शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के नए भवन में जल्द ही ओपीडी शुरू हो जाएगी, क्योंकि अस्पताल प्रशासन 15 अगस्त से पहले नए ओपीडी भवन का उद्घाटन करने की तैयारी कर रहा है. ओपीडी शुरू होने से मरीजो का चेकअप करने में परेशानी नहीं होगी और न ही मरीजो को इलाज के लिए इधर -उधर भटकना पड़ेंगा.
बता दें कि नए भवन में ओपीडी और डॉक्टर के कमरे के लिए अस्पताल प्रबंधन ने प्लान तैयार कर लिया है. शहर की सबसे ऊंचे 13 मंजिल भवन में पहले 8 मंजिल में ही काम शुरू किए जाएंगे, जबकि पांच फ्लोर में ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है.
आईजीएमसी में रोज 4000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. वर्तमान में कोरोना संकट के कारण गंभीर मरीज ही अस्पताल में आते हैं, लेकिन फिर भी ओपीडी 2500 के लगभग जाती है. वर्तमान में जो स्ट्रक्चर है वो पर्ची काउंटर से लेकर वार्ड तक है, जहां हमेशा भीड़ लगी रहती है. पुराने भवन को 10 साल के बाद का प्लान करके बनाया गया था. तब ओपीडी भी कम होती थी, लेकिन अब आम दिनों में ही 3000 तक ओपीडी रहती है.
नए भवन में कहा क्या होगा ?
नए भवन के पहले तल में लिफ्ट,गैस प्लांट और गार्बेज कलेक्शन का सेंटर बनाया गया है, जबकि दूसरे तल पर डॉक्टर और जर्नल कैंटीन सहित लैब की व्यवस्था की गई है. तीसरे तल पर सेंट्रल रजिस्ट्रेशन, कोलेक्शन सेंटर और इमरजेंसी लैब, चौथे तल पर अपात कालीन रूम, पांचवें तल पर ट्रामा सेंटर और पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
वहीं, छठवें तल पर सर्जरी ओपीडी, सातवें तल पर मेडिसिन ओपीडी, आठवें तल पर स्किन ओपीडी, नौवें तल पर ऑर्थो ओपीडी, दसवें तल पर ईएनटी सहित मनोचिकित्सा विभाग और 11 वें फ्लोर पर आई ओपीडी, 12वें फ्लोर पर रेडियोलॉजी विभाग की व्यवस्था की गई है. वहीं, टॉप फ्लोर पर डॉक्टर और फेकल्टी के कमरे बनाए गए हैं.
नए भवन में 5 लिफ्ट की होगी सुविधा
नए भवन में में 5 लिफ्टों की सुविधा होगी, जिसमें से चार लिफ्ट मरीजों के लिए, जबकि 1 लिफ्ट डॉक्टर्स के लिए होगी. वहीं, फ्लोर के लिए स्टेचर ले जाना और सीढ़िया रहेगी, जबकि हर तल में डॉक्टर्स के लिए रेस्ट रूम रहेगा.
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि नए भवन में डॉक्टर और मरीजों के लिए बहुत सारी व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने बताया कि नए भवन में 5000 मरीजों को आसानी से देखने की व्यवस्था रहेगी.
डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि नए भवन के पहले 8 फ्लोर शुरू किए जा रहे हैं , जिसमें अलग-अलग विभाग की ओपीडी रहेगी और सामाजिक दूरी का भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में भी 2000 से 2500 ओपीडी रहती है.
ये भी पढ़ें: मंडी के नसलोह स्कूल का रिजल्ट तीन सालों से जीरो, इस साल एक भी बच्चा नहीं हुआ पास