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हिमाचल में इस साल पर्यटकों की पूरी होगी व्हाइट क्रिसमस की आस! पर्यटन कारोबारियों में उत्साह

हिमाचल की राजधानी शिमला में सैलानियों को इस बार क्रिसमस के मौके पर बर्फबारी का दीदार (White Christmas in Shimla ) हो सकता है. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि बर्फबारी (Snowfall in Himachal on Christmas ) तापमान पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि शिमला में 3 दिसंबर के आसपास शुरू हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में बर्फबारी की उम्मीद है. पिछले 30 सालों में सैलानी सिर्फ दो बार साल 1991 और साल 2016 में ही क्रिसमस पर बर्फबारी (White Christmas in Himachal) का आनंद उठा सके हैं.

White Christmas in shimla.
शिमला में व्हाइट क्रिसमस.
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Published : Dec 13, 2021, 10:41 PM IST

शिमला: गुजरते साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में पर्यटकों और शिमला के लोगों को बर्फबारी का इंतजार रहता है. खासकर देश-विदेश से सैलानी बड़े दिन यानी 25 दिसंबर को व्हाइट क्रिसमस सेलिब्रेशन (White Christmas in Shimla ) की आस लिए शिमला आते हैं, लेकिन कई वर्षों से शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी (Snowfall in Himachal on Christmas ) नहीं हो रही है.

आखिरी बार 2016 में 25 साल बाद व्हाइट क्रिसमस (White Christmas in Himachal) देखने को मिला था, लेकिन इस बार क्रिसमस पर बर्फबारी के दीदार की संभावना बन रही है. अक्टूबर महीने में ही पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार दिसंबर में बर्फबारी का दौर जल्द शुरू होने की संभावना जताई है. पिछले कई वर्षों से शिमला में बर्फबारी में काफी कमी आई है. क्लाइमेट चेंज का असर खास कर पहाड़ों पर साफ देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर पहले के समय दिसंबर माह से ही बर्फबारी का दौर जारी हो जाता था, लेकिन 1991 के बाद स्नो स्पेल कम होना शुरू हो गए.

शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी की बात करें तो 1991 में 25 दिसंबर को अच्छी बर्फबारी हुई थी. उसके बाद 2016 में ही क्रिसमस पर बर्फबारी देखने को मिली है, लेकिन उसके बाद क्रिसमस पर बर्फबारी नहीं हुई है. व्हाइट क्रिसमस मनाने खास कर बाहरी राज्यों से काफी तादाद में लोग शिमला आते हैं. पर्यटक क्रिसमस से दो दिन पहले ही शिमला पहुंच जाते हैं. इस दौरान शिमला में होटल पूरी तरह से पैक (Fully packed hotels in Shimla) रहते हैं.

हालांकि, कई वर्षों से क्रिसमस पर बर्फबारी नहीं होने से पर्यटकों को निराश हो कर लौटना पड़ता है. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को भी क्रिसमस पर बर्फबारी का इतंजार रहता है. बर्फबारी देखने के लिए कई बार पर्यटक न्यू ईयर तक यहीं रहते हैं. ऐसे में पर्यटन कारोबारियों की अच्छी आमदनी (famous tourist places in shimla) होती है. पर्यटन कारोबारियों को भी इस बार दिसंबर माह में अच्छी बर्फबारी होने की आस है. कोरोना के चलते पहले ही दो सालों से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. इस साल समर सीजन में ज्यादा पर्यटक नहीं आए हैं. ऐसे में विंटर सीजन में कारोबार (tourism business in winter season) बेहतर होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: Agriculture Commission Himachal: हिमाचल में 90 फीसदी किसान-बागवान, फिर भी कृषि आयोग के गठन पर चुप है सरकार

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि बर्फबारी तापमान पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि शिमला में 3 दिसंबर के आसपास शुरू हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में बर्फबारी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि तापमान में भारी कमी आने पर ही बर्फबारी होती है. इस बार अक्टूबर माह में ही बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था. ऐसे में दिसंबर में शिमला में बर्फबारी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी काफी समय से नहीं हो रही है. बीते 30 सालों में केवल दो तीन बार ही बर्फबारी देखने को मिली है. बर्फबारी कम होने का मुख्य कारण क्लाइमेट चेंज है. पहाड़ों पर बर्फबारी के स्पेल हर साल कम होते जा रहे हैं. प्रदेश में 15 नवंबर से विंटर सीजन शुरू हो गया और दिसंबर माह में यदि ठंड बढ़ती है तो बर्फबारी होने की उम्मीद है.

पहाड़ों की रानी शिमला में कई वर्षों से व्हाइट क्रिसमस की हसरत पूरी नहीं हो रही है. पर्यटक हर साल बर्फबारी की आस में शिमला में क्रिसमस मानने पहुंचे हैं. शिमला में 2016 में 25 सालों में एक बार ही व्हाइट क्रिसमस देखने को मिला था. इससे पहले शिमला में 1991 में 24 और 25 दिसंबर को जमकर बर्फबारी हुई थी. उसके बाद 2016 में बर्फबारी हुई थी, लेकिन पिछले चार सालों से व्हाइट क्रिसमस नहीं हो पाया है.

शिमला में बर्फबारी
साल कब से कब तक
1991 24 से 25 दिसंबर
199428 से 29 दिसंबर
199521, 22 और 31 दिसंबर
19971 और 20 दिसंबर
20003 दिसंबर
200331 दिसंबर
200611 दिसंबर
200714 और 15 दिसंबर
201031 दिसंबर
201211 दिसंबर
201316 दिसंबर
201625 दिसंबर
201730 और 31 दिसंबर
201812 दिसंबर
शिमला में साल 2019 और 2020 में क्रिसमस में बर्फबारी नहीं हुई.

ये भी पढ़ें: ऊर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश को पसंद नहीं है विद्युत संशोधन अधिनियम, जानिए क्यों हो रहा विरोध

शिमला: गुजरते साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में पर्यटकों और शिमला के लोगों को बर्फबारी का इंतजार रहता है. खासकर देश-विदेश से सैलानी बड़े दिन यानी 25 दिसंबर को व्हाइट क्रिसमस सेलिब्रेशन (White Christmas in Shimla ) की आस लिए शिमला आते हैं, लेकिन कई वर्षों से शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी (Snowfall in Himachal on Christmas ) नहीं हो रही है.

आखिरी बार 2016 में 25 साल बाद व्हाइट क्रिसमस (White Christmas in Himachal) देखने को मिला था, लेकिन इस बार क्रिसमस पर बर्फबारी के दीदार की संभावना बन रही है. अक्टूबर महीने में ही पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार दिसंबर में बर्फबारी का दौर जल्द शुरू होने की संभावना जताई है. पिछले कई वर्षों से शिमला में बर्फबारी में काफी कमी आई है. क्लाइमेट चेंज का असर खास कर पहाड़ों पर साफ देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर पहले के समय दिसंबर माह से ही बर्फबारी का दौर जारी हो जाता था, लेकिन 1991 के बाद स्नो स्पेल कम होना शुरू हो गए.

शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी की बात करें तो 1991 में 25 दिसंबर को अच्छी बर्फबारी हुई थी. उसके बाद 2016 में ही क्रिसमस पर बर्फबारी देखने को मिली है, लेकिन उसके बाद क्रिसमस पर बर्फबारी नहीं हुई है. व्हाइट क्रिसमस मनाने खास कर बाहरी राज्यों से काफी तादाद में लोग शिमला आते हैं. पर्यटक क्रिसमस से दो दिन पहले ही शिमला पहुंच जाते हैं. इस दौरान शिमला में होटल पूरी तरह से पैक (Fully packed hotels in Shimla) रहते हैं.

हालांकि, कई वर्षों से क्रिसमस पर बर्फबारी नहीं होने से पर्यटकों को निराश हो कर लौटना पड़ता है. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को भी क्रिसमस पर बर्फबारी का इतंजार रहता है. बर्फबारी देखने के लिए कई बार पर्यटक न्यू ईयर तक यहीं रहते हैं. ऐसे में पर्यटन कारोबारियों की अच्छी आमदनी (famous tourist places in shimla) होती है. पर्यटन कारोबारियों को भी इस बार दिसंबर माह में अच्छी बर्फबारी होने की आस है. कोरोना के चलते पहले ही दो सालों से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. इस साल समर सीजन में ज्यादा पर्यटक नहीं आए हैं. ऐसे में विंटर सीजन में कारोबार (tourism business in winter season) बेहतर होने की उम्मीद है.

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मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि बर्फबारी तापमान पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि शिमला में 3 दिसंबर के आसपास शुरू हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में बर्फबारी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि तापमान में भारी कमी आने पर ही बर्फबारी होती है. इस बार अक्टूबर माह में ही बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था. ऐसे में दिसंबर में शिमला में बर्फबारी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी काफी समय से नहीं हो रही है. बीते 30 सालों में केवल दो तीन बार ही बर्फबारी देखने को मिली है. बर्फबारी कम होने का मुख्य कारण क्लाइमेट चेंज है. पहाड़ों पर बर्फबारी के स्पेल हर साल कम होते जा रहे हैं. प्रदेश में 15 नवंबर से विंटर सीजन शुरू हो गया और दिसंबर माह में यदि ठंड बढ़ती है तो बर्फबारी होने की उम्मीद है.

पहाड़ों की रानी शिमला में कई वर्षों से व्हाइट क्रिसमस की हसरत पूरी नहीं हो रही है. पर्यटक हर साल बर्फबारी की आस में शिमला में क्रिसमस मानने पहुंचे हैं. शिमला में 2016 में 25 सालों में एक बार ही व्हाइट क्रिसमस देखने को मिला था. इससे पहले शिमला में 1991 में 24 और 25 दिसंबर को जमकर बर्फबारी हुई थी. उसके बाद 2016 में बर्फबारी हुई थी, लेकिन पिछले चार सालों से व्हाइट क्रिसमस नहीं हो पाया है.

शिमला में बर्फबारी
साल कब से कब तक
1991 24 से 25 दिसंबर
199428 से 29 दिसंबर
199521, 22 और 31 दिसंबर
19971 और 20 दिसंबर
20003 दिसंबर
200331 दिसंबर
200611 दिसंबर
200714 और 15 दिसंबर
201031 दिसंबर
201211 दिसंबर
201316 दिसंबर
201625 दिसंबर
201730 और 31 दिसंबर
201812 दिसंबर
शिमला में साल 2019 और 2020 में क्रिसमस में बर्फबारी नहीं हुई.

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