ETV Bharat / city

हिमाचल में मोबाइल पशु चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा, केंद्र ने जारी किए 1.44 करोड़: वीरेंद्र कंवर

author img

By

Published : Dec 29, 2021, 6:06 PM IST

केंद्र सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के तहत राज्य में 9 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए 1.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. इससे प्रदेश में पशु एंबुलेंस सेवा को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को अपने पशुधन के लिए घर-द्वार के समीप ही (Mobile veterinary facility in Himachal) चिकित्सा सेवा मिलेगी. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों से प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने में भी बेहतर सहायता मिलेगी. वहीं, प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की खरीद व संचालन (Pashudhan Yojana 2021) पर 16 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.

Minister Virender Kanwar
मंत्री वीरेंद्र कंवर

शिमला: केंद्र सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण (Pashudhan Yojana 2021) योजना के तहत राज्य में 9 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए 1.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. यह जानकारी हिमाचल पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बुधवार को बताई. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में पशु एंबुलेंस सेवा को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को अपने पशुधन के लिए घर-द्वार के समीप ही चिकित्सा सेवा मिलेगी.

उन्होंने कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों से प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने में भी बेहतर सहायता मिलेगी. प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा (Mobile veterinary facility in Himachal) इकाई की खरीद व संचालन पर 16 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पशुपालन प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान दे रहा है, जिसके राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं.

उन्होंने कहा कि पशुओं के स्वास्थ्य की उचित (Animal Husbandry Minister Virender Kanwar Himachal) देखभाल के लिए पशु स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है. प्रदेश सरकार ने चार साल के अंदर प्रदेश में एक पशु चिकित्सा अस्पताल, एक नया पशु पॉलीक्लीनिक तथा 10 नए पशु औषधालय खोले गए (Animal Polyclinic in Himachal) हैं. इसके अलावा 23 पशु औषधालयों को पशु अस्पताल, एक पशु औषधालय को जोनल पशु अस्पताल और एक पशु अस्पताल को उप-मण्डलीय पशु अस्पताल में स्तरोन्नत किया है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में नई पशु प्रजनन नीति लागू की गई है, जिसमें साहिवाल, रेड सिंधी, गीर तथा थारपार्कर प्रजातियों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (National Artificial Insemination Programme Himachal) के तहत प्रदेश को केन्द्र सरकार से 30.58 करोड़ रुपये भी प्राप्त हुए हैं. हिमाचली पहाड़ी नस्ल के पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में हिमाचली पहाड़ी गाय फार्म की स्थापना की जा रही है.

पशुपालन मंत्री ने कहा कि सरकार ने गौवंश का संरक्षण करने के लिए गौसेवा आयोग का गठन किया (Pahari cow breed Himachal) है. राज्य सरकार ने इस साल के अंत तक सड़कों पर भटकने को मजबूर गौवंश को सहारा देने के लिए लक्ष्य तय किया है. मौजूदा समय में विभिन्न गौशालाओं में 18 हजार बेसहारा (Gauseva Aayog in Himachal) गाय और बैल सुरक्षित रह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग निजी गौ सदनों को भी प्रोत्साहित कर रहा है. प्रदेश सरकार गौ सेवा आयोग के माध्यम से बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए कई कारगर कदम उठा रही है. प्रत्येक जिले में स्मार्ट गौशाला (Smart Gaushala in Himachal) स्थापित की जा रही हैं. वर्तमान में 2 जिलों सोलन एवं कांगड़ा में स्मार्ट गौशाला की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इन गौशालाओं की क्षमता तीन हजार गौवंश प्रति गौशाला होगी.

उन्होंने कहा कि संचालक यहां पर 20 प्रतिशत दुधारू गौवंश रख सकेंगे. प्रत्येक जिला में गौशालाओं को एनिमल लिफ्टर उपलब्ध करवाने के लिए भी कदम (Animal lifter machine) उठाए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त गौ सदनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रारम्भ में प्रदेश में बेहतर कार्य कर रहे दस गौ सदनों को गौ विज्ञान केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला में स्थापित होने वाले गौ विज्ञान केंद्रों के माध्यम से भारतीय मूल की गौवंश के अनुसंधान को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इन केंद्रों के माध्यम से गाय का दूध बढ़ाने तथा पंचगव्य व अन्य गौवंश पदार्थों के उत्पादन को भी अपनाया जाएगा ताकि यह गौशाला आत्मनिर्भर बन सकें.

ये भी पढ़ें: Sports Minister Rakesh Pathania in Bilaspur: हिमाचल प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्र में अब शुरू होगा खेल महाकुंभ

शिमला: केंद्र सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण (Pashudhan Yojana 2021) योजना के तहत राज्य में 9 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए 1.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. यह जानकारी हिमाचल पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बुधवार को बताई. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में पशु एंबुलेंस सेवा को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को अपने पशुधन के लिए घर-द्वार के समीप ही चिकित्सा सेवा मिलेगी.

उन्होंने कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों से प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने में भी बेहतर सहायता मिलेगी. प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा (Mobile veterinary facility in Himachal) इकाई की खरीद व संचालन पर 16 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पशुपालन प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान दे रहा है, जिसके राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं.

उन्होंने कहा कि पशुओं के स्वास्थ्य की उचित (Animal Husbandry Minister Virender Kanwar Himachal) देखभाल के लिए पशु स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है. प्रदेश सरकार ने चार साल के अंदर प्रदेश में एक पशु चिकित्सा अस्पताल, एक नया पशु पॉलीक्लीनिक तथा 10 नए पशु औषधालय खोले गए (Animal Polyclinic in Himachal) हैं. इसके अलावा 23 पशु औषधालयों को पशु अस्पताल, एक पशु औषधालय को जोनल पशु अस्पताल और एक पशु अस्पताल को उप-मण्डलीय पशु अस्पताल में स्तरोन्नत किया है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में नई पशु प्रजनन नीति लागू की गई है, जिसमें साहिवाल, रेड सिंधी, गीर तथा थारपार्कर प्रजातियों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (National Artificial Insemination Programme Himachal) के तहत प्रदेश को केन्द्र सरकार से 30.58 करोड़ रुपये भी प्राप्त हुए हैं. हिमाचली पहाड़ी नस्ल के पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में हिमाचली पहाड़ी गाय फार्म की स्थापना की जा रही है.

पशुपालन मंत्री ने कहा कि सरकार ने गौवंश का संरक्षण करने के लिए गौसेवा आयोग का गठन किया (Pahari cow breed Himachal) है. राज्य सरकार ने इस साल के अंत तक सड़कों पर भटकने को मजबूर गौवंश को सहारा देने के लिए लक्ष्य तय किया है. मौजूदा समय में विभिन्न गौशालाओं में 18 हजार बेसहारा (Gauseva Aayog in Himachal) गाय और बैल सुरक्षित रह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग निजी गौ सदनों को भी प्रोत्साहित कर रहा है. प्रदेश सरकार गौ सेवा आयोग के माध्यम से बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए कई कारगर कदम उठा रही है. प्रत्येक जिले में स्मार्ट गौशाला (Smart Gaushala in Himachal) स्थापित की जा रही हैं. वर्तमान में 2 जिलों सोलन एवं कांगड़ा में स्मार्ट गौशाला की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इन गौशालाओं की क्षमता तीन हजार गौवंश प्रति गौशाला होगी.

उन्होंने कहा कि संचालक यहां पर 20 प्रतिशत दुधारू गौवंश रख सकेंगे. प्रत्येक जिला में गौशालाओं को एनिमल लिफ्टर उपलब्ध करवाने के लिए भी कदम (Animal lifter machine) उठाए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त गौ सदनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रारम्भ में प्रदेश में बेहतर कार्य कर रहे दस गौ सदनों को गौ विज्ञान केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला में स्थापित होने वाले गौ विज्ञान केंद्रों के माध्यम से भारतीय मूल की गौवंश के अनुसंधान को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इन केंद्रों के माध्यम से गाय का दूध बढ़ाने तथा पंचगव्य व अन्य गौवंश पदार्थों के उत्पादन को भी अपनाया जाएगा ताकि यह गौशाला आत्मनिर्भर बन सकें.

ये भी पढ़ें: Sports Minister Rakesh Pathania in Bilaspur: हिमाचल प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्र में अब शुरू होगा खेल महाकुंभ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.