किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के निचार तहसील के तहत काचे गांव में 6 नवंबर की रात करीब साढ़े 9 बजे सुनील नामक युवक के हत्या का मामला सामने आया था. इस मामले की सही तरह से छानबीन नहीं होने को लेकर काचे के ग्रामीणों ने सोमवार को भावानगर में एनएच-5 को करीब चार घंटे बंद किया था.
इस मामले में पुलिस थाना भावानगर पर भी लोगों ने सवाल खड़े किए हैं. वहीं, अब इस मामले को लेकर किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने भी किन्नौर पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं. रिकांगपिओ में आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने कहा कि काचे गांव मे 6 नवंबर की रात साढ़े 9 बजे के करीब चार युवक सड़क किनारे शराब पीने बैठे थे जिनमें एक नेपाली मूल का युवक भी था.
इस बीच काचे का निवासी सुनील नामक युवक और दूसरे युवकों में बहसबाजी हुई जिसके बाद सुनील की हत्या हो गई. पुलिस को हत्या के बारे में भी सूचना उन्हीं युवकों में से टिक्कम नामक युवक ने दी. पुलिस ने इस हत्या मामले में एफआईआर दर्ज की है लेकिन टिक्कम और दूसरे युवक शशि ने सुनील को अस्पताल ले जाने के बजाय उसे वहीं छोड़ दिया और नेपाली मूल के व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया.
इसके बावजूद पुलिस भी इस मामले की पूरी छानबीन किए बिना नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार कर देती है जबकि एफआईआर में कहीं भी नेपाली को टिक्कम ने दोषी नहीं लिखवाया गया है. उन्होंने कहा कि भावानगर थाना काचे से केवल 7 किलोमीटर दूर है और पुलिस मौके पर 4 घंटे बाद पहुंची है जिस पर भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं.
दोनों युवकों के मौके पर होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना और हत्या के स्थान पर चार घंटे देरी से पहुंचना से कहीं ना कहीं पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होते हैं. नेगी ने कहा कि इस मामले में किन्नौर पुलिस की बहुत सारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं और सुनील के असली आरोपी अभी भी पकड़े नहीं गए हैं.
इस मामले में नेपाली को गिरफ्तार कर पुलिस दो अन्य युवकों को बचाने की कोशिश भी करती दिख रही है. उन्होंने एसआईटी गठित कर मामले की जांच करने की मांग की है ताकि सुनिल के असली हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.
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