजातीय क्षेत्र भी आते हैं. वहीं, विलुप्त हो रही जानवरों की प्रजाति में भूरे भालू और चंबा सेक्रेड लंगूर के कारण भी ये शहर अब चर्चा में है.

डलहौजी-खज्जियार.
डलहौजी-खज्जियार.

डलहौजी-खज्जियार: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर खज्जियार चंबा से 22 किलोमीटर दूर है. यहां आप हर ऋतू में घूमने आ सकते हैं. चीड़, देवदार के पेड़ों से घिरी खज्जियार झील इस स्थान को और मनोरम बनाती है. यहां पर्यटक पैराग्लाइडिंग का मजा भी ले सकते हैं. इसके अलावा अंग्रेजी शासन के समय सन 1854 में अस्तित्व में आए पर्यटन स्थल डलहौजी न सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है बल्कि हनीमून पर्यटन के लिए ये सबसे पसंदीदा जगह है. अन्य पर्यटन स्थलों की तरह ही यहां भी पर्यटक साल के 12 महीने घूमने आ सकते हैं. डलहौजी के साथ नेताजी जी सुभाष चंद्र बोस व लेखक एवं साहित्यकार रविंद्र नाथ टैगोर जैसी महान हस्तियों का नाम भी जुड़ा है.

लाहौल और स्पीति घाटी: लाहौल और स्पीति को शीत मरुस्थल के नाम से भी जाना (lahaul and spiti valley) जाता है. माउंटेनियर और बाइकर्स के अलावा आम पर्यटकों के लिए ये घाटी किसी जन्नत से कम नहीं है. मनाली के रोहतांग से होते हुए वाया लाहौल होते हुए बाइकर्स पर्यटक लद्दाख के लिए निकलते हैं. लाहौल घाटी अपने दर्रों के कारण प्रसिद्ध है. ये घाटी बर्फबारी होने के कारण साल के छह महीने शेष दुनिया से कट जाती है. ठंड के मौसम में यहां अत्याधिक ठंड और गर्मियों में यहां मौसम सुहावना हो जाता है.

लाहौल-स्पीति घाटी और बीड़ बिलिंग.
लाहौल-स्पीति घाटी और बीड़ बिलिंग.

बीड़ बिलिंग: बीड़ बिलिंग मंडी जिला के जोगिंद्र नगर में स्थित एक गांव (Bir billing himachal) है. इसे 'भारत की पैराग्लाइडिंग कैपिटल' के रूप में जाना जाता (Paragliding in Himachal) है, बीड़ पारिस्थितिकी, आध्यात्मिक अध्ययन और ध्यान के लिए एक प्रसिद्ध केंद्र भी है. बीर कई बौद्ध मठों और एक बड़े स्तूप के साथ एक तिब्बती शरणार्थी निपटान का भी घर है. बीड़-बिलिंग क्षेत्र इको-टूरिज्म के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है, जो पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, ट्रेकिंग और कैम्पिंग के लिए मशहूर है.

ये भी पढ़ें: KULLU MANALI TOURIST ATTRACTION: कुल्लू में पर्यटन व्यवसायियों के लिए बर्फबारी बनी संजीवनी, सैलानियों की बढ़ी आमद

शिमला: भारत देश आज आजाद हुए 75 साल हो (Achievements 75) चुके हैं और इस वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है. आजादी (Indian Independence Day) के बाद देश के विकास में पर्यटन का भी एक अहम योगदान रहा है. देश में पर्यटन से होने वाली कमाई और उससे सृजित रोजगार देश की आर्थिकी को मजबूत करते हैं. इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव पर आपको हिमाचल के पर्यटन स्थलों (Tourist Places in Himachal Pradesh) के बारे में बताते हैं.

हिम का आंचल- जब भी पर्यटन की बात होती है तो उसमें देवभूमि हिमाचल का जिक्र जरूर होता है. देवभूमि हिमाचल हिमालय की गोद में बसा हुआ एक छोटा राज्य है. हिमाचल पर प्रकृति ने कई नेमतें बख्शी हैं, जिनके दीदार के लिए देश-विदेश से आते हैं. हिमाचल में धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, बागवानी पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन के जरिए प्रकृति को निहारने का मौका मिलता (Dil se desi) है. यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं, ज्यादातर पर्यटक शिमला या कुल्लू-मनाली को ही हिमाचल के पर्यटन स्थलों के रूप में जानते हैं.

हिमाचल में ऐसी कई टूरिस्ट डेस्टीनेशन (Tourist destination of Himachal) हैं जहां न सिर्फ देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों की आमद अधिक होती है. छोटे से प्रदेश में मिनी स्विट्जरलैंड, छोटी काशी, मिनी ल्हासा जैसे कई शहर हैं. जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. आज विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर हम आपको हिमाचल के ऐसे ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे जहां आप घूमने जा (Places to visit in Himachal) सकते हैं. ऐसे कई हिमाचल के पर्यटन स्थल है, जिनके बारे में आपने शायद सुना भी ना हो. आइये हिमाचल के पर्यटन स्थलों के बारे में आपको बताते हैं

शिमला के पर्यटन स्थल.
शिमला के पर्यटन स्थल.

शिमला- शिमला उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है. ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी से प्रसिद्ध यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वातावरण की वजह से हर किसी की पहली पसंद है. अकसर पर्यटक शिमला इसलिए भी घूमने आते हैं ताकि वो विश्व प्रसिद्ध टॉय ट्रैन का आनंद ले (Tourists places in shimla) सकें. कालका-शिमला रेलवे मार्ग से पर्यटक चंढीगढ़ होते हुए जब कालका से ट्रेन में चलते हैं तो उन्हें शिमला पहुंचने में करीब 5 घंटों का समय लगता है.

इस दौरान वे प्रकृति के मनोरम दृश्यों और पहाड़ियों के बीच सांप की तरह टेढ़ी-मेढ़ी चलती हुई टॉय ट्रेन का लुत्फ (Toy train shimla) उठाते हैं. शिमला में पर्यटकों के लिए घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं जिनमें, जाखू भी शामिल हैं. जाखू में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगी (Jakhu temple shimla) हुई है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा माल रोड से प्राकृतिक नजारों का लुत्फ लिया जा सकता है. इसके अलावा शिमला के लक्कड़ बाजार में स्थित आइस स्केटिंग रिंग में भी पर्यटक सर्दियों के दौरान स्केटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं.

कुफरी और नालदेहरा.
कुफरी और नालदेहरा.

कुफरी: शिमला से 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक ऐसी जगह है जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है. प्रकृति प्रेमियों और साहसिक खेलों के शौकीन लोगों का यह पसंदीदा स्थल है. यहां साल के 12 महीनों और हर मौसम में पर्यटकों की भीड़ नजर आती है. यहां कई तरह के साहसिक खेल भी करवाए जाते हैं, जहां पर्यटक खूब मौज-मस्ती (snowfall in kufri) करते हैं.

नालदेहरा: शिमला से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नालेदहरा गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है. 1920 में भारत के वायसराय लॉर्ड कर्जन ने यहां एक गोल्फ कोर्स की स्थापना की थी. देवदार के घने पेड़ और यहां की शानदार हरियाली इस जगह के वातावरण को बेहद आकर्षक बनाती है. इस क्षेत्र में घोड़े की सवारी भी कर सकते हैं. नालदेहरा में सूर्योदय और सूर्यास्त नजारा बेहद आकर्षक लगता है.

कुल्लू-मनाली के पर्यटन स्थल.
कुल्लू-मनाली के पर्यटन स्थल.

कुल्लू-मनाली: शिमला के बाद अगर हिमाचल का कोई पर्यटन स्थल पर्यटकों की पसंद माना जाता है तो वो है मनाली. कुल्लू मनाली में आप साल के सभी महीने घूम सकते हैं. सर्दियों में पर्यटक जहां बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं तो गर्मियों में यहां की ठंडी वादियों में घूमने का आनंद (Tourists places in kullu Manali) उठाते हैं. कुल्लू धार्मिक पर्यटन के हिसाब से भी बेहद प्रसिद्ध है. कुल्लू को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है. यहां बहुत से ऐसे मंदिर भी हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र है. मनाली स्थित मां हिडिंबा, बिजली महादेव और गर्म चश्मों को लिए मणिकर्ण घाटी विश्व प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा साहसिक खेलों के लिए भी पर्यटक कुल्लू मनाली का रुख करते हैं. रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग व कैंपिंग के लिए ये जगह पर्यटकों की पहली पसंद है.

मिनी इजराइल कसोल: ट्रेकिंग के लिए खीर गंगा विश्व प्रसिद्ध है. वहीं, कुल्लू में मनाया जाने वाला दशहरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. इसके अलावा कुल्लू जिले का कसोल गांव (Kasol valley Kullu) भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक केंद्र है. यहां इजराइल के लोग बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं इसलिए इसे मिनी इजराइल के नाम से भी जाना जाता है. ये गांव पार्वती घाटी में पार्वती नदी के किनारे पर स्थित है, ये जगह मणिकर्ण से 5 किमी की दूरी पर स्थित है. ये गांव मलाना और खीरगंगा के नजदीकी ट्रेक के लिए बेस कैंप के रूप में भी काम करता है.

चंबा और धर्मशाला के पर्यटन स्थल.
चंबा और धर्मशाला के पर्यटन स्थल.

धर्मशाला: धौलाधार के आंचल में बसा धर्मशाला एक खूबसूरत शहर है. ये आध्यातमिक पर्यटन के लिए भी जाना जाता है. जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैक्लोडगंज (मिनी ल्हासा) की पहचान तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के कारण अधिक है. वहीं, मैक्लोडगंज में स्थित भागसूनाग मंदिर और भागसूनाग वॉटरफॉल भी पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक हैं. धर्मशाला केवल बोद्ध धर्म और तिब्बति धर्मगुरु दलाई लामा के कारण ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि क्रिकेट स्टेडियम की वजह से भी धर्मशाला ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. धर्मशाला अब क्रिकेट स्टेडियम से अधिक प्रसिद्ध हो गया है. दुनिया के पांच खूबसूरत स्टेडियमों में शुमार इस स्टेडियम में लोग सिर्फ मैच देखने के लिए नहीं आते हैं बल्कि प्रतिदिन दो से तीन हजार लोग इसे निहारने के लिए ही आ जाते हैं.

चंबा: चंबा रावी नदी के तट पर बसा बेहद ही खूबसूरत शहर है. ये शहर उत्तरी भारत के प्राचिन शहरों में से एक है. आधुनिकता के इस दौर में भी चंबा में लोग अपनी संस्कृति और पंरपराओं को साथ लेकर चल रहे हैं. चंबा ग्रामीण पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए पर्यटकों की पसंदीदा जगह (Tourists places in chamba) है. प्रदेश की सीमा पर बसे होने के कारण चंबा में हिमाचल के साथ-साथ पंजाब, जम्मू और जनजातीय क्षेत्र की संस्कृति का भी प्रभाव दिखता है. चंबा रूमाल और चंबा चप्पल के कारण भी इस शहर की पहचान है. इसके अलावा धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भी हजारों लोग यहां घूमने आते हैं. धार्मिक पर्यटन के लिए चंबा शहर में स्थत लक्ष्मी नारायण मंदिर समूह, भरमौर स्थित चौरासी मंदिरों का समूह और पवित्र मणिमहेश यात्रा प्रमुख हैं. चंबा जिला में दो जनजातीय क्षेत्र भी आते हैं. वहीं, विलुप्त हो रही जानवरों की प्रजाति में भूरे भालू और चंबा सेक्रेड लंगूर के कारण भी ये शहर अब चर्चा में है.

डलहौजी-खज्जियार.
डलहौजी-खज्जियार.

डलहौजी-खज्जियार: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर खज्जियार चंबा से 22 किलोमीटर दूर है. यहां आप हर ऋतू में घूमने आ सकते हैं. चीड़, देवदार के पेड़ों से घिरी खज्जियार झील इस स्थान को और मनोरम बनाती है. यहां पर्यटक पैराग्लाइडिंग का मजा भी ले सकते हैं. इसके अलावा अंग्रेजी शासन के समय सन 1854 में अस्तित्व में आए पर्यटन स्थल डलहौजी न सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है बल्कि हनीमून पर्यटन के लिए ये सबसे पसंदीदा जगह है. अन्य पर्यटन स्थलों की तरह ही यहां भी पर्यटक साल के 12 महीने घूमने आ सकते हैं. डलहौजी के साथ नेताजी जी सुभाष चंद्र बोस व लेखक एवं साहित्यकार रविंद्र नाथ टैगोर जैसी महान हस्तियों का नाम भी जुड़ा है.

लाहौल और स्पीति घाटी: लाहौल और स्पीति को शीत मरुस्थल के नाम से भी जाना (lahaul and spiti valley) जाता है. माउंटेनियर और बाइकर्स के अलावा आम पर्यटकों के लिए ये घाटी किसी जन्नत से कम नहीं है. मनाली के रोहतांग से होते हुए वाया लाहौल होते हुए बाइकर्स पर्यटक लद्दाख के लिए निकलते हैं. लाहौल घाटी अपने दर्रों के कारण प्रसिद्ध है. ये घाटी बर्फबारी होने के कारण साल के छह महीने शेष दुनिया से कट जाती है. ठंड के मौसम में यहां अत्याधिक ठंड और गर्मियों में यहां मौसम सुहावना हो जाता है.

लाहौल-स्पीति घाटी और बीड़ बिलिंग.
लाहौल-स्पीति घाटी और बीड़ बिलिंग.

बीड़ बिलिंग: बीड़ बिलिंग मंडी जिला के जोगिंद्र नगर में स्थित एक गांव (Bir billing himachal) है. इसे 'भारत की पैराग्लाइडिंग कैपिटल' के रूप में जाना जाता (Paragliding in Himachal) है, बीड़ पारिस्थितिकी, आध्यात्मिक अध्ययन और ध्यान के लिए एक प्रसिद्ध केंद्र भी है. बीर कई बौद्ध मठों और एक बड़े स्तूप के साथ एक तिब्बती शरणार्थी निपटान का भी घर है. बीड़-बिलिंग क्षेत्र इको-टूरिज्म के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है, जो पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, ट्रेकिंग और कैम्पिंग के लिए मशहूर है.

ये भी पढ़ें: KULLU MANALI TOURIST ATTRACTION: कुल्लू में पर्यटन व्यवसायियों के लिए बर्फबारी बनी संजीवनी, सैलानियों की बढ़ी आमद

Last Updated : Nov 28, 2022, 2:34 PM IST
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