किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई है, तब से किन्नौर में सारे विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं.
विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री के कार्यालयों से किन्नौर के अधिकारियों को फोन करके धमकाने का काम कर रहे हैं और अपने निजी कार्य करवा रहे हैं. नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में आज सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. आलम ये है कि कार्यालयों में कर्मचारी नहीं है, शिक्षा के लिए स्कूलों में अध्यापक नहीं है. इसके अलावा बीजेपी के कुछ नेता ट्रांसफर नीति में लगे हुए हैं और अच्छे शिक्षकों के ट्रांसफर किये जा रहे हैं. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग में मनमर्जी से ठेकेदारो को प्रदेश सरकार के दबाव में टेबल टेंडर दिए जा रहे है और जिले में सभी अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं.
नेगी ने कहा कि पूरे प्रदेश के जनजातीय जिलो में आज दो साल बीत जाने पर भी संवैधानिक जनजातीय सलाहाकार परिषद की बैठक नहीं करवाई गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास फालतू दौरा करने का समय है, लेकिन जनजातियों की समस्याएं सुनने का वक्त नहीं है.
नेगी ने कहा कि जिला के अंदर एक पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन के अभाव के कारण जेएसडब्ल्यू कंपनी से उरणी में आईटीआई भवन को एक रुपये लीज में कांग्रेस सरकार के समय में लिया गया था. जिसमे जेएसडब्ल्यू ने भी हामी भरी थी, लेकिन बीजेपी के नेताओ ने इसमें भी राजनीति कर पॉलिटेक्निक के भवन में पॉलिटेक्निक भवन में क्लास लगने नहीं दी. ऐसे में किन्नौर के 240 पॉलिटेक्निक के छात्र रोहड़ू में तंगी में पढ़ाई करने में मजबूर हैं.