शिमला: राज्य सचिवालय में सोमवार को बद्दी बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण की बैठक (बीबीएनडीए) बैठक (Barotiwala-Nalagarh Development Authority meeting) आयोजित हुई. इस दौरान मुख्य सचिव ने बैठक की अध्यक्षता की. लेकिन बैठक से पहले ही कार्यों की मंजूरी की सूची लीक हो गई. वहीं, इस पर कांग्रेस विधायक ने सवाल खड़े करते हुए, जांच की मांग उठाई है. नालागढ़ के विधायक लखविंदर ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर (Nalagarh MLA Lakhwinder Press conference) नालागढ़ के भाजपा के पूर्व विधायक पर झूठ फैला कर वाहवाही लूटने के आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि सोमवार को सचिवालय में बीबीएनडीए की बैठक (BBNDA meeting at Secretariat shimla) मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई और इसमे 27 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई. लेकिन नालागढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक द्वारा एक दिन पहले ही इन कार्यों की मंजूरी का विज्ञापन जारी कर दिया गया. जबकि सोमवार को बैठक सुबह 12:30 पर शुरू हुई और दोपहर ढाई बजे बैठक खत्म हुई. ऐसे में बैठक से एक दिन पहले ही इसकी सूचना कैसे लीक हुई. जबकि बैठक के बाद ही कार्यों की मंजूरी की सूचना दी जाती है.
उन्होंने कहा कि सरकार का अधिकारियों पर कोई पकड़ नहीं रह गई है और ये सूचना कैसे लीक की गई, किसके द्वारा बैठक से पहले कार्यों की मंजूरी की सूचि दी गई, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व भाजपा विधायक पर कार्यों का श्रय लेने के आरोप भी लगाए. उन्होंने बद्दी में बिजली बोर्ड में तैनात एसडीओ सुरेश भारद्वाज पर रिश्वत लेने के आरोप भी लगाए और इसकी बाकायदा ऑडियो क्लिप (Audio clip) भी जारी की. जिसमे एक ठेकेदार से एसडीओ द्वारा दस हजार लेने की बात कही जा रही है.
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राणा ने कहा कि बद्दी में एसडीओ शरेआम लोगों और ठेकेदारों से रिश्वत मांग रहा है (SDO asking for a bribe) और उन्होंने सबूतों के साथ इसकी शिकायत सरकार के उच्च अधिकारियों, बिजली बोर्ड के एमडी और डीजीपी तक (Complaint to DGP Himachal) की है. लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में साफ जाहिर है कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को संरक्षण दे रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार उक्त एसडीओ पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो जल्द ही बद्दी नालागढ़ में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन और चक्का जाम भी किया जाएगा.
वहीं, जेसीसी की बैठक में पुलिस जावनों (JCC meeting) के लिए कोई राहत न देने पर लखविंदर राणा ने सरकार पर भेदभाव के आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि पुलिस जवान रात दिन ड्यूटी करते हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने (Cm Jairam on Police personnel) अन्य सभी कर्मचारियों को राहत दी, लेकिन पुलिस जवानों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई. अन्य कर्मियों का कॉन्ट्रैक्ट तीन से दो साल किया (contract period in Himachal) गया, लेकिन पुलिस जवानों के आठ साल बाद मिलने वाले वित्तीय लाभ को कम नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यदि ये सरकार इन पुलिस जावनों के हक में कोई फैसला नहीं लेती है, तो कांग्रेस सरकार आने पर इनकी मांगों को जरूर पूरा किया जाएगा.
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