शिमलाः कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहने को मजबूर थे. जिसके चलते लोगों की शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो गई थी. इसके कारण ज्यादातर लोग मोटापे के शिकार हो गए हैं.
इसकी जानकारी आईजीएमसी के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने दी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद जब लोग जांच के लिए आईजीएमसी पहुंचे तो ज्यादातर लोगों का वजन बढ़ गया और मोटापे के शिकार हो गए हैं.
वहीं, डॉ. कुश देव ने बताया कि लॉकडाउन के समय लोग घर पर ही रहे थे. ऐसे में उनका बाहर जाना, चलना, फिरना व व्ययाम करना काफी कम हो गया था. इस दौरान लोगों के शरीर में कई तरह के बदलाव हुए, जिसमें मोटापा मुख्य बदलाव है.
लॉकडाउन में लोग मोटापा के शिकार
डॉ. कुश देव ने बताया कि मधुमेह का सीधा संबंध मोटापे से है. इस दौरान लोग शुगर से भी ग्रस्ति हुए है. उनका कहना था कि इसमें दो तरह के मरीज हैं, जो शुगर से ग्रस्त हो चुके हैं और जो शुगर की ओर अग्रसर हैं, मतलब प्री डायबिटीज.
उन्होंने कहा कि संतुलित खान, पान नियमित व्ययाम से ही मोटापा व शुगर कंट्रोल हो सकता है. डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने कहा कि लॉकडाउन खुल गया है और लोग घर से बाहर निकल रहे हैं, तो ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे और नियमित व्ययाम करें.
हरी सब्जियां ज्यादा खाएं
उन्होंने कहा कि लोग खाने पीने का विशेष ध्यान रखे. हरी सब्जियां ज्यादा खाएं. डॉ. कुश देव ने कहा कि अनाज ज्यादा न खाएं तो मोटापे को कम किया जा सकता है.
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