शिमला: पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने बीजेपी को किसान विरोध बताया है. पीसीसी चीफ ने किसान आंदोलन पर पूर्व सीएम शांता कुमार के बयान पर पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार वर्ष 1990 में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उस समय शिमला में बागवानों पर लाठियां और कोटगढ़ में गोलियां चलवाई थी. जिसमें प्रदेश के पांच बागवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.
किसान विरोधी बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण
पीसीसी चीफ ने कहा कि पूर्व सीएम का किसान विरोधी बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा हमेशा से ही किसान और गरीब विरोधी रही है और उनकी पूंजीपतियों की विचारधारा रही है. राठौर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि आंदोलनरत किसानों के साथ वार्ता के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है. बीजेपी नेताओं द्वारा किसान आंदोलन का बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. आज इस आंदोलन में जिस तरह से जन मानस जुड़ रहे हैं, उससे बीजेपी घबरा गई है.
कृषि कानून पूरी तरह से किसान विरोधी
कुलदीप राठौर ने कहा कि आज देश मे लोकतंत्र खतरे में है. जहां लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो सकती है. राठौर ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ देश का किसान खड़ा हुआ है. ऐसे में बीजेपी का कहना है कि विपक्ष भड़का है, सरासर गलत है. राठौर ने प्रदेश के किसानों व बागवानों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने का आग्रह किया. कृषि कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है और इसका सभी लोगों को विरोध करना चाहिए.
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