ETV Bharat / city

राहत! हिमाचल में घटे एड्स के मरीज, चौथे स्थान पर पहुंचा प्रदेश

जानलेवा रोग एड्स को लेकर हिमाचल के लिहाज से एक राहत की खबर है. आईसीटीसी केंद्रों की सेवा, मरीजों की काउंसलिंग, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और समय पर (AIDS patients decreased in Himachal) दवाई की उपलब्धता के कारण हिमाचल में एड्स का प्रकोप कम करने में काफी मदद मिली है. आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो हिमाचल (AIDS Control Society Himachal) में एड्स के 67 फीसदी मरीज कम हुए हैं.

Number of AIDS patients decreased in Himachal pradesh
हिमाचल में कम हुए एड्स के मरीज
author img

By

Published : Nov 30, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 8:23 PM IST

शिमला: जानलेवा रोग एड्स को लेकर हिमाचल के लिहाज से एक राहत की खबर है. आईसीटीसी केंद्रों की सेवा, मरीजों की काउंसलिंग, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और समय पर दवाई की (AIDS patients decreased in Himachal) उपलब्धता के कारण हिमाचल में एड्स का प्रकोप कम करने में काफी मदद मिली है. आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो हिमाचल में एड्स के 67 फीसदी मरीज कम हुए हैं.

इस समय प्रदेश एचआईवी के 7045 एस्टिमेट मरीज हैं, जिसमें से 5934 मरीज डायग्नोस किए जा चुके हैं और 4752 मरीज अभी दवाई पर चल रहे हैं. एड्स कंट्रोल सोसाइटी के (AIDS Control Society Himachal) स्टेट प्रोग्राम अधिकारी डॉ. घनश्याम ने बताया कि हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर है. क्योंकि विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य के मुकाबले हिमाचल चौथे स्थान पर है.

वीडियो.

डॉ. घनशयाम ने बताया कि विभाग 1 दिसंबर यानी एड्स दिवस से लेकर 31 दिसंबर (Awareness campaign about AIDS) तक प्रदेश भर में जागरुकता अभियान चलाएगा. जिसमें विभिन्न कार्य्रकमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में संक्रमित रोगियों का इलाज निशुल्क होता है और रोगियों को 1500 मासिक रुपये सरकार की तरफ से दिए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि 2016 में 18 लाख 29,064 लोगों ने स्वैच्छिक रूप से एचआईवी की जांच (HIV test Centers Himachal) करवाई थी. जबकि, इस दिशा में निरंतर जागरूकता अभियान के कारण 5,70,417 गर्भवती महिलाओं ने भी अब तब स्वैच्छिक रूप से जांच करवाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में कुल 18 ब्लड बैंक काम कर रहे हैं और यहां पर हर साल 500 के करीब रक्त दान शिविर भी लगाए जाते हैं. ब्लड बैंक द्वारा लगाए गए इन शिविरों में डोनर की काउंसलिंग भी की जाती है.

इसके अतिरिक्त आईजीएमसी और टांडा में एड्स संक्रमण के इलाज के लिए एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी भी चल रही है. जहां पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग तीन लाख लोगों की एचआईवी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 एकीकृत जांच एवं परामर्श केंद्रों (आईसीटीसी) के अतिरिक्त दो मोबाइल आईसीटीसी के (Mobile HIV testing van) माध्यम से (IGMC Shimla) भी एचआईवी जांच सुविधा लोगों को उपलब्ध करवाई गई है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में पर्यटन को लगेंगे पंख, जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में बनेगा हेलीपैड

शिमला: जानलेवा रोग एड्स को लेकर हिमाचल के लिहाज से एक राहत की खबर है. आईसीटीसी केंद्रों की सेवा, मरीजों की काउंसलिंग, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और समय पर दवाई की (AIDS patients decreased in Himachal) उपलब्धता के कारण हिमाचल में एड्स का प्रकोप कम करने में काफी मदद मिली है. आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो हिमाचल में एड्स के 67 फीसदी मरीज कम हुए हैं.

इस समय प्रदेश एचआईवी के 7045 एस्टिमेट मरीज हैं, जिसमें से 5934 मरीज डायग्नोस किए जा चुके हैं और 4752 मरीज अभी दवाई पर चल रहे हैं. एड्स कंट्रोल सोसाइटी के (AIDS Control Society Himachal) स्टेट प्रोग्राम अधिकारी डॉ. घनश्याम ने बताया कि हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर है. क्योंकि विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य के मुकाबले हिमाचल चौथे स्थान पर है.

वीडियो.

डॉ. घनशयाम ने बताया कि विभाग 1 दिसंबर यानी एड्स दिवस से लेकर 31 दिसंबर (Awareness campaign about AIDS) तक प्रदेश भर में जागरुकता अभियान चलाएगा. जिसमें विभिन्न कार्य्रकमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में संक्रमित रोगियों का इलाज निशुल्क होता है और रोगियों को 1500 मासिक रुपये सरकार की तरफ से दिए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि 2016 में 18 लाख 29,064 लोगों ने स्वैच्छिक रूप से एचआईवी की जांच (HIV test Centers Himachal) करवाई थी. जबकि, इस दिशा में निरंतर जागरूकता अभियान के कारण 5,70,417 गर्भवती महिलाओं ने भी अब तब स्वैच्छिक रूप से जांच करवाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में कुल 18 ब्लड बैंक काम कर रहे हैं और यहां पर हर साल 500 के करीब रक्त दान शिविर भी लगाए जाते हैं. ब्लड बैंक द्वारा लगाए गए इन शिविरों में डोनर की काउंसलिंग भी की जाती है.

इसके अतिरिक्त आईजीएमसी और टांडा में एड्स संक्रमण के इलाज के लिए एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी भी चल रही है. जहां पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग तीन लाख लोगों की एचआईवी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 एकीकृत जांच एवं परामर्श केंद्रों (आईसीटीसी) के अतिरिक्त दो मोबाइल आईसीटीसी के (Mobile HIV testing van) माध्यम से (IGMC Shimla) भी एचआईवी जांच सुविधा लोगों को उपलब्ध करवाई गई है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में पर्यटन को लगेंगे पंख, जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में बनेगा हेलीपैड

Last Updated : Nov 30, 2021, 8:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.