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पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में हो सकती है शुरू, 22 जनवरी 2021 को कार्यकाल होगा समाप्त

प्रदेश में वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं. इनमें चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 22 जनवरी 2021 तक है. पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो सकती है.

Panchayati Raj elections process himachal, हिमाचल में पंचायती राज चुनाव
हिमाचल में पंचायती राज चुनाव
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Published : Jan 29, 2020, 8:34 PM IST

शिमला: प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो सकती है. निर्वाचन आयोग पहले से ही इस हक में है कि पंचायती राज चुनाव समय पर हों लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं है.

जानकारी के अनुसार अब प्रदेश सरकार भी चुनाव समय पर करवाने की सोच रही है. उम्मीद की जा रही है कि पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में ही शुरू हो जाएगी. ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर पंचायती राज चुनावों पर भी चर्चा की है. इसके अलावा नई पंचायतों के गठन पर भी चर्चा की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रदेश में वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं. इनमें चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 22 जनवरी 2021 तक है. ऐसे में इनके कार्यकाल को पहले चुनाव करवाकर कम नहीं किया जा सकता. संविधान में पंचायती राज संस्थानों को ये प्रोटेक्शन प्राप्त है लेकिन राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों को अभी तक एक दूसरे से चुनाव शेड्यूल से संबंधित पत्र का इंतजार है.

राज्य निर्वाचन आयोग को परंपरा के अनुसार सरकार से पहले इस पर राय लेनी चाहिए कि चुनाव का उपयुक्त समय क्या होना चाहिए. इसके बाद ही आगे का शेड्यूल बनना चाहिए. पंचायती राज चुनाव के लिए राज्य में करीब एक महीने तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी. इसमें राज्य सरकार के सामान्य कामकाज पर भी असर पड़ेगा.

नए चुनाव से पहले वर्तमान पंचायतों से आए पुनर्गठन प्रस्तावों पर भी सरकार फैसला लेगी. वर्तमान में 345 पंचायतों से ऐसे प्रस्ताव आए हैं, लेकिन एक नई पंचायत के गठन में लिए 50 लाख का बजट भी जारी करना पड़ता है जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी डीसी से प्रशासनिक रिपोर्ट मांगी है. डीसी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है.

धर्मशाला नगर निगम का गठन होने के बाद राज्य में पिछली बार 17 पंचायतें खत्म हुई थी. ये पंचायतें नगर निगम में शामिल की गई थीं. वर्तमान में राज्य में 3226 पंचायतें हैं. सरकार ने 25 जनवरी तक नई पंचायतों के गठन को लेकर प्रस्ताव मांगे थे. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से पहले हर बार पंचायतों का पुनर्गठन किया जाता है और नई पंचायतें बनाई जाती है.

ये भी पढ़ें: ड्राई फ्रूटस से सर्दियों में रहेंगे सेहतमंद, ठंड से बचने के इन सूखे मेवों का इस्तेमाल

शिमला: प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो सकती है. निर्वाचन आयोग पहले से ही इस हक में है कि पंचायती राज चुनाव समय पर हों लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं है.

जानकारी के अनुसार अब प्रदेश सरकार भी चुनाव समय पर करवाने की सोच रही है. उम्मीद की जा रही है कि पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में ही शुरू हो जाएगी. ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर पंचायती राज चुनावों पर भी चर्चा की है. इसके अलावा नई पंचायतों के गठन पर भी चर्चा की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रदेश में वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं. इनमें चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 22 जनवरी 2021 तक है. ऐसे में इनके कार्यकाल को पहले चुनाव करवाकर कम नहीं किया जा सकता. संविधान में पंचायती राज संस्थानों को ये प्रोटेक्शन प्राप्त है लेकिन राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों को अभी तक एक दूसरे से चुनाव शेड्यूल से संबंधित पत्र का इंतजार है.

राज्य निर्वाचन आयोग को परंपरा के अनुसार सरकार से पहले इस पर राय लेनी चाहिए कि चुनाव का उपयुक्त समय क्या होना चाहिए. इसके बाद ही आगे का शेड्यूल बनना चाहिए. पंचायती राज चुनाव के लिए राज्य में करीब एक महीने तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी. इसमें राज्य सरकार के सामान्य कामकाज पर भी असर पड़ेगा.

नए चुनाव से पहले वर्तमान पंचायतों से आए पुनर्गठन प्रस्तावों पर भी सरकार फैसला लेगी. वर्तमान में 345 पंचायतों से ऐसे प्रस्ताव आए हैं, लेकिन एक नई पंचायत के गठन में लिए 50 लाख का बजट भी जारी करना पड़ता है जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी डीसी से प्रशासनिक रिपोर्ट मांगी है. डीसी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है.

धर्मशाला नगर निगम का गठन होने के बाद राज्य में पिछली बार 17 पंचायतें खत्म हुई थी. ये पंचायतें नगर निगम में शामिल की गई थीं. वर्तमान में राज्य में 3226 पंचायतें हैं. सरकार ने 25 जनवरी तक नई पंचायतों के गठन को लेकर प्रस्ताव मांगे थे. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से पहले हर बार पंचायतों का पुनर्गठन किया जाता है और नई पंचायतें बनाई जाती है.

ये भी पढ़ें: ड्राई फ्रूटस से सर्दियों में रहेंगे सेहतमंद, ठंड से बचने के इन सूखे मेवों का इस्तेमाल

Intro:शिमला. प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो सकती है. निर्वाचन आयोग पहले से ही इस हक में है कि पंचायती राज चुनाव समय पर हों. लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं. जानकारी के अनुसार अब प्रदेश सरकार भी चुनाव समय पर करवाने की सोच रही है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया सितम्बर में ही शुरू हो जाएगी है.

Body:ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कँवर ने प्रदेश सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर पंचायती राज चुनावों पर भी चर्चा की है. इसके अलावा नई पंचायतों के गठन पर भी चर्चा की गई है. प्रदेश वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं. इनमें चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 22 जनवरी 2021 तक है. ऐसे में इनके कार्यकाल को पहले चुनाव करवाकर कम नहीं किया जा सकता. संविधान में पंचायती राज संस्थानों को ये प्रोटेक्शन प्राप्त है. लेकिन राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों को अभी तक एक दूसरे से चुनाव शेड्यूल से संबंधित पत्र का इंतजार है.

परंपरा अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग को सरकार से पहले इस पर राय लेनी चाहिए कि चुनाव का उपयुक्त समय क्या होना चाहिए. इसके बाद ही आगे का शेड्यूल बनना चाहिए। पंचायती राज चुनाव के लिए राज्य में करीब एक महीने तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। इसमें राज्य सरकार के सामान्य कामकाज पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि नए फैसले और राहत की घोषणाएं इस दौरान नहीं की जा सकतीं। अब देखना ये है कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के शेड्यूल पर क्या फैसला लेना है? इस चुनाव के लिए मतदाता सूची भी अलग होती है और इसे भी अभी अपडेट होना है।

नए चुनाव से पहले वर्तमान पंचायतों से आए पुनर्गठन प्रस्तावों पर भी सरकार फैसला लेगी. वर्तमान में 345 पंचायतों से ऐसे प्रस्ताव आए हैं. लेकिन एक नई पंचायत के गठन में लिए 50 लाख का बजट भी जारी करना पड़ता है. जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी डीसी से प्रशासनिक रिपोर्ट मांगी है. और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है.

Conclusion:राज्य में पिछली बार 17 पंचायतें खत्म हुई थीं, क्योंकि धर्मशाला नगर निगम का गठन किया गया था. ये खत्म की गईं पंचायतें नगर निगम में शामिल की गई थीं. वर्तमान में राज्य में 3226 पंचायतें हैं. सरकार ने 25 जनवरी तक नई पंचायतों के गठन को लेकर प्रस्ताव मांगे थे. पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव से पहले हर बार पंचायतों का पुनर्गठन किया जाता है और नई पंचायतें बनाई जाती हैं। पंचायतों के जनसंख्या और भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार नई पंचायतों के गठन को मंजूरी देती है।
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