शिमलाः प्रदेश सरकार की ओर से विधायकों के वेतन में तीस फीसदी कटौती के फैसले का विपक्ष ने स्वागत किया है. साथ ही इस महामारी कोवीड-19 से निपटने के लिए सरकार को बड़े फैसले लेने का आग्रह किया है.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री और खाद्य आपूर्ति मंत्री का पद खाली है. उन्होंने कहा कि सरकार को बड़े फैसले लेते हुए हेल्थ के बजट को बढ़ाना चाहिए, चाहे इसके लिए दूसरी जगह कटौती क्यों ही न करनी पड़े.
इसके साथ ही सरकार को चाहिए कि डिजास्टर मनजमैंट में जो 250 करोड़ आया है, उसे महामारी से निपटने के लिए खर्च किया जाए. मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि बजट में जो 1 हजार करोड़ हवाई पट्टी के लिए रखा गया है, उसे भी हैल्थ डिपाटमेंट को दे देना चाहिए. इस समय हवाई पट्टी वक्त की प्राथमिकता नहीं है बल्कि इस समय सबसे बड़ी प्राथमिकता प्रदेश के एक-एक नागरिक को बचाना है.
महामारी से निपटने के लिए कांग्रेस सरकार के स्पोर्टे में
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस इस महामारी के साथ लड़ाई में सरकार को स्पोर्ट करती है. जहां तक विधायक निधि का सवाल है तो यह राशि विस क्षेत्रों में विकास कार्य को अंजाम देने के लिए मिलती है, जो 14 से 15 करोड़ के आसपास होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इससे भी बड़े फैसले लेने की जरुरत है.
तत्काल वेंटीलेटर, पीपीई किट की खरीद करे सरकार
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 50 से 60 ही वेंटीलेटर है. ऐसे में तत्काल बड़े पैमाने पर इनकी खरीद करनी चाहिए. इसके साथ ही टेस्टटिंग किट, मास्क, पीपीई किट और सेनिटाइजर खरीद के लिए कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि हिमाचल अभी इस बीमारी के सीधे चपेट में नहीं है और इस मामले में जो लोग पॉजिटिव आए गए हैं, वे या तो विदेश से आए हैं या फिर निजामुद्दीन मरकज से लौटे हैं.
फिजूलखर्ची पर लगे रोक
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अधिसूचना निकाल कर काम नहीं चलेगा, प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि फिजूलखर्ची रोकने के लिए भी सरकार कदम उठाने चाहिए. गाडिय़ों की खरीद और दौरों पर रोक लगनी चाहिए. मंत्री भी एक ही गाड़ी प्रयोग में लाएं ताकि फिजूलखर्ची न हो.
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