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KNH HOSPITAL में डेढ़ महीने से एमएस का पद खाली, मरीजों को हो रही परेशानी

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Published : Nov 22, 2021, 7:32 PM IST

राजधानी शिमला में प्रदेश के सबसे बड़े एकमात्र (Women hospital Shimla) महिला अस्पतला कमला नेहरू में (Kamala Nehru Hospital) बीते डेढ़ माह से एमएस का पद ही रिक्त चल रहा है. यहां की पूर्व एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान के डिप्टी डाॅयरेक्टर (Deputy director Dr. ambika chauhan) बनने के बाद यह पद खाली चल रहा है. वहीं, आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. एसएस सोढ़ी ने (Principal of IGMC) बताया कि सरकार को पत्र भेजा गया है.

KNH HOSPITAL Shimla
केएनएच अस्पताल में एमएस का पद खाली

शिमला: राजधानी शिमला में प्रदेश के सबसे बड़े एकमात्र महिला अस्पतला (State largest women hospital) कमला नेहरू में बीते डेढ़ माह से (Kamala Nehru Hospital) एमएस का पद ही रिक्त चल रहा है. यहां की पूर्व एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान के (Dr. ambika chauhan) डिप्टी डाॅयरेक्टर बनने के बाद यह पद खाली चल रहा है. हालांकि सरकार के ध्यान में यह मामला लाया जा चुका है. एक बार यहां पर नियुक्ति के लिए आदेश भी किए गए, लेकिन यहां पर एमएस ने ज्वाइन (Women hospital Shimla) ही नहीं किया.

अब दाेबारा यहां पर स्थाई एमएस की नियुक्ति के (Appointment of MS in KNH) आदेश नहीं किए गए हैं. यहां पर स्थाई एमएस की नियुक्ति कब हाेगी, इस बारे में अभी तक काेई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में बिना एमएस के न ताे मरीजाें के हिताें के निर्णय लिए जा रहे हैं और न ही काेई अन्य कार्य हाे पा रहे हैं. वहीं, अस्पतालाें में सरकार ने करीब 10 लाख तक रुपये तक के टेंडर करने की पावर एमएस काे ही दी है. ऐसे में यदि मरीजाें की सुविधा के लिए काेई सामान की खरीद की जानी है, ताे उसके लिए एमएस अपने स्तर पर टेंडर अलाॅट (Tender allot) कर सकते हैं.

इसके लिए अस्पताल में दवाएं, इंजेक्शन, बेड और मरीजाें काे (Medicines in hospital) दी जाने वाली सभी तरह की सुविधाएं भी एमएस ही देखते हैं. अस्पताल से संबंधित सरकार के समक्ष काेई भी बैठक में एमएस ही भाग लेते हैं और अस्पताल की समस्याओं (problems in shimla hospitals) काे सरकार के पास उठाते हैं. जबकि अब बिना एमएस के यह सभी कार्य रूके हुए हैं. वहीं, एमएस की स्थाई नियुक्ति के बाद ही यह सभी कार्य किए जा सकेंगे.

ये भी पढ़ें: HIMACHAL WEATHER UPDATE: आने वाले इतने दिन साफ रहेगा मौसम, एक क्लिक पर पढ़ें सारी जानकारी

बता दें कि केएनएच अस्पताल महिलाओं के लिए प्रदेश का सबसे बेहतर अस्पताल है. यहां पर राेजाना 1000 से ज्यादा महिलाएं जांच के लिए आती हैं, जबकि राेजाना यहां पर 25 से 30 महिलाओं की (Best hospital in shimla) डिलवरी भी करवाई जाती है. केएनएच अस्पताल में महिलाओं का प्रसव का इलाज फ्री किया जाता है. इसके लिए कई तरह के सामान की जरूरत रहती है, जाे समय-समय पर प्रशासन अपने स्तर पर खरीद करता रहता है.

हर माह यहां पर दवाएं और अन्य सामान की खरीद की जाती है. ऐसे में एमएस का पद खाली हाेने से इस तरह के प्राेसेस करना मुश्किल रहता है, क्याेंकि एमएस की मंजूरी के बाद ही अस्पताल में मरीजाें के लिए खरीद फराेक्त की जाती है. इस संबंध में आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. एसएस सोढ़ी ने (Principal of IGMC) बताया कि सरकार को पत्र भेजा गया है. उसमें यह मांग की गई है कि की केएनएच मे एमएस की पोस्ट भरी जाए अब सरकार निर्णय लेगी.

ये भी पढ़ें: हार पर मंथन के बाद बोले सीएम जयराम, Over Confidence के कारण हारी भाजपा

शिमला: राजधानी शिमला में प्रदेश के सबसे बड़े एकमात्र महिला अस्पतला (State largest women hospital) कमला नेहरू में बीते डेढ़ माह से (Kamala Nehru Hospital) एमएस का पद ही रिक्त चल रहा है. यहां की पूर्व एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान के (Dr. ambika chauhan) डिप्टी डाॅयरेक्टर बनने के बाद यह पद खाली चल रहा है. हालांकि सरकार के ध्यान में यह मामला लाया जा चुका है. एक बार यहां पर नियुक्ति के लिए आदेश भी किए गए, लेकिन यहां पर एमएस ने ज्वाइन (Women hospital Shimla) ही नहीं किया.

अब दाेबारा यहां पर स्थाई एमएस की नियुक्ति के (Appointment of MS in KNH) आदेश नहीं किए गए हैं. यहां पर स्थाई एमएस की नियुक्ति कब हाेगी, इस बारे में अभी तक काेई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में बिना एमएस के न ताे मरीजाें के हिताें के निर्णय लिए जा रहे हैं और न ही काेई अन्य कार्य हाे पा रहे हैं. वहीं, अस्पतालाें में सरकार ने करीब 10 लाख तक रुपये तक के टेंडर करने की पावर एमएस काे ही दी है. ऐसे में यदि मरीजाें की सुविधा के लिए काेई सामान की खरीद की जानी है, ताे उसके लिए एमएस अपने स्तर पर टेंडर अलाॅट (Tender allot) कर सकते हैं.

इसके लिए अस्पताल में दवाएं, इंजेक्शन, बेड और मरीजाें काे (Medicines in hospital) दी जाने वाली सभी तरह की सुविधाएं भी एमएस ही देखते हैं. अस्पताल से संबंधित सरकार के समक्ष काेई भी बैठक में एमएस ही भाग लेते हैं और अस्पताल की समस्याओं (problems in shimla hospitals) काे सरकार के पास उठाते हैं. जबकि अब बिना एमएस के यह सभी कार्य रूके हुए हैं. वहीं, एमएस की स्थाई नियुक्ति के बाद ही यह सभी कार्य किए जा सकेंगे.

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बता दें कि केएनएच अस्पताल महिलाओं के लिए प्रदेश का सबसे बेहतर अस्पताल है. यहां पर राेजाना 1000 से ज्यादा महिलाएं जांच के लिए आती हैं, जबकि राेजाना यहां पर 25 से 30 महिलाओं की (Best hospital in shimla) डिलवरी भी करवाई जाती है. केएनएच अस्पताल में महिलाओं का प्रसव का इलाज फ्री किया जाता है. इसके लिए कई तरह के सामान की जरूरत रहती है, जाे समय-समय पर प्रशासन अपने स्तर पर खरीद करता रहता है.

हर माह यहां पर दवाएं और अन्य सामान की खरीद की जाती है. ऐसे में एमएस का पद खाली हाेने से इस तरह के प्राेसेस करना मुश्किल रहता है, क्याेंकि एमएस की मंजूरी के बाद ही अस्पताल में मरीजाें के लिए खरीद फराेक्त की जाती है. इस संबंध में आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. एसएस सोढ़ी ने (Principal of IGMC) बताया कि सरकार को पत्र भेजा गया है. उसमें यह मांग की गई है कि की केएनएच मे एमएस की पोस्ट भरी जाए अब सरकार निर्णय लेगी.

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