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पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी पर भड़के विधायक आशीष बुटेल, सरकार को दी ये चेतावनी

विधायक आशीष पटेल ने कहा की पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. उन्होंने सरकार से नियमित डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार नियमित डॉक्टर तैनात नहीं (Shortage of Doctors in Palampur Hospital) करती है तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र करने के साथ ही अस्पताल में ताला लगा दिया जाएगा.

MLA Ashish Butail On Shortage of Doctors in Palampur
विधायक आशीष बुटेल
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Published : Jun 8, 2022, 3:20 PM IST

शिमला: पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर अस्पताल के बाहर कांग्रेस और कई संस्थाओं द्वारा कई दिनों की भूख हड़ताल के बाद डेपुटेशन पर सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती कर दी है. लेकिन कांग्रेस के विधायक आशीष बुटेल ने (MLA Ashish Butail On Shortage of Doctors in Palampur) सरकार से नियमित डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार नियमित डॉक्टर तैनात नहीं करती है तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र करने के साथ ही अस्पताल में ताला लगा दिया जाएगा.

विधायक आशीष पटेल ने कहा की पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. बाल रोग रोग विशेषज्ञ ना होने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. अस्पताल के तीन-तीन विभागों में विशेषज्ञों की कमी सहित प्रयोगशालाओं के टेस्ट व अल्ट्रासांउड की सुविधा तक छीन ली गई है. पांच विधानसभाओं की गरीब जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाला 250 बिस्तर का सिविल अस्पताल पालमपुर अब प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं से (Shortage of Doctors in Palampur Hospital) भी वंचित है. पिछले पांच वर्षाें से अस्पताल में जरूरी चिकित्सा सुविधाएं भी तक नहीं दी जा रही है. प्रदेश सरकार की ओर से पालमपुर की अनदेखी का नतीजा इलाके की गरीब जनता को इलाज के लिए महंगे निजी अस्पतालों का रुख करके भुगतना पड़ रहा है.

विधायक आशीष बुटेल

उन्होंने कहा कि शिशु रोग, हड्डी रोग, रेडियोलॉजिस्ट सहित अन्य जरूरी प्रयोगशाला टेस्ट के मुद्दों को अनेकों बार विधानसभा पटल में उठाया जा चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पर कोई असर नहीं हुआ है. जिसके चलते कांग्रेस सहित कई एनजीओ को क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा. जिसके बाद (Shortage of Doctors in Palampur Hospital) भी सरकार ने एक महीने के डेपुटेशन पर डॉक्टर को तैनाती की है. जिसके चलते क्रमिक अनशन को तो खत्म कर दिया गया है लेकिन जल्द ही नियमित डॉक्टर की तैनाती नहीं होती है तो दोबारा से उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा और अस्पताल में ताले लगाने से भी वे पीछे नहीं हटेंगे.

वहीं, विधायक आशीष बुटेल ने पालमपुर अस्पताल के आधे-अधूरे ब्लॉक का उद्घाटन करने पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री ने अप्रैल महीने में इस ब्लॉक का उद्घाटन किया जबकि कांग्रेस समय में ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया था. लेकिन इस भवन में अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं है और भाजपा नेताओं द्वारा आनन-फानन में इस भवन का उद्घाटन करवाया गया. मुख्यमंत्री से इस अधूरे भवन का उद्घाटन किसके द्वारा करवाया गया इसकी जांच की जानी चाहिए.

प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को (Himachal police paper leak case) लेकर भी आशीष बुटेल ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने सीबीआई की जांच की मांग की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की बात कही लेकिन उससे मुख्यमंत्री ने यूटर्न लिया और एसआईटी से ही जांच करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो इनकी पार्टी के हैं, उन्हें बचाने के लिए सरकार सीबीआई जांच नहीं करवा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

शिमला: पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर अस्पताल के बाहर कांग्रेस और कई संस्थाओं द्वारा कई दिनों की भूख हड़ताल के बाद डेपुटेशन पर सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती कर दी है. लेकिन कांग्रेस के विधायक आशीष बुटेल ने (MLA Ashish Butail On Shortage of Doctors in Palampur) सरकार से नियमित डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार नियमित डॉक्टर तैनात नहीं करती है तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र करने के साथ ही अस्पताल में ताला लगा दिया जाएगा.

विधायक आशीष पटेल ने कहा की पालमपुर अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. बाल रोग रोग विशेषज्ञ ना होने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. अस्पताल के तीन-तीन विभागों में विशेषज्ञों की कमी सहित प्रयोगशालाओं के टेस्ट व अल्ट्रासांउड की सुविधा तक छीन ली गई है. पांच विधानसभाओं की गरीब जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाला 250 बिस्तर का सिविल अस्पताल पालमपुर अब प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं से (Shortage of Doctors in Palampur Hospital) भी वंचित है. पिछले पांच वर्षाें से अस्पताल में जरूरी चिकित्सा सुविधाएं भी तक नहीं दी जा रही है. प्रदेश सरकार की ओर से पालमपुर की अनदेखी का नतीजा इलाके की गरीब जनता को इलाज के लिए महंगे निजी अस्पतालों का रुख करके भुगतना पड़ रहा है.

विधायक आशीष बुटेल

उन्होंने कहा कि शिशु रोग, हड्डी रोग, रेडियोलॉजिस्ट सहित अन्य जरूरी प्रयोगशाला टेस्ट के मुद्दों को अनेकों बार विधानसभा पटल में उठाया जा चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पर कोई असर नहीं हुआ है. जिसके चलते कांग्रेस सहित कई एनजीओ को क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा. जिसके बाद (Shortage of Doctors in Palampur Hospital) भी सरकार ने एक महीने के डेपुटेशन पर डॉक्टर को तैनाती की है. जिसके चलते क्रमिक अनशन को तो खत्म कर दिया गया है लेकिन जल्द ही नियमित डॉक्टर की तैनाती नहीं होती है तो दोबारा से उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा और अस्पताल में ताले लगाने से भी वे पीछे नहीं हटेंगे.

वहीं, विधायक आशीष बुटेल ने पालमपुर अस्पताल के आधे-अधूरे ब्लॉक का उद्घाटन करने पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री ने अप्रैल महीने में इस ब्लॉक का उद्घाटन किया जबकि कांग्रेस समय में ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया था. लेकिन इस भवन में अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं है और भाजपा नेताओं द्वारा आनन-फानन में इस भवन का उद्घाटन करवाया गया. मुख्यमंत्री से इस अधूरे भवन का उद्घाटन किसके द्वारा करवाया गया इसकी जांच की जानी चाहिए.

प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को (Himachal police paper leak case) लेकर भी आशीष बुटेल ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने सीबीआई की जांच की मांग की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की बात कही लेकिन उससे मुख्यमंत्री ने यूटर्न लिया और एसआईटी से ही जांच करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो इनकी पार्टी के हैं, उन्हें बचाने के लिए सरकार सीबीआई जांच नहीं करवा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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