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IGMC में ओपन हार्ट सर्जरी ठप, परफ्यूशनिस्ट के छुट्टी पर जाने से मरीजों को हो रही समस्या - हिमाचल न्यूज

आईजीएमसी के सीटीवीएस विभाग में एक परफ्यूशनिस्ट के लंबी छुट्टी पर चले जाने के बाद ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही हैं. 1 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक आपातकाल में एक ही ओपन हॉर्ट सर्जरी की गई है.

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Published : Aug 23, 2020, 10:06 AM IST

शिमला: आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी ठप हो गई है. आईजीएमसी के सीटीवीएस विभाग में एक परफ्यूशनिस्ट के लंबी छुट्टी पर चले जाने के बाद ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही हैं.

दरअसल 1 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक आपातकाल में एक ही ओपन हॉर्ट सर्जरी की गई है. इसके अलावा बाकी सर्जरी के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है. अभी भी आईजीएमसी में कुछ मरीज इस उम्मीद में दाखिल हैं कि उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हो जाएगी लेकिन जब तक परफ्यूशनिस्ट वापस नहीं आता है तब तक सर्जरी करना मुश्किल है.

ये होता है परफ्यूशनिस्ट का काम

ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान जब दिल का ऑपरेशन किया जाता है तो व्यक्ति को जिंदा रखने के लिए कृत्रिम हार्ट का सहारा होता है, जिसे परफ्यूशनिस्ट ऑपरेट करता है. ऐसे में यदि थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो व्यक्ति की जान जा सकती है. ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान परफ्यूशनिस्ट ही मशीन से व्यक्ति को जिंदा रखता है. ऐसे में हार्ट के ऑपरेशन के दौरान परफ्यूशनिस्ट का अहम रोल रहता है.

30 दिसंबर को नोटिफिकेशन के बाद भी नहीं भरा परफ्यूशनिस्ट का पद

विभाग ने आईजीएमसी में परफ्यूशनिस्ट की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को आवेदन आमंत्रित किये थे और 31 जनवरी तक सभी आवेदन मंगवा लिए थे. इसके बावजूद 8 महीने हो जाने के बाद भी अगस्त तक पद के लिए साक्षात्कार नहीं हो पाए है. वर्तमान में आईजीएमसी में एक ही परफ्यूशनिस्ट है, यदि वह छुट्टी पर चला जाए तो ओपन हार्ट सर्जरी ठप पड़ जाती है.

मरीजों पर करीब 4 लाख रुपये का पड़ेगा बोझ

आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी ठप होने के कारण यदि कोई मरीज चंडीगढ़ में सर्जरी करवाना चाहेगा तो उसे निजी अस्पताल का रूख ही करना होगा. चंडीगढ़ में इसके इलाज का कुल खर्चा करीब 4 लाख रुपये तक पड़ेगा. निजी अस्पताल में आईसीयू, बैड, दवाएं, खाना व सर्जरी का कुल खर्च 4 लाख रुपये तक पहुंच जाता है.

वीरभद्र सिंह सरकार के समय ही 12 दिसंबर 2005 को आईजीएमसी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू करने के लिए कार्डियोथोरेसिकएंड वस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट स्थापित किया गया. डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. रजनीश पठानिया रहे. शुरू में एम्स से डॉ. एम वेणुगोपाल के नेतृत्व में आई टीम ने ऑपरेशन किए. कुछ ऑपरेशन फोर्टिस अस्पताल मोहाली के मशहूर सर्जन डॉ. टीएस महंत ने भी किए. बाद में सारी कमान डॉ. रजनीश पठानिया ने संभाली और इस मिशन को लगातार सफलता के मुकाम तक पहुंचाया.

आईजीएमसी में ही होती है ओपन हार्ट सर्जरी

हिमाचल में एक मात्र आईजीएमसी में ही ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. टांडा में बायपास सर्जरी तो होती है लेकिन ओपन हार्ट सर्जरी की व्यवस्था नहीं होने के कारण वहां पर ओपन हार्ट सर्जरी शुरू नहीं हो पाई है. इस संबंध में आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि परफ्यूशनिस्ट के छुट्टी पर चले जाने से अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है. परफ्यूशनिस्ट सोमवार तक वापस आएगा जिसके बाद ही ऑपरेशन हो सकेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना से 26वीं मौत, नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 80 वर्षीय बुजुर्ग ने तोड़ा दम

शिमला: आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी ठप हो गई है. आईजीएमसी के सीटीवीएस विभाग में एक परफ्यूशनिस्ट के लंबी छुट्टी पर चले जाने के बाद ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही हैं.

दरअसल 1 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक आपातकाल में एक ही ओपन हॉर्ट सर्जरी की गई है. इसके अलावा बाकी सर्जरी के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है. अभी भी आईजीएमसी में कुछ मरीज इस उम्मीद में दाखिल हैं कि उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हो जाएगी लेकिन जब तक परफ्यूशनिस्ट वापस नहीं आता है तब तक सर्जरी करना मुश्किल है.

ये होता है परफ्यूशनिस्ट का काम

ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान जब दिल का ऑपरेशन किया जाता है तो व्यक्ति को जिंदा रखने के लिए कृत्रिम हार्ट का सहारा होता है, जिसे परफ्यूशनिस्ट ऑपरेट करता है. ऐसे में यदि थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो व्यक्ति की जान जा सकती है. ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान परफ्यूशनिस्ट ही मशीन से व्यक्ति को जिंदा रखता है. ऐसे में हार्ट के ऑपरेशन के दौरान परफ्यूशनिस्ट का अहम रोल रहता है.

30 दिसंबर को नोटिफिकेशन के बाद भी नहीं भरा परफ्यूशनिस्ट का पद

विभाग ने आईजीएमसी में परफ्यूशनिस्ट की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को आवेदन आमंत्रित किये थे और 31 जनवरी तक सभी आवेदन मंगवा लिए थे. इसके बावजूद 8 महीने हो जाने के बाद भी अगस्त तक पद के लिए साक्षात्कार नहीं हो पाए है. वर्तमान में आईजीएमसी में एक ही परफ्यूशनिस्ट है, यदि वह छुट्टी पर चला जाए तो ओपन हार्ट सर्जरी ठप पड़ जाती है.

मरीजों पर करीब 4 लाख रुपये का पड़ेगा बोझ

आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी ठप होने के कारण यदि कोई मरीज चंडीगढ़ में सर्जरी करवाना चाहेगा तो उसे निजी अस्पताल का रूख ही करना होगा. चंडीगढ़ में इसके इलाज का कुल खर्चा करीब 4 लाख रुपये तक पड़ेगा. निजी अस्पताल में आईसीयू, बैड, दवाएं, खाना व सर्जरी का कुल खर्च 4 लाख रुपये तक पहुंच जाता है.

वीरभद्र सिंह सरकार के समय ही 12 दिसंबर 2005 को आईजीएमसी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू करने के लिए कार्डियोथोरेसिकएंड वस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट स्थापित किया गया. डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. रजनीश पठानिया रहे. शुरू में एम्स से डॉ. एम वेणुगोपाल के नेतृत्व में आई टीम ने ऑपरेशन किए. कुछ ऑपरेशन फोर्टिस अस्पताल मोहाली के मशहूर सर्जन डॉ. टीएस महंत ने भी किए. बाद में सारी कमान डॉ. रजनीश पठानिया ने संभाली और इस मिशन को लगातार सफलता के मुकाम तक पहुंचाया.

आईजीएमसी में ही होती है ओपन हार्ट सर्जरी

हिमाचल में एक मात्र आईजीएमसी में ही ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. टांडा में बायपास सर्जरी तो होती है लेकिन ओपन हार्ट सर्जरी की व्यवस्था नहीं होने के कारण वहां पर ओपन हार्ट सर्जरी शुरू नहीं हो पाई है. इस संबंध में आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि परफ्यूशनिस्ट के छुट्टी पर चले जाने से अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है. परफ्यूशनिस्ट सोमवार तक वापस आएगा जिसके बाद ही ऑपरेशन हो सकेगा.

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