शिमला: हिमाचल प्रदेश में युवा नशे की गिरफ्त में फंसते (drugs addicted youth in himachal) जा रहे हैं. आए दिन जो स्कूली छात्र नशे कर रहे हैं, उन्हें नशे से उबारने और युवाओं को नशे की गिरफ्त में फंसने से बचाने के लिए लगातार मुहिम चलाई जा रही है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट के सहायक प्रोफेसर एवं केंद्रीय ललित कला अकादमी के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर नंदलाल (Assistant Professor of Fine Art at Himachal Pradesh University) ने कहा है कि क्रिएटिविटी सी युवाओं को नशे की गिरफ्त में फंसने से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्लस वन और प्लस टू में आर्ट विषय हो तो विद्यार्थी अपनी कला में व्यस्त रहेंगे और नशे से दूर रहेंगे.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर प्लस 1 प्लस 2 के बच्चे ही नशे की गिरफ्त में फंस रहे हैं. यदि इन कक्षाओं में आर्ट्स विषय चाहे वह संगीत हो फाइन आर्ट्स की कक्षाएं लगे तो छात्र को नशे से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि युवाओं में क्रिएटिविटी पैदा करके उन्हें नशे से दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में फाइन आर्ट्स अभी वह प्लेटफार्म नहीं ले पाया है जो स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि आर्ट में केवल चंबा रुमाल ही नहीं है, बल्कि अन्य कलाएं भी शामिल हैं. लेकिन फाइन आर्ट्स में सरकार द्वारा अधिक ध्यान न देने से यह विशेष लुप्त होता जा रहा है और इसे बचाए रखना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि सरकार को भी इस विषय को बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए. हालांकि अभी बहुत से ऐसे कलाकार हैं जो जोधपुर पेंटिंग से देशभर में अपना लोहा मनवा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से यदि बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाए तो हिमाचल में भी आर्ट्स कला उभर कर सामने आएगी और छुपे हुए कलाकारों की प्रतिभा भी सामने आएगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों में भी बहुत से ऐसे कलाकार हैं, जिनमें अच्छा हुनर है लेकिन आगे चलकर उन्हें प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है. ऐसे में उन्हें मायूसी हाथ लगती है.
नंदलाल ने कहा कि युवाओं के नशे की लत से दूर करने के लिए ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई है. यह बहुत अच्छा अवसर है क्योंकि यहां युवाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे आयोजन करना चाहिए और कला को आगे लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.