शिमला: बरसात के दौरान में प्रदेश में किसानों और गरीबों के जान-माल को हुई भारी क्षति को लेकर ठियोग विधायक राकेश सिंघा ने (MLA Rakesh Singha) सरकार से मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की है. मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान विधायक राकेश सिंघा ने सरकार को चेताया कि समय रहते किसानों और गरीबों की बात सुनी जाए और उस पर अमल किया जाए. राकेश सिंघा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजुदा सरकार का जनता से कोई लेना देना नहीं है. सरकार पूरी तरह लोगों से अलग- थलग हो गई है, जो कि गलत बात है.
बरसात में कई लोगों के घरों (Rain damage in Himachal Pradesh) में बिजली, पानी, रोड सब बाधित हैं वहीं, खेत खलियान सब पानी में डूब गए हैं. सरकार ने मुआवजे के नाम पर लोगों को सिर्फ ठगने का काम किया है. बिजली विभाग में प्रदेशभर में सिर्फ 12 हजार कर्मचारी हैं, सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की फिर भी नियुक्ति नहीं कर रही. बरसात से हुए नुकसान के आंकड़े पेश करते हुए राकेश सिंघा ने राहत राशि को बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि आपदा में घर को नुकसान होने पर सरकार द्वारा 12 हजार 5 सौ दिए जाते हैं, उसकी राशि 60 हजार होनी चाहिए. किसानों के खेत और बगीचे सब बरसात का ग्रास बन गए हैं. इसमें सरकार प्रति बीघा 500 रुपए की राहत देती है, जिससे कोई फायदा नहीं हो रहा.
यदि सेब की कीमत 1 लाख रुपए है तो सरकार को प्रभावित को 50 हजार रुपए देने चाहिए. टमाटर 10 हजार बिक रहा है तो 5 हजार मुआवजा राशि मिलनी चाहिए थी. राकेश सिंघा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं एक छोटा सा विधायक हूं, जब मेरे पास इतनी शिकायतें पीड़ितों की आ रही है तो सरकार के पास कितनी आती होगी, ये आश्चर्य की बात है. सरकार क्यों शिकायतों का निपटारा नहीं कर रही ये बात समझ से परे है. उन्होंने कहा कि वह चीफ सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री को इन मांगों के लेकर ज्ञापन सौपेंगे. इसके बाद भी यदि सरकार नहीं जागी तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता निकालना पड़ेगा, क्योंकि सरकार कुंभकरण की नींद में सोई है.
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