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हिमाचल में फिलहाल बस संचालन को लेकर कोई फैसला नहीं, अभी करना होगा इंतजार - एचआरटीसी

15 मई को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल(jairam cabinet) की बैठक में आगामी आदेशों तक बस संचालन पर रोक लगाया गया था. फिलहाल प्रदेश सरकार(himachal pradesh government) की ओर से इस रोक को नहीं हटाया गया है.

एचआरटीसी बस
एचआरटीसी बस
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Published : May 29, 2021, 9:54 AM IST

शिमलाः 31 मई से हिमाचल प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया(Unlock process) शुरू होने जा रही है. प्रदेश के सरकारी दफ्तर(Government Office) 30 फीसदी क्षमता के साथ हफ्ते में 5 दिन खुलेंगे. इसके अलावा दुकानदारों को राहत देते हुए सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति भी दी गई है, लेकिन इस बीच बस संचालन को लेकर फैसला नहीं लिया गया है.

15 मई को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल(jairam cabinet) की बैठक में आगामी आदेशों तक बस संचालन पर रोक लगाया गया था. फिलहाल प्रदेश सरकार(himachal pradesh government) की ओर से इस रोक को नहीं हटाया गया है.

एसओपी(Standard Operating Procedures) के तहत चलेंगी बसें

उम्मीद है कि 5 जून को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से ढील दी जाएगी. इसके बाद 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन को एक बार फिर शुरू किया जा सकता है. विभाग की ओर से इस बाबत तैयार होगी. शुरुआत में केवल प्रदेश के अंदर ही बस चलाने का प्लान है. फिलहाल इंटरस्टेट बस सेवा(interstate bus service) शुरू नहीं होगी.

करोड़ों का घाटा झेल रहा एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation)

एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) लंबे समय से नुकसान झेल रहा है. कोरोना की वजह से यह नुकसान और ज्यादा बढ़ गया है. बीते कुछ महीनों में एचआरटीसी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह भी देरी से दे रहा था. एचआरटीसी के पूर्व कर्मचारियों को समय पर पेंशन भी नहीं मिल रही है. प्रदेश भर में एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) के पास करीब 3 हजार 400 बस हैं. इनमें करीब 2 हजार 900 बस सेवा दे रही है. प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू(corona curfew) की वजह से बस खड़ी है. इस वजह से एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

पहले से ही नाराज चल रहे प्राइवेट बस ऑपरेटर(private bus operators)

टैक्स में छूट को लेकर निजी बस संचालक(private bus operators) पहले से ही सरकार से नाराज चल रहे हैं. कोरोना कर्फ्यू(corona curfew) से पहले ही निजी बस ऑपरेटर(private bus operators) सरकार से मिले थे. राहत न मिलने के चलते निजी बस चालक ऑपरेटर पहले ही अपनी बस खड़ी कर चुके हैं. ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया के बीच प्रदेश सरकार (himachal pradesh government) के सामने निजी बस ऑपरेटर को मनाना भी एक बड़ी चुनौती रहने वाला है.

ये भी पढ़ें:हिमाचल अनलॉक की प्रक्रिया शुरू, सभी दुकानें सप्ताह में 5 दिन खोलने का निर्णय

शिमलाः 31 मई से हिमाचल प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया(Unlock process) शुरू होने जा रही है. प्रदेश के सरकारी दफ्तर(Government Office) 30 फीसदी क्षमता के साथ हफ्ते में 5 दिन खुलेंगे. इसके अलावा दुकानदारों को राहत देते हुए सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति भी दी गई है, लेकिन इस बीच बस संचालन को लेकर फैसला नहीं लिया गया है.

15 मई को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल(jairam cabinet) की बैठक में आगामी आदेशों तक बस संचालन पर रोक लगाया गया था. फिलहाल प्रदेश सरकार(himachal pradesh government) की ओर से इस रोक को नहीं हटाया गया है.

एसओपी(Standard Operating Procedures) के तहत चलेंगी बसें

उम्मीद है कि 5 जून को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से ढील दी जाएगी. इसके बाद 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन को एक बार फिर शुरू किया जा सकता है. विभाग की ओर से इस बाबत तैयार होगी. शुरुआत में केवल प्रदेश के अंदर ही बस चलाने का प्लान है. फिलहाल इंटरस्टेट बस सेवा(interstate bus service) शुरू नहीं होगी.

करोड़ों का घाटा झेल रहा एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation)

एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) लंबे समय से नुकसान झेल रहा है. कोरोना की वजह से यह नुकसान और ज्यादा बढ़ गया है. बीते कुछ महीनों में एचआरटीसी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह भी देरी से दे रहा था. एचआरटीसी के पूर्व कर्मचारियों को समय पर पेंशन भी नहीं मिल रही है. प्रदेश भर में एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) के पास करीब 3 हजार 400 बस हैं. इनमें करीब 2 हजार 900 बस सेवा दे रही है. प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू(corona curfew) की वजह से बस खड़ी है. इस वजह से एचआरटीसी(Himachal Road Transport Corporation) को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

पहले से ही नाराज चल रहे प्राइवेट बस ऑपरेटर(private bus operators)

टैक्स में छूट को लेकर निजी बस संचालक(private bus operators) पहले से ही सरकार से नाराज चल रहे हैं. कोरोना कर्फ्यू(corona curfew) से पहले ही निजी बस ऑपरेटर(private bus operators) सरकार से मिले थे. राहत न मिलने के चलते निजी बस चालक ऑपरेटर पहले ही अपनी बस खड़ी कर चुके हैं. ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया के बीच प्रदेश सरकार (himachal pradesh government) के सामने निजी बस ऑपरेटर को मनाना भी एक बड़ी चुनौती रहने वाला है.

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