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महाराष्ट्र और बंगाल के ट्रैवल एजेंटों ने भी दी शिमला को बायकॉट करने की चेतावनी, जानें वजह

समर टूरिस्ट सीजन की शुरुआत में ही शिमला के पर्यटन कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. गुजरात के अलावा अन्य कई राज्यों के ट्रैवल एजेंटों ने शिमला का बायकॉट करने का एलान कर दिया है. शिमला में टूरिस्ट बसों को (Travel Agents Boycott Shimla) एंट्री न मिलने और ट्रैफिक जाम से होने वाली परेशानी के कारण ट्रैवल एजेंट्स शिमला के स्थान पर टूरिस्ट ग्रुपों को मनाली या कश्मीर भेज रहे हैं.

Travel Agents Boycott Shimla
ट्रैवल एजेंटों ने किया शिमला का बायकॉट
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Published : Apr 11, 2022, 5:19 PM IST

Updated : Apr 11, 2022, 6:05 PM IST

शिमला: कोरोना के मामले कम होने के बाद इस बार प्रदेश में पर्यटक कारोबार अच्छा होने की उम्मीद कारोबारियों को जगी है. समर सीजन से पहले ही पर्यटकों की आमद बढ़ गई है, लेकिन शिमला शहर में पर्यटकों की बसों को एंट्री न मिलने से अन्य राज्यों के ट्रैवल एजेंट शिमला बसें न भेजने की बात कर रहे हैं. बीते दिन जहां गुजरात ट्रैवल एजेंटों ने शिमला का बायकॉट किया था वहीं, महाराष्ट्र और बंगाल के ट्रैवल एजेंटों ने भी बसें न भेजने की चेतावनी दी है.

शिमला टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Shimla Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार से इन ट्रैवल एजेंटों से बात करने और शहर के लिए ट्रैफिक प्लान बना कर शहर में पर्यटकों की बसों को एंट्री देने की मांग की है. नवीन पॉल ने कहा कि हर साल बाहरी राज्यों से खासकर गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र से पर्यटकों (Travel Agents Boycott Shimla) की बसें आती हैं और यह बसें सीजन ही नहीं बल्कि ऑफ सीजन में भी पर्यटकों को लेकर यहां पहुंचती है, लेकिन शिमला शहर में बसों को एंट्री न देने पर कई राज्यों के ट्रैवल एजेंट अपनी बसें भेजने से इंकार कर रहे हैं. जिससे यहां पर पर्यटन कारोबार पर बुरा असर पड़ने वाला है. गुजरात के बाद महाराष्ट्र और बंगाल के एजेंट भी फोन कर बसें न भेजने की बात कर रहे हैं.

ट्रैवल एजेंटों ने किया शिमला का बायकॉट

उन्होंने कहा कि शिमला शहर को लेकर सरकार, पुलिस और जिला प्रशासन का कोई ट्रैफिक प्लान नहीं है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की बसों को टूटीकंडी में ही रोक दिया जाता है या फिर बाईपास से भेजा जा रहा है. जिससे पर्यटक परेशान हो रहे हैं. 2 दिन पहले भी एक टूरिस्ट बस, रात दस बजे जोकि ऑकलैंड टनल के पास पर्यटकों को लेने जा रही थी उसे रोक दिया गया. इससे पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी और उन्हें टूटीकंडी तक जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस तरह से ट्रैवल एजेंट यदि अपनी बसें शिमला नहीं भेजते हैं तो पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा.

कोरोना के चलते पहले ही 2 सालों से पर्यटन कारोबारी नुकसान झेल रहे हैं. वहीं, अब जब कोरोना के मामले कम हुए थे और कारोबार अच्छा होने की उम्मीद जगी थी तो अब बाहरी राज्य के ट्रैवल एजेंट पर्यटकों को (Travel Agents Boycott Shimla) यहां भेजने से इंकार कर रहे हैं. जिससे पर्यटन कारोबार फिर चौपट हो सकता है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मामले में हस्तक्षेप कर ट्रैवल एजेंटों से बात करने के साथ ही शिमला शहर के लिए ट्रैफिक प्लान बनाने की मांग की.

शिमला: कोरोना के मामले कम होने के बाद इस बार प्रदेश में पर्यटक कारोबार अच्छा होने की उम्मीद कारोबारियों को जगी है. समर सीजन से पहले ही पर्यटकों की आमद बढ़ गई है, लेकिन शिमला शहर में पर्यटकों की बसों को एंट्री न मिलने से अन्य राज्यों के ट्रैवल एजेंट शिमला बसें न भेजने की बात कर रहे हैं. बीते दिन जहां गुजरात ट्रैवल एजेंटों ने शिमला का बायकॉट किया था वहीं, महाराष्ट्र और बंगाल के ट्रैवल एजेंटों ने भी बसें न भेजने की चेतावनी दी है.

शिमला टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Shimla Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार से इन ट्रैवल एजेंटों से बात करने और शहर के लिए ट्रैफिक प्लान बना कर शहर में पर्यटकों की बसों को एंट्री देने की मांग की है. नवीन पॉल ने कहा कि हर साल बाहरी राज्यों से खासकर गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र से पर्यटकों (Travel Agents Boycott Shimla) की बसें आती हैं और यह बसें सीजन ही नहीं बल्कि ऑफ सीजन में भी पर्यटकों को लेकर यहां पहुंचती है, लेकिन शिमला शहर में बसों को एंट्री न देने पर कई राज्यों के ट्रैवल एजेंट अपनी बसें भेजने से इंकार कर रहे हैं. जिससे यहां पर पर्यटन कारोबार पर बुरा असर पड़ने वाला है. गुजरात के बाद महाराष्ट्र और बंगाल के एजेंट भी फोन कर बसें न भेजने की बात कर रहे हैं.

ट्रैवल एजेंटों ने किया शिमला का बायकॉट

उन्होंने कहा कि शिमला शहर को लेकर सरकार, पुलिस और जिला प्रशासन का कोई ट्रैफिक प्लान नहीं है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की बसों को टूटीकंडी में ही रोक दिया जाता है या फिर बाईपास से भेजा जा रहा है. जिससे पर्यटक परेशान हो रहे हैं. 2 दिन पहले भी एक टूरिस्ट बस, रात दस बजे जोकि ऑकलैंड टनल के पास पर्यटकों को लेने जा रही थी उसे रोक दिया गया. इससे पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी और उन्हें टूटीकंडी तक जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस तरह से ट्रैवल एजेंट यदि अपनी बसें शिमला नहीं भेजते हैं तो पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा.

कोरोना के चलते पहले ही 2 सालों से पर्यटन कारोबारी नुकसान झेल रहे हैं. वहीं, अब जब कोरोना के मामले कम हुए थे और कारोबार अच्छा होने की उम्मीद जगी थी तो अब बाहरी राज्य के ट्रैवल एजेंट पर्यटकों को (Travel Agents Boycott Shimla) यहां भेजने से इंकार कर रहे हैं. जिससे पर्यटन कारोबार फिर चौपट हो सकता है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मामले में हस्तक्षेप कर ट्रैवल एजेंटों से बात करने के साथ ही शिमला शहर के लिए ट्रैफिक प्लान बनाने की मांग की.

Last Updated : Apr 11, 2022, 6:05 PM IST
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