रामपुर: क्षेत्र के किसानों को जल्द ही मुख्यमंत्री एक बीघा योजना का लाभ मिलेगा, क्योंकि उपमंडल में ये योजना शुरू होने वाली है. खंड योजना अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि इस योजना के तहत लोग पंचायत स्तर पर आवेदन कर सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं.
खंड योजना अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ औपचारिकताएं हैं, जिन्हें पूरा करना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति इसमें आवेदन करना चाहता है उसके पास 1 बीघा अपनी जमीन होना आवश्यक है और वो किसी सहायता समूह से जुड़ा होना चाहिए. साथ ही उसके पास मनरेगा जॉब कार्ड होना आवश्यक है.
घनश्याम सोनी ने बताया कि इस योजना के तहत आवेदक अपनी भूमि पर पौधशाला निर्माण, फलदार पौधारोपण, केंचुआ खाद के लिए गड्ढा खोदना जैसे कार्य कर सकता है. साथ ही पशुधन आश्रम निर्माण से संबंधित कार्य जैसे गोशाला, बकरी खलियान और मुर्गी घर बनाने का काम कर सकता है. इसके अलावा आवेदक सिंचाई से संबंधित कार्य जैसे गांव में नहर निर्माण का कार्य अपनी जमीन पर कर सकता है और इसके लिए उसे सरकार द्वारा लाख तक की राशि देने का प्रावधान है.
घनश्याम सोनी ने बताया कि मुख्यमंत्री एक बीघा योजना लोगों को आर्थिक तौर से मजबूत करने और उन्हें उनकी सहायता देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोग अपनी आर्थिकी को मजबूत करके भूमि पर किचन गार्डन का काम कर सकते हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 21 मई 2020 को हिमाचल में मुख्यमंत्री एक बीघा योजना का शुभारंभ किया गया था. इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है. योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है. वो सब्जी और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं.
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